inter national womens day 8 march
प्रियंका निरंजन के प्रयासों से सूखी नदी में बहने लगी जलधारा
-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात में की थी इनके प्रयासों की तारीफ
जेपी पटेल, मिर्जापुर। महिलाओं के लिए इस साल का 8 मार्च बेहद खास है, महाशिवरात्री का पर्व और अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस एक साथ मनाया जाएगा।ऐसे में शिव के साथ देश की आधी आबादी की शक्ति को जरूर जानना चाहिए। इस खास मौके पर तेज-तर्रार महिला आईएएस प्रियंका निरंजन को जानिये जो अपने काम के बल पर तीसरे जनपद में जिलाधिकारी के रूप में कार्य कर रही हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी तारीफ कर चुके हैं। कोई भी जिलाधिकारी के पास पहुंचता है तो उसकी समस्या का निस्तारण जरूर कराने की कोशिश करती हैं। जिलाधिकारी के कार्य के साथ परिवार को भी समय देती हैं, जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन का मानना है कि किसी मिशन को पूरा करना है तो आधी आबादी का सहयोग जरूरी होता है।
देश की महिलाएं आज हर क्षेत्र में समाज को गढ़ने में अपनी अहम भागीदारी निभा रही हैं। उत्तर प्रदेश की भी बहादुर बेटियां अलग-अलग भूमिकाओं में सेवा कर रही हैं। पुरुषों के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रही हैं। हर दिन नए कीर्तिमान स्थापित कर रही हैं। 8 मार्च को पूरी दुनिया में महिला दिवस के रूप में मनाया जाता है। आज हम आपको तेज-तर्रार महिला आईएएस अफसर के बारे में बताने जा रहे हैं। जिनके काम को देखते हुए सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ जिला अधिकारी के पद पर लगातार अब तक तीन जनपदों की कमान संभालने को सौंप चुके हैं। हम बात कर रहे हैं आईएएस प्रियंका निरंजन की जो मिर्जापुर जिला अधिकारी के पद पर कार्य कर रही हैं। इनके काम की तारीफ हर कोई करता है। जनता दरबार के साथ ही जब भी कार्यालय पर पहुंचती हैं कोई फरियादी उस बीच भी फरियाद करने पहुचं जाता है तो उसकी भी सुनती हैं। जिला मुख्यालय पर मीटिंग में आते समय और मीटिंग से वापस आते समय कोई मिलता है तो उसकी भी सुनती हैं और उसकी समस्या का निस्तारण कराने की कोशिश करती हैं।
महिला दिवस को लेकर क्या बोलीं डीएम प्रियंका
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस को लेकर प्रियंका निरंजन से कई सवाल किए गए। सभी सवालों का उन्होंने बेबाक़ी से जवाब दिया। सबसे पहले शुरुआत करते हुए उन्होंने महिला दिवस पर आधी आबादी को शुभकामना दी । कहा सभी महिलाओं का जो लक्ष्य है, उसे प्राप्त करना चाहिए। जिलाधिकारी के रूप में जितना हो सकता है मैं प्रयास करती हूं। सरकार के द्वारा जो भी योजनाएं महिलाओं के लिए चलाई जा रही है उसे पहुंचने की कोशिश करती हूं। क्योंकि किसी मिशन को पूरा करना है तो आधी आबादी की जरूरत होती है। महिलाओं को नौकरी में लेकर जेंडर का भेदभाव कई जगह देखने को मिलता है। इसको लेकर उन्होंने कहा कि मेरे साथ ऐसी कोई घटना नहीं हुई, लेकिन आसपास देखने में हुई है तो उसका समाधान कराने की कोशिश की है. परिवार के साथ जिला चलाने को लेकर कहा कि दोनों की भूमिकाएं बढ़ जाती हैं। चुनौतियां तो बढ़ती हैं, लेकिन मेरा मानना है कि प्रयास करें तो कोई भी चुनौती बड़ी नहीं होगी।
दो दिन और दो जिलों की कमान एक साथ संभाल चुकी है प्रियंका
उत्तर प्रदेश में सितंबर 2023 में ट्रांसफर लिस्ट जारी हुआ। प्रियंका निरंजन बस्ती की डीएम थीं। उन्हें मिर्जापुर का डीएम बनाया गया। ट्रांसफर होने के बाद मिर्जापुर में ज्वाइन कर फिर पुराने जिले में जाकर काम को संभाल कर एक मिसाल कायम कर चुकी हैं। दरअसल आईएएस के ट्रांसफर के बाद बस्ती जिले में राज्यपाल का दौरा था. इस दौरान प्रियंका निरंजन को आदेश मिला तो वह नए जिले मिर्जापुर से छुट्टी लेकर वापस बस्ती जाकर राज्यपाल के दौरे के सभी कार्यक्रमों को संभाला था, जिसकी यूपी के प्रशासनिक गलियारे में खूब चर्चा हुई थी।
जालौन, बस्ती के बाद अब मिर्जापुर की हैं जिला अधिकारी
तेजतर्रार आईएएस प्रियंका निरंजन मिर्जापुर के मुख्य विकास अधिकारी के बाद अब जिलाधिकारी के पद पर कार्य कर रही हैं। प्रियंका निरंजन मिर्जापुर मुख्य विकास अधिकारी के बाद जालौन की जिलाधिकारी बनाई गई थीं। इसके बाद बस्ती में भी जिलाधिकारी के पद पर कार्य कर चुकी हैं। बस्ती से अब मिर्जापुर में आकर जिलाधिकारी के पद पर कार्य कर रही हैं। लोगों को उनके काम की शैली को खूब पसंद आ रही है।
सरकारी अस्पताल में बेटी को जन्म देकर पहली बार आई थीं चर्चा में
बड़े बड़े अधिकारी महंगे-महंगे अस्पतालों में अपना इलाज कराते होंगे, मगर आईएएस प्रियंका निरंजन की जब पहली पोस्टिंग मुजफ्फरनगर में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट के पद थी, तब उन्होंने सरकारी जिला अस्पताल में अपनी बेटी को जन्म दिया था। तब इनकी इस पहल की उत्तर प्रदेश में काफी तारीफ लोगों ने की थी।
सूखी नून नदी के जीर्णोद्धार पर पीएम ने की थी तारीफ
जालौन जनपद में जिला अधिकारी रहते प्रियंका निरंजन ने सूखी नून नदी को जीवित करने का काम किया था, जिसका जिक्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात प्रोग्राम में किया था और डीएम के काम की तारीफ़ भी की थी। दरअसल गर्मी के मौसम में पानी की समस्या जालौन में खड़ी हो जाती थी। सूखी नून नदी का जीर्णोद्धार का बीड़ा उठा कर 90 किलोमीटर लंबी नून नदी को अस्तित्व में डीएम ने ला दिया था। अब पानी के लिए वहां समस्या नही होती है। यही नही जालौन में रहते हुए वहां लायन सफारी की तर्ज पर काऊ सफारी की सौगात दी थी। बुंदेलखंड में अन्ना जानवरों से किसानों की फसल को चौपट होने से बचाने के लिए गौ-अभयारण्य केंद्र डकोर विकासखंड में 150 एकड़ भूमि में लगभग 2 करोड़ की लागत से बन रहा है। इससे किसानों को फायदा मिलेगा।
कौन हैं प्रियंका निरंजन
मिर्जापुर की डीएम प्रियंका निरंजन झांसी जनपद के गरौठा तहसील की रहने वाली हैं। इनके पिता पीडब्ल्यूडी ठेकेदार हैं और मां हाउस वाइफ। एक भाई दो बहनें हैं। प्रारंभिक शिक्षा से लेकर इंटर तक की पढ़ाई जालौन जिले में हुई है। इसके बाद इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन और इकोनॉमिक्स में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल कर प्रियंका निरंजन ने सिविल सेवा सर्विसेज की तैयारी 2008 में शुरू की थी। पांच प्रयासों में असफलता के बाद 2013 में यूपीएससी की परीक्षा पास की थी।
(जेपी पटेल वोब पोर्टल न्यूजअड्डा क्लिक के फाउंडर हैं।)