October 12, 2024 |

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मुर्दहवा पुल को लेकर कहां अटकी है कृपा, कोई तो चिट्ठी लिखे

Sachchi Baten

 

जमालपुर ब्लॉक में ओड़ी-देवरिल्ला मार्ग में पड़ने वाले मुर्दहवा नाले पर दो साल से बन रहा पुल

-किसी दिन जोरदार बारिश हुई तो कई गांवों के लोग हो जाएंगे कैद

-भाजपा जिला उपाध्यक्ष की चिट्टी में इतनी ताकत कि डीएम का हो गया तबादला

-लाख टके का सवाल, जनहित के इस मुद्दे पर पत्र क्यों नहीं लिखा जा रहा

राजेश पटेल, जमालपुर (सच्ची बातें)। जिलाधिकारी दिव्या मित्तल के स्थानांतरण के बाद एक पत्र वायरल हुआ था। इसे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लिखा था भारतीय जनता पार्टी के जिला उपाध्यक्ष विपुल सिंह ने। दावा किया गया था कि डीएम का ट्रांसफर इसी पत्र के कारण हुआ है।

जमालपुर की जनता चिट्ठी की ताकत जान चुकी है। यह भी चर्चा हो रही है कि जब उपाध्यक्ष डीएम का ट्रांसफर करा सकते हैं तो अध्यक्ष जनहित का कोई भी काम करा सकते हैं। भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष बृजभूषण सिंह से लोग निवेदन कर रहे हैं कि एक पत्र वह मुर्दहवा नाला पर बन रहे पुल को लेकर मुख्यमंत्री को लिखें। शायद कृपा यहीं पर अटकी हो।

 

इस पुल का निर्माण प्राविधिक शिक्षा मंत्री, आशीष पटेल की पहल पर करीब दो साल पहले शुरू हुआ। इसकी लागत मात्र 70 लाख के आसपास है। अभी तक निर्माण पूरा नहीं हो सका है। अनियमितता जो हुई है अलग से। यह तो संयोग कहिए कि दो साल से सूखा ही पड़ रहा है, नहीं तो भभौरा, देवरिल्ला, गुलौरी, मनई, ढेलवासपुर, बनौली, मनऊर, डूही कलॉ, चौकिया, डूही खुर्द आदि गांवों के लोग बरसात भर अपने गांव में ही कैद होकर रह जाते। इसका डायवर्जन भी मासा अल्लाह ही है।

 

 

ओड़ी व लोढ़वा गांव के कई किसानों के खेत भभौरा मौजा में हैं। उनको खेती करने आने के लिए इस नाले के पार करने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं है। यदि सामान्य बरसात इन दो वर्षों के दौरान होती तो ये किसान खेती के लिए भी इस पार नहीं आ पाते।

 

 

इसका निर्माण पूरा कराने के लिए लोक निर्माण विभाग मिर्जापुर निर्माण खंड दो के अधिशासी अभियंता देव पाल से कई बार किसानों ने कहा। अन्नदाता मंच के तत्वावधान में कई बार प्रदर्शन भी किए जा चुके हैं, लेकिन कोई सुनता ही नहीं। सवाल है कि आखिर यह छोटा सा पुल बनने में कितना समय और लगेगा।

 

 

पहली अगस्त को कुछ किसानों ने अधिशासी अभियंता के मिर्जापुर कार्यालय में जाकर पुल निर्माण शीघ्र पूरा कराने के लिए निवेदन किया। अधिशासी अभियंता ने तुरंत संबंधित जेई बीके पांडेय को फोन लगाया। कहा कि तुम्हारा सौभाग्य है, जो सूखा पड़ा है। नहीं तो भारी परेशानी हो जाती। कुछ और बात करने के बाद अधिशासी अभियंता ने आश्वस्त किया कि 15 अगस्त तक निर्माण पूरा हो जाएगा। दरअसल अब सिर्फ संपर्क मार्ग का निर्माण बाकी है।

 

 

15 सितंबर आने वाला है, अभी तक स्थिति जस की तस है। लिहाजा अन्नदाता मंच के संयोजक चौधरी रमेश सिंह, अजित कुमार सिंह, अभिषेक सिंह आदि किसान कहने लगे हैं कि सांसद, विधायक में से कोई एक पत्र मुख्यमंत्री को लिख दे तो इसका निर्माण पूरा हो सकता है। जब भाजपा उपाध्यक्ष की चिट्ठी में इतनी ताकत है कि डीएम का ट्रांसफर हो गया तो जिलाध्यक्ष ही पत्र लिख दें। आखिर है तो जनहित का मामला ही।

 


Sachchi Baten

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