November 7, 2024 |

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खंगाले कागज तो निकला पहाड़ और नाला…कहानी अहरौरा की

Sachchi Baten

करोड़ों की प्रॉपर्टी खरीद बना लिए घर-प्रतिष्ठान, अब बेदखली का सता रहा डर

– एसडीएम चुनार के आदेश से नाला तथा पहाड़ खाते में दर्ज हुई हिनौता के लतीफपुर गांव की 34 हेक्टेयर भूमि

– जांच के दौरान अनुमानित साढ़े 16 हेक्टेयर नाला, साढ़े 17 हेक्टेयर पहाड़ होने का मिला मामला

-एसडीएम ने दिया दस्तावेज दुरुस्त करने का आदेश

– 130 बैनामा होंगे प्रभावित, कार्रवाई की जद में कटर प्लांट, दोनों वाटर पार्क तथा बेटियों का रेस्टोरेंट

अहरौरा (सच्ची बातें)। खोदा पहाड़ निकली चुहिया। यह कहावत अब पुरानी हो गई है। अब कागजों को खंगाला जा रहा है तो वे जमीनें पहाड़ व नाले की निकल रही हैं, जिन पर बड़े-बड़े प्रतिष्ठान स्थापित हैं। ये जमीनें करोड़ों रुपये में खरीदी गई हैं। आज की तारीख में इनकी कीमत अरबों में है। जांच में मामला सामने आने के बाद चुनार के एसडीएम ने सभी खरीददारों का नाम निरस्त करते हुए 34 हेक्टेयर भूमि को पहाड़ व नाला में दर्ज करने का आदेश जारी किया है।

हिनौता के लतीफपुर में करोड़ों की प्रॉपर्टी बैनामा के जरिए खरीद कर ली गई, जो जांच के दौरान नाला तथा पहाड़ खाते की निकली। राजस्व विभाग द्वारा कराई गई जांच तथा मांगी गई रिपोर्ट के बाद विवादित भूमि की खरीद बिक्री तथा स्वामित्व परिवर्तन को लेकर चल रहे वाद की सुनवाई के दौरान 31 जनवरी को एसडीएम चुनार ने पहाड़ तथा नाला खाते को मिलाकर तकरीबन 34 हेक्टेयर भूमि की खतौनी में सुधार करने का आदेश जारी किया है। इसके चलते करोड़ों की संपत्ति खरीद कर घर बनाने वालों को बेदखली की कार्रवाई का डर सता रहा है। इस आदेश के प्रभाव में वाटर पार्क बेटियों का रेस्टोरेंट कटर प्लांट तथा 130 भू स्वामी की भू संपत्ति का मालिकाना परिवर्तित होगा।

लतीफपुर गांव के विभिन्न खातों में अंकित तकरीबन 34 हेक्टेयर भूमि राजस्व विभाग की जांच में पहाड़ तथा नाले की सुरक्षित भूमि मिली है, जिसे जोत के लिए आवंटित किया गया था। उपरोक्त भूमि पर सैकड़ों लोगों ने अपना घर बना लिया तथा कुछ लोगों ने परती ही रहने दी। बैनामा के जरिए तकरीबन 130 लोगों ने उपरोक्त पहाड़ तथा नाले खाते की भूमि अपने नाम करा ली है।

जांच रिपोर्ट में मामले का खुलासा हुआ कि पहाड़ तथा नाले की भूमि धड़ल्ले से बैनामा की जा रही है, जिस पर करोड़ों रुपये की प्रॉपर्टी बना ली गई है। मामले की सुनवाई करते हुए उप जिलाधिकारी चुनार चंद्रभानु सिंह ने लगभग 130 लोगों का नाम निरस्त कर पूर्व की भांति नाला और पहाड़ का नाम दर्ज करने का आदेश दिया है। प्रकरण की जानकारी होते ही भू स्वामी खातेदारों में हड़कंप मचा हुआ है। आदेश का प्रभाव कटर प्लांट, वाटर पार्क, कई व्यावसायिक प्रतिष्ठान तथा बेटियों के रेस्टोरेंट पर भी पड़ेगा। इतना ही नहीं, कुछ लोग अपने आवास से भी वंचित हो जाएंगे। बेटियों का रेस्टोरेंट भी अब नहीं रह सकेगा। जमा पूंजी से प्रॉपर्टी खरीदने वाले भू स्वामी इस अचल संपत्ति से वंचित हो जाएंगे।

क्या बोले एसडीएम
नाला तथा पहाड़ खाते की सुरक्षित भूमि पर अवैध तरीके से कब्जा कर लिया गया जिसके खातेदारों का नाम निरस्त करा दिया गया है। पहाड़ नाला सुरक्षित भूमि के अंतर्गत आता है ऐसे भूमि पर भूमिधरी का अधिकार प्राप्त नहीं किया जा सकता ना तो इसका आवंटन किया जा सकता है। नाला पहाड़ इत्यादि उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश अधिनियम की धारा 132 के तहत की भूमि होती हैं। जिसपर किसी भी प्रकार का भौमिक अधिकार प्रदान नहीं किया जा सकता हैं।
चंद्रभानु
उपजिलाधिकारी चुनार


Sachchi Baten

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