प्राण-प्रतिष्ठा के बाद अब क्या है भारतीय जनता पार्टी की योजना ?
सच्ची बातें- ‘श्रीराम जन्मभूमि दर्शन’ का देशव्यापी अभियान छेड़ेगी भाजपा
-लोकसभा चुनाव तक सांस्कृतिक और धार्मिक चेतना का ज्वर उतरने नहीं देगी बीजेपी
-राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्ढा को आज करना था शुभारम्भ, भीड़ देखते हुए कैंसिल हुआ अयोध्या कार्यक्रम
-अयोध्या इकाई पर रहेगी खास जिम्मेदारी, तैयारी पूरी
-सांसदों, विधायकों की भी होगी अहम भूमिका
हरिमोहन विश्वकर्मा, लखनऊ। अयोध्या राम मंदिर में रामलला के बाल विग्रह की स्थापना के साथ भाजपा ने लोकसभा चुनाव 2024 का पहला चरण सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है और अब पार्टी आगे की रणनीति की ओर देख रही है। इसे पार्टी को अगले 3 महीने में पूरा करना है।
पार्टी ने पूर्व निर्धारित कदम के अनुसार 24 जनवरी से श्रीराम अयोध्या दर्शन कार्यक्रम पर फोकस करना शुरू कर दिया है और पार्टी को इस अभियान से श्रीराम लला से जुड़ी आस्था और जनभावनाओं को वोटों में तब्दील होने की बड़ी आस है। ऐसे में पार्टी इसे सफल बनाने में जी-जान लगा देगी।
यह अभियान पार्टी के ‘अबकी बार 400 पार’ का नारे को साकार करने में मदद करेगा, जो पार्टी के चाणक्य अमित शाह ने तय किया है और पार्टी के मुखिया जेपी नड्डा सहित प्रत्येक कार्यकर्त्ता इसकी कामना कर रहा है।
वास्तव में वर्तमान समय को देखते हुए यह असम्भव भी नहीं लग रहा। उस पर तमिलनाडु सरकार द्वारा राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के समय से तमिलनाडु में मंदिरों में पूजा -पाठ पर रोक जैसे कदम सुदृढ़ कर रहे हैं। कार्यकर्त्ताओं के आसमान छू रहे मनोबल के सहारे भाजपा 400+ की ओर बढ़ना चाहती है।
अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा ऐसा अवसर है, जिसके इंतजार में सनातनियों की पीढ़ियां गुजर गई हैं, सदियां बीत चुकी हैं। केंद्र और उप्र में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी का राम जन्मभूमि आंदोलन से अटूट रिश्ता रहा है। ऐसे में यह पार्टी किसी भी कीमत पर लोकसभा चुनावों को देखते हुए देश में तैयार माहौल को आने वाले महीनों तक जीवित रखना चाहती है।
24 जनवरी को देशव्यापी ‘श्री राम जन्मभूमि दर्शन’ अभियान को राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा रामलला के दर्शन के साथ ही लांच करने वाले थे, लेकिन दर्शन के लिए उमड़ रही भीड़ के चलते फिलहाल यह स्थगित कर दिया है। भाजपा के सभी सांसदों, विधायकों और जिला इकाईयों की जिम्मेदारी है कि 543 लोकसभा क्षेत्रों के राम भक्तों को ‘श्री राम जन्मभूमि दर्शन’ अभियान से जोड़ें।
ख़ासकर अयोध्या इकाई को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है कि ‘श्री राम जन्मभूमि दर्शन’ अभियान के तहत देशभर से जो भी राम भक्त श्री रामलला के दर्शन के लिए अयोध्या पहुंचेंगे, उनका पूरा दायित्व वह उठाएं और बिना असुविधा के उन्हें दर्शन सहित सभी चीजों का ध्यान रखें। इस दौरान जो भी श्रद्धालु अयोध्या धाम पहुंचे, उनके स्वागत से लेकर रवानगी तक उनका पूरा ख्याल रखें, उनके लिए हर चीजों की व्यवस्था पर नजर बनाए रखें।
भाजपा के इस कदम की अहमियत का अंदाजा इसी से लग सकता है कि पार्टी के तमाम बड़े नेताओं राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) बीएल संतोष, महासचिव सुनील बंसल और विनोद तावड़े खुद इसकी निगरानी कर रहे हैं। अयोध्या भाजपा जिलाध्यक्ष संजीव सिंह ने इसे गौरव का अवसर मानते हैं कि रामलला उन्हें और साथियों को यह अवसर दे रहे हैं कि वे रामसेवकों की सेवा कर सकें।
देश के विभिन्न हिस्सों से अयोध्या आने वाले राम भक्तों का हम पूर्ण स्वागत सुनिश्चित करेंगे। हम ठहरने, आने-जाने, उचित भोजन और मेडिकल सुविधाओं समेत हर चीज का ध्यान रखेंगे।’ अयोध्या इकाई ने हर रोज करीब 25,000 रामभक्तों के ठहरने की व्यवस्था पहले से ही कर रखी है। इसके अलावा रामभक्तों को अयोध्या धाम में राममय वातावरण देने के लिए और भी कई तरह की व्यवस्था की गई है। राम भजन, कीर्तन और राम लीला जैसे सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे।
अगर श्रद्धालु आंध्र प्रदेश, केरल या तेलंगाना से आते हैं तो उसी राज्य की भाजपा की सांस्कृतिक टीम उनकी सेवा में तत्पर रहेगी। इसके लिए पार्टी ने अलग-अलग राज्यों से करीब 500 कार्यकर्ताओं को भी अयोध्या बुला लिया है, ताकि स्थानीय कार्यकर्ताओं को ऐसे श्रद्धालुओं की सेवा में किसी भी तरह से दिक्कत न महसूस हो।
दक्षिण के राज्यों या किसी भी हिस्से से आने वाले श्रद्धालुओं को कोई समस्या न होने देने के पार्टी में उच्चस्तर से निर्देश हैं। जिला स्तर से राम भक्तों को लाने ले जाने में जिला भाजपा इकाईयों के साथ क्षेत्रीय सांसद व विधायक भी जिम्मेदार होंगे। भाजपा के तरकस में इसके अतिरिक्त भी अभी कई और तीर हैं, जिन्हें छोड़ने के लिए पार्टी इंतजार कर रही है।
प्रधानमंत्री मोदी ने अयोध्या में आह्वान किया है कि अयोध्या के बाद अब क्या? उन्होंने साथ ही कह भी दिया है कि अगले 1000 साल तक भारत की सांस्कृतिक और राष्ट्रीय नवचेतना को जगाने का अवसर है। प्रधानमंत्री खुद पूरे लोकसभा चुनाव की मॉनिटरिंग कर रहे हैं तो अगले 5 साल तक सत्ता पुनः प्राप्त करने के लिए भाजपाई कार्यकर्त्ताओं की चेतना बनाये रखने का अवसर तो पार्टी के लिए अहम है।