webinar, पद्मनाभ साहित्य परिषद के तृतीय वार्षिकोत्सव के साथ राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त की मनाई गई जयंती
देश के नामचीन कवि-कवियित्रियों ने किया काव्य पाठ
चुनार, मिर्जापुर (सच्ची बातें)। पद्मनाभ साहित्य परिषद की स्थापना का तृतीय वार्षिकोत्सव तथा राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त जयंती तीन अगस्त गुरुवार को बहुत ही हर्षोल्लास के साथ ज़ूम पर ऑनलाइन मनाई गई । इस कार्यक्रम की अध्यक्षता छत्तीसगढ़ के शासकीय महाप्रभु वल्लभाचार्य स्नातकोत्तर महाविद्यालय की डिलीट प्राचार्य प्रोफेसर अनुसूया अग्रवाल ने की।
इस कार्यक्रम का शुभारंभ मुजफ्फरपुर की कवियित्री हेमा सिंह के द्वारा बहुत ही सुंदर मधुर एवं भावपूर्ण सरस्वती वंदना से किया गया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रांची विश्वविद्यालय के विद्वान एवं पूर्व हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. जंग बहादुर ने अपने अतिथि वक्तव्य में कहा कि कविता ईश्वर का वरदान है और यह सभी को नहीं मिलती है। मानव होना भाग्य है, पर कवि होना सौभाग्य है । कविता मनुष्यता की उच्चतम भूमि है। यह मनुष्य की साधना एवं भावना को निरंतर उत्कर्ष प्रदान करती है।
इस समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ. कमला माहेश्वरी -बदायूं , अनीता शरद झा- रायपुर, स्वागत अध्यक्ष के रूप में इस पटल की संस्थापिका स्वयं डॉक्टर प्रतिभा पाराशर और मंचीय प्रस्तुति देने वाले कवि – कवियित्रियों के रूप में पूर्णिया के डॉक्टर केके चौधरी वियोगी, रांची की रंजना वर्मा,को लकाता की प्रगति ठाकुर, पटना की डॉक्टर मीना परिहार, रायपुर की अनिता शरद झा, मुजफ्फरपुर की हेमा सिंह एवं पद्माक्षी शुक्ला अक्षि, देवघर के अनिल कुमार झा, बदायूं की डॉक्टर कमला माहेश्वरी, पटना की डॉक्टर विद्या चौधरी, मध्यप्रदेश की डॉक्टर ऊषा अग्रवाल, सीतामढ़ी से पटना की डॉक्टर पंकजवासिनी, सुपौल की अलका वर्मा, जमशेदपुर की किरण कुमारी, डॉक्टर अनुसूया अग्रवाल, डॉ. पुष्पा गुप्ता, जहानाबाद के नंदन मिश्रा, झारखंड की रजनी शर्मा, हाजीपुर की डॉक्टर प्रतिभा पाराशर और मधुबनी के उमेश नारायण कवि कल्प जी अपनी उम्दा ग़ज़लों, मधुर गीतों, एवं प्रभावशाली कविताओं की दमदार एवं शानदार प्रस्तुति से सशक्त उपस्थिति दर्ज कराई।
मुक्त छंद में सिद्धहस्त बिहार विश्वविद्यालय के राम सेवक सिंह महिला कॉलेज की हिंदी -विभागाध्यक्ष डॉ. पंकजवासिनी ने अपने धन्यवाद ज्ञापन में इन सब के प्रति अपनी हार्दिक कृतज्ञता ज्ञापित करते हुए इस कार्यक्रम में पूरे बिहार के साथ-साथ देश के विभिन्न राज्यों से आए कवि-कवियित्रियों की वंदनीय उपस्थिति को नमन करते हुए उनके प्रति हृदय से अपना आभार जताया और मां सरस्वती की कृपा उन सभी की लेखनी पर सदैव बरसती रहे -ऐसी मनोकामना की। सुंदर संचालन के लिए जहानाबाद के युवा कवि नंदन मिश्रा को बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि शानदार सुंदर संचालन प्रिय अनुज नंदन, आप बनो उत्कृष्ट साहित्य-शीश के चंदन।
इस पद्मनाभ साहित्य परिषद पटल की संस्थापिका एवं साहित्य -साधिका प्रतिभा को साहित्य के प्रति उनकी निष्ठा की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए शुभकामनाएं दीं, प्रतिभा की प्रतिभा को लगे न किसी की नजर, साहित्य के नभ में हो उनका रवि सा असर। अंत में पद्मनाभ साहित्य परिषद पटल के प्रति उन्होंने अपनी अशेष मंगलकामनाएं व्यक्त करते हुए कहा कि, पद्मनाभ के कमंडल से निस्तारित हो सदा काव्य गंगा, काव्य उत्कर्ष हो निरंतर पटल का, पहुंचे कंचनजंघा।