Outsourcing Services Corporation : आउटसोर्सिंग क्षेत्र में अब नहीं चलेगी मनमानी
Sachchi Baten Sun, May 4, 2025

'आउटसोर्सिंग सेवा निगम' के जरिये हर भर्ती पर होगी कड़ी निगाह
-आउटसोर्सिंग से होने वाली भर्तियों में होगी पारदर्शिता और समयबद्धता
-भर्तियों में मेरिट नियम होगा लागू, कमजोरों-महिलाओं को प्राथमिकता
-वन स्टॉप शॉप के रूप में काम करेगा आउटसोर्सिंग सेवा निगम
हरिमोहन विश्वकर्मा, लखनऊ। योगी सरकार ने एक नए कदम के तहत आउटसोर्सिंग सेवा निगम की स्थापना की है। यह निगम राज्य सरकार और अनुदान प्राप्त करने वाली संस्थाओं को आउटसोर्सिंग पर कार्मिक उपलब्ध कराएगा। दरअसल योगी सरकार की मंशा है कि आउटसोर्सिंग क्षेत्र की भर्तियां भी पूरी तरह से पारदर्शी, समयबद्ध और मेरिट आधारित हों। साथ ही आउटसोर्सिंग में होने वाली किसी भी प्रकार की अनियमितता या गड़बड़ी पर तत्काल कार्रवाई की जाए।
नये निगम को यह भी निर्देश दिए गए हैं कि अब इन भर्तियों में महिलाओं को विशेष प्राथमिकता दी जाए, विशेष रूप से विधवा, तलाकशुदा और परित्यक्ता महिलाओं को, साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों और निम्न आय वर्ग के अभ्यर्थियों को भी वरीयता दी जाए। एक तरह से यह निगम आउटसोर्सिंग क्षेत्र के लिए नीति नियामक संस्था की तरह होगा। इसके तहत अब ऐसी भर्तियां पूरी तरह से मेरिट के आधार पर की जाएंगी। इसमें न केवल स्टैंडर्ड ऑपरेशन प्रोसीजर का पालन किया जाएगा, बल्कि आधुनिक तकनीकी माध्यमों का भी उपयोग होगा, जिससे चयन प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी और निष्पक्ष होगी।
इस व्यवस्था से भर्तियों में किसी भी प्रकार की मनमानी या गड़बड़ी की संभावना को कम किया जाएगा और युवाओं को उनके कौशल के आधार पर रोजगार मिलेगा। इस नई व्यवस्था के तहत, आउटसोर्सिंग सेवा निगम को एक "वन-स्टॉप शॉप" के रूप में स्थापित किया जाएगा। इस कदम से न केवल राज्य की रोजगार प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी, बल्कि समाज के कमजोर वर्गों को भी रोजगार के अवसर मिलेंगे। निगम द्वारा तैयार की गई भर्तियों की प्रक्रिया पारदर्शी होगी, जिससे चयन में कोई भेदभाव नहीं होगा। इसके साथ ही, जिनकी आर्थिक स्थिति कमजोर है और जो ग्रामीण क्षेत्र से हैं, उन्हें भी अवसर मिलेगा।
यह पहल महिला सशक्तीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है, जिससे महिलाओं को रोजगार की न केवल समान अवसर मिलेगा, बल्कि उनकी सामाजिक स्थिति में भी सुधार होगा। निगम ने महिला कर्मचारियों के लिए 180 दिनों का मातृत्व अवकाश देने का प्रावधान किया है, जो केवल दो बच्चों तक सीमित रहेगा। इसके अलावा, विधवा कर्मचारियों को 1000 रुपये से लेकर 2900 रुपये तक की आजीवन पेंशन भी दी जाएगी। यह कदम उन महिलाओं के लिए राहत लेकर आएगा जो अपने जीवन के कठिन दौर से गुजर रही हैं और जिन्हें परिवार का पालन-पोषण करना होता है।
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