राजेश पटेल
Hemant Patel Murder Case Varanasi:
वाराणसी में हेमंत पटेल हत्याकांड में सरकार ने लाइन हाजिर का लॉलीपाप थमा दी और एसआईटी का शरबत पिलाकर समझ लिया कि कुर्मी समाज राजनैतिक रूप से बच्चा है, झांसे में आ ही जाएगा। न्याय होगा-न्याय होगा, कोई दोषी छोड़ा नहीं जाएगा चाहे कितना ही ताकतवर क्यों न हो, आदि-आदि दावों को लेकर रविवार शाम से ही सोशल मीडिया पर अभियान चलाया जा रहा है। हल्ला ऐसा मचाया जा रहा है कि मानो जंग जीत ली। आरोपी ठाकुर का स्कूल ध्वस्त कर दिया गया, घर गिरा दिया गया। Hemant Patel Murder Case Varanasi
घटना 22 अप्रैल की है। आज 28 तारीख हो गई। यानि सातवां दिन। जो कार्रवाई पहले दिन हुई थी, यानि सरदार सेना के जबरदस्त दबाव के कारण मुख्य आरोपित राज विजेंद्र सिंह उर्फ रवि सिंह की गिरफ्तारी, इसके आगे पुलिसिया कार्रवाई एक कदम भी आगे नहीं बढ़ी। जाति का थानेदार और उसी जाति के आरोपित। कार्रवाई हो भी तो कैसे। Hemant Patel Murder Case Varanasi
सोशल मीडिया के माध्यम से भाजपा या उसके सहयोगी दलों में शामिल कुर्मी नेताओं की जब थू-थू होने लगी, लगा कि इसका असर आने वाले विधानसभा चुनाव 2027 पर तो पड़ेगा ही, 2029 में मोदी की राह भी कठिन हो सकती है। तब सरकार की तंद्रा टूटी। सरदार सेना और अपना दल कमेरावादी के आंदोलन से हुए राजनैतिक डैमेज को कंट्रोल करने के लिए भारतीय जनता पार्टी के काशी प्रांत अध्यक्ष दिलीप पटेल को ठाकुर की गोली से मृत छात्र हेमंत पटेल के घर भेजा गया। खुद सरकार भी पहुंची। इसके बाद जो घटनाक्रम हुआ, जंग जीत लेने के जो दावे किए सोशल मीडिया के माध्यम से किए जा रहे हैं, उसे बताने या लिखने की जरूरत नहीं है। Hemant Patel Murder Case Varanasi
निष्कर्ष क्या निकला? शिवपुर के ठाकुर प्रभारी निरीक्षक को लाइन हाजिर किया गया और जांच के लिए एक एसआईटी (special investigation team) गठित की गई। जो इंस्पेक्टर छह दिनों तक ठाकुरवाद के चक्कर में न तो आरोपितों को पकड़ सका और न ही उनके स्कूल और घर के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई कर सका, उसे लाइन हाजिर करके आक्रोशित कुर्मी समाज को लॉलीपॉप थमा दिया गया। चूसते रहो भाई। अब बोलो न, भाजपा की जय। योगी जी की जय। Hemant Patel Murder Case Varanasi
लाइन हाजिर कोई सजा होती है क्या? इसमें न तो वेतन पर प्रभाव पड़ता है, न इंक्रीमेंट पर। विभागीय जांच भी नहीं होती। यह तो सामान्य स्थानांतरण प्रक्रिया है। थाना से हटाकर लाइन से अटैच कर दिया गया। कुछ दिनों पर बाद किसी थाने का प्रभारी बना दिया जाएगा। Hemant Patel Murder Case Varanasi
सवाल कार्रवाई का तो ही है, सवाल सरकार की नीयत पर है। क्या यह ब्लाइंड मर्डर है? जिसे खोलने के लिए एसआईटी का गठन किया गया। जवाब है, नहीं। यहां तो एफआईआर के लिए मृत छात्र हेमंत के अधिवक्ता पिता ने जो तहरीर दी है, उसमें साफ-साफ लिखा है कि शिवपुर थाना क्षेत्र में नटिनिया दाई रोड पर स्थित ज्ञानदीप इंग्लिश स्कूल के प्रबंधक ठाकुर राम बहादुर सिंह के बेटे राज विजेंद्र सिंह उर्फ रवि सिंह ने फोन करके छात्र हेमंत पटेल को बुलाया। हेमंत अपने दो साथियों के साथ स्कूल परिसर में उनके पास पहुंचा तो उसके दोनों साथियों को भगा दिया गया। वहां पर पहले से तीन लोग मौजूद थे। स्कूल प्रबंधक भाजपा नेता राम बहादुर सिंह, उसका बेटा राज विजेंद्र सिंह उर्फ रवि सिंह और स्कूल प्रिंसिपल अनुपम राय। तहरीर के अनुसार कुछ बहस हुई। फिर राम बहादुर सिंह ने कहा कि साले को जान से मार दो। फिर प्रिंसिपल अनुपम राय ने हेमंत को पीछे से पकड़ लिया और राज विजेंद्र उर्फ रवि सिंह ने राम बहादुर सिंह की लाइसेंसी पिस्टल से उसकी कनपटी में गोली दाग दी। इसक कारण उसकी मौत हो गई। Hemant Patel Murder Case Varanasi
मामला आईने की तरह साफ है। इसके बावजूद तहरीर के आधार पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं की। जो एफआईआर दर्ज है, उसमें किसी भी आरोपित का नाम स्पष्ट नहीं है। यहीं पर सरकार और उसके पुलिस प्रशासन की नीयत कटघरे में आ जाती है। तहरीर के आधार पर एफआईआर दर्ज की जाती, इसके बाद जांच में जो होता, सो होता। तब तो समझ में आता कि यह कुर्मियों और अन्य पिछड़े समाज के वोटों से बनी योगी सरकार न्याय की पक्षधर है। यहां तो पूरा पक्षपात किया जा रहा है। Hemant Patel Murder Case Varanasi
माना कि आगरा में रैली के लिए करणी सेना के लोगों को प्रशासन से अनुमति मिली थी, लेकिन योगी बाबा यह बताने का कष्ट करेंगे कि तलवार लेकर रैली में शामिल होने की भी अनुमति दी थी क्या? यदि तलवार की अनुमति नहीं थी तो क्या एक्शन लिया गया? इसके जवाब की जरूरत नहीं है, क्योंकि एक्शन पूरे प्रदेश की जनता देख रही है। आगरा में तलवारों के साथ प्रदर्शन करने वाले करणी सेना के ठाकुरों पर कोई कार्रवाई न होने से इनका मनोबल बढ़ा हुआ है। बनारस में कुर्मी छात्र को गोली मार दी, अलीगढ़ में सपा सांसद रामजी लाल सुमन के काफिले पर हमला इसी का परिचायक है। उधर दूसरी ओर ओबीसी समाज के साथ क्या सलूक है, इसे जौनपुर की एक घटना में जता दिया। मौर्य समाज के एक लड़के ने अपने जन्मदिन पर तलवार से केक क्या काट दिया, वह सरकार के लिए बड़ा खतरा बन गया। उसके खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज करके कार्रवाई की गई। Hemant Patel Murder Case Varanasi
आगरा के बाद जौनपुर होते हुए बनारस तक पहुंचा ठाकुर जातंकवाद अभी और कहां-कहां जाएगा, इसको लेकर कुछ कहा तो नहीं जा सकता। लेकिन इतना तय है कि इस जातंकवाद पर अंकुश नहीं लगा तो अभी तो हेमंत पटेल की हत्या हुई है, यह फेहरिश्त कितनी लंबी होगी, किसी को नहीं पता। अखिल भारतीय कुर्मी क्षत्रिय महासभा के प्रदेश उपाध्यक्ष इंजीनियर राम बहादुर सिंह ने अपने फेसबुक पोस्ट पर इसकी आशंका जता चुके हैं। उन्होंने आशंका जताई है कि ठाकुर जातंकवाद के खिलाफ सड़क पर लड़ने वाले सरदार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. आरएस पटेल अगला टार्गेट हो सकते हैं। Hemant Patel Murder Case Varanasi
हेमंत पटेल हत्याकांड में सड़क पर उतरने वाली अपना दल कमेरावादी नेता विधायक डॉ. पल्लवी पटेल और उनकी टीम के खिलाफ एफआईआर दर्ज करके वाराणसी पुलिस प्रशासन ने अपनी मंशा जगजाहिर कर दी है कि इस मामले में जो भी न्याय की मांग करेगा, इसके लिए सड़क पर उतरेगा, उसके साथ कठोर कार्रवाई की जाएगी। Hemant Patel Murder Case Varanasi
सरदार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. आरएस पटेल ने रविवार की शाम फेसबुक लाइव होकर प्रभारी निरीक्षक उदयवीर सिंह को लाइन हाजिर करने तथा जांच के लिए एसआईटी के गठन को न्याय की प्रक्रिया में नाकाफी बताया। जब तक सभी हत्यारों की गिरफ्तारी कर कठोर कार्रवाई नहीं होती, अभियुक्तों के घर के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई नहीं होती, ज्ञानदीप स्कूल की मान्यता रद कर उसके ध्वस्तीकरण की कार्रवाई नहीं होती, पीड़ित परिजनों को एक करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता, परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी और शस्त्र लाइसेंस नहीं दिया जाता, तब तक न्याय अधूरा रहेगा। डॉ. पटेल ने इन मांगों से संबंधित ज्ञापन भी राज्यपाल के पास भेजा है, जिसमें कहा गया है कि मांगों को पूरा होने तक सरदार सेना का आंदोलन संवैधानिक दायरे में चलता रहेगा। Hemant Patel Murder Case Varanasi
तब तक 'लाइन हाजिर' का लॉलीपॉप चूसते रहिए, 'एसआईटी' का सियासी शरबत पीते रहिए। गर्मी से राहत मिलेगी। Hemant Patel Murder Case Varanasi