उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी पुलिस भर्ती परीक्षा में खामियां
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महोबा और मिर्जापुर के चक्कर में पुलिस बनने का सपना टूटा
-पहले आए मेल में महोबा जीआइसी में सेंटर बताया गया, प्रयागराज पहुंचे तो मेल आ गया कि मिर्जापुर जीआइसी में सेंटर है
-प्रयागराज से जब मिर्जापुर पहुंचे तो फिर महोबा के लिए मेल आ गया
अदलहाट/मिर्जापुर (सच्ची बातें)। पुलिस भर्ती परीक्षा की व्यवस्था में व्याप्त खामियों के चलते कई परीक्षार्थी परीक्षा में शामिल होने से वंचित हो गए। वह अधिकारियों के सामने गिड़गिड़ाते रहे, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। निराश होकर बिहार लौट गए।
बिहार प्रदेश के अलग-अलग जनपदों के तीन परीक्षार्थी शनिवार को जनपद के महुअरिया स्थित जीआइसी परीक्षा केंद्र के सामने बैठ अपनी किस्मत को कोसते रहे। हाथ में अपने स्मार्टफोन में उप्र पुलिस भर्ती बोर्ड लखनऊ से प्रवेश पत्र को लेकर आए मेल को दिखाते रहे।
मेल के मैसेज में कभी महोबा जीआईसी तो कभी मिर्जापुर जीआईसी उनके परीक्षा केंद्र बताए गए। जिसका परिणाम यह रहा कि तीन होनहारों का पुलिस बनने का सपना धूल धूसरित हो गया।
दरअसल हुआ यूं कि बिहार के मुजफ्फरपुर निवासी अमन कुमार यादव, छपरा के महमदपुर के विकास कुमार और समस्तीपुर के मालपुर खटै निवासी सन्नी कुमार ई-मेल से आए प्रवेश पत्र पर अंकित परीक्षा केंद्र एड्रेस जीआईसी ग्रामश्री नगर महोबा जाने के लिए प्रयागराज पहुंच कर बुंदेलखंड एक्सप्रेस में सवार होने वाले थे।
इसी बीच शुक्रवार की रात 10 बजे दूसरा मैसेज आया। दूसरे मेल के अनुसार तीनों अभ्यर्थियों को मैसेज आया कि उनका परीक्षा केंद्र चेंज हो गया है। उनका नया केंद्र मिर्जापुर जीआईसी पिन-23001 हो गया है। फिर क्या था, तीनों बुंदेलखंड एक्सप्रेस छोड़ मिर्जापुर पहुंचे। लेकिन यह क्या, मिर्जापुर पहुंचने से पहले उनके ई-मेल एड्रेस पर मैसेज आ चुका था कि उनके पुलिस भर्ती परीक्षा का एक्जाम सेंटर महोबा जीआईसी है। लेकिन जब तक वह मैसेज देखते, तब तक बहुत देर हो चुकी थी। परीक्षा शुरू हो चुकी थी और तीनों होनहार परीक्षा केंद्र बाहर चाय की दुकान पर बैठे पुलिस भर्ती परीक्षा देने के लिए सिर्फ अभ्यर्थियों को जीआइसी में प्रवेश करते हुए देखने को विवश थे।
सारी कोशिश रही नाकाम
पुलिस भर्ती परीक्षा में शामिल होने से वंचित अमन कुमार यादव, विकास कुमार और सन्नी ने बताया कि जीआईसी मिर्जापुर केंद्र पर एसडीएम से बात की। एसडीएम ने एसपी से बात करने की सलाह दी। तीनों ने मोबाइल पर एसपी अभिनंदन से संपर्क साधा, लेकिन उन्होंने पुलिस भर्ती बोर्ड से बात करने की सलाह दी। जब भर्ती बोर्ड के अधिकारियों से मोबाइल पर बात की गई तो एक दो बार फोन उठा। कुछ देर बाद फोन उठना भी बंद हो गया। उनका कहना था कि दो और अभ्यर्थी उनके साथ थे, परीक्षा में शामिल न हो पाने से निराश हो वापस लौट गए।