जल्द गिर सकता है पूर्व सीएम कमलनाथ का विकेट!
-बेटे नकुलनाथ के छिंदवाड़ा से भाजपा के टिकट पर लड़ने की चर्चा
-हाल में कमलनाथ के बेहद करीबी कांग्रेसी पालाबदल बीजेपी में आए
-प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी से नहीं बन रहीं पूर्व सीएम की
हरिमोहन विश्वकर्मा, नई दिल्ली। उप्र, बिहार, मप्र जैसे राज्यों में ‘ऑपरेशन इंडिया’ के बाद अब ऐसा लगता है कि भाजपा आलाकमान की नजरें मप्र पर भी लग गईं हैं। पिछले कुछ दिनों से जिस तरह मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ की भाजपा से नजदीकियां बढ़ी हैं, वे इसी ओर इशारा कर रहीं हैं। बल्कि मप्र में इससे भी एक कदम आगे बढकर ये चर्चा फिजाओं में है कि भले ही कमलनाथ भाजपा ज्वाइन करें या न करें, लेकिन उनके बेटे नकुलनाथ जरूर छिंदवाड़ा से भाजपा के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं।
उधर लोकसभा चुनाव के ऐन पहले मध्य प्रदेश में भी दलबदल का दौर जारी है। हाल फिलहाल कांग्रेस को सबसे बड़ा झटका महाकौशल से लगा है। यहां से कुछ प्रमुख कांग्रेस नेता या तो भाजपा में चले गए हैं या जल्द ही जाने वाले हैं। यह एरिया कमलनाथ का प्रभाव क्षेत्र है और जो लोग अभी भाजपा में गए हैं, वो कमलनाथ के ही करीबी माने जाते हैं। इसीलिए यह कयास लग रहे हैं कि इसके पीछे कमलनाथ की कांग्रेस से नाराजगी है और अगर कांग्रेस का मजबूत स्तम्भ भविष्य में कमलदल में दिखाई दें तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए।
इसी बीच कमलनाथ के बेटे नकुल नाथ के बीजेपी से छिंदवाड़ा लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने की सम्भावनाऐं बढ़ गई हैं और कमल
नाथ अपने बेटे के लिए बीजेपी में जमीन तैयार करने में जुटे हैं। असल में कांग्रेस को बीते हफ्ते लगातार बड़े झटके लगे है ज़ब जबलपुऱ के एक बड़े नेता ने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थामा।
प्रदेश में कांग्रेस लीगल सेल के अध्यक्ष शशांक शेखर ने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया है। इस अवसर पर प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल, ज्वाइनिंग टोली के प्रमुख नरोत्तम मिश्रा और विधायक संजय पाठक की मौजूदगी भी उल्लेखित रही। इस दौरान जबलपुर महापौर जगतबहादुर अन्नू भी मौजूद थे। माना जा रहा है कि कांग्रेस नेता को बीजेपी में लाने में अन्नू की भी अहम भूमिका रहीं।
शशांक प्रदेश के पूर्व महाअधिवक्ता भी रह चुके हैं, वह कानून के बड़े जानकार माने जाते हैं और वह फिलहाल कांग्रेस में अहम जिम्मेदारी संभाल रहे थे। ऐसे में उनका अचानक से बीजेपी में शामिल होना कांग्रेस के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। पूर्व महाअधिवक्ता शशांक शेखर कांग्रेस के राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा के करीबी माने जाते थे, इसके अलावा उन्हें पूर्व सीएम कमलनाथ का भी करीबी माना जाता था। उनके पहले एक जिला पंचायत अध्यक्ष जगत बहादुर और कुछ लोगों के साथ बीजेपी में शामिल हो गए थे। मप्र में अन्नू और शशांक का जाना जबलपुर के लिए कांग्रेस का बहुत बड़ा नुकसान है।
चर्चा हालांकि ये भी चली है की शशांक के गुरु विवेक तनख़ा भी कांग्रेस छोड़ कर जा सकते हैं। पर तनख़ा का राज्यसभा का कार्यकाल बचा है। हां उन्हें राज्यसभा भेजे जाने की गारंटी मिल जाए तो वो भी दलबदल कर सकते हैं। फिलहाल कमलनाथ कांग्रेस छोड़ने से इंकार कर चुके हैं और ये भी कह चुके हैं कि उनके बेटे नकुल कांग्रेस के टिकट पर ही चुनाव लडेंगे। लेकिन उन्होंने जिस तरह हाल ही में तीन बार सीएम मोहन यादव से मुलाकात की और ताजा मुलाकात के एकदम बाद छिंदवाड़ा कलेक्टर को भी हटा दिया गया, इससे नई चर्चा को बल मिला है कि नकुल छिंदवाड़ा से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ सकते है। इस बीच जगत बहादुर अन्नू और शशांक शेखर के बीजेपी में शामिल होने के बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी की कोई प्रतिक्रिया सुनने में नहीं आई।
ऐसा लगता है कि उनकी तरफ से कोई डैमेज कंट्रोल की कोशिश भी नही हो रही है। समस्या ये है कि पटवारी ने कमलनाथ के मीडिया सलाहकार को ही अपना मीडिया सलाहकार बना कर रखा हुआ है, जो आज भी कमलनाथ के ही साथ है। पटवारी उन्हे अपना मानकर चल रहे हैं। कमलनाथ केवल छिंदवाड़ा की बात कर रहे है। यही नहीं कमलनाथ और दिग्विजय की तरफ से एक तरह से पटवारी के लिए असहयोग आन्दोलन ही चल रहा है। भाजपा इस असहयोग आंदोलन को परवान चढ़ाने में लगी है। भविष्य में मप्र में भाजपा कुछ चौकाने वाले परिणाम दे तो किसी को आश्चर्य नहीं होना चाहिए।