February 8, 2025 |

पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र में किसानों पर लाठीचार्ज का मुद्दा तूल पकड़ रहा

Sachchi Baten

भारतीय कुर्मी महासभा के पदाधिकारियों ने किया वाराणसी के बैरवन, करनादाढ़ी का दौरा

किसानों के साथ हुई बर्बरता पूर्ण कार्रवाई पर जताया गहरा आक्रोश

किसानों को न्याय दिलाने के लिए महासभा 30 मई को देगी प्रदेश व्यापी ज्ञापन

वाराणसी, 25 मई 2023 (सच्ची बातें)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के रोहनिया में किसानों पर हुए पुलिसिया तांडव की चारो ओर निंदा हो रही है। इसका असर आगामी लोकसभा चुनाव पर पड़ने की संभावना जताई जा रही है।

गुरुवार को भारतीय भारतीय कुर्मी महासभा का एक प्रतिनिधिमंडल प्रदेश अध्यक्ष डॉ. हरिश्चन्द्र पटेल के नेतृत्व में बैरवन, करनादाढ़ी पहुंचा। किसानों से मिलकर घटना की पूरी  जानकारी ली। इसके बाद किसानों को न्याय दिलाने के लिए भारतीय कुर्मी महासभा द्वारा 30 मई 2023 को राज्यपाल के नाम प्रदेशव्यापी ज्ञापन देने की घोषणा  गई।

प्रतिनिधिमंडल में राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष इंजीनियर राजेंद्र पटेल, प्रदेश उपाध्यक्ष एडवोकेट राम किशोर पटेल, जिला युवा अध्यक्ष अजीत कुमार पटेल, जिला उपाध्यक्ष वीरेंद्र कुमार पटेल आदि सम्मिलित रहे।

प्रतिनिधिमंडल द्वारा बैरवन, करनादाढ़ी, मिल्की चक एवं मोहनसराय आदि गांवों के किसानों की जमीन को बिना मुआवजा दिए ट्रांसपोर्ट नगर बसाने के नाम पर जिला प्रशासन द्वारा जबरन कब्जा किया जाने तथा विरोध करने पर घरों का दरवाजा तोड़कर महिलाओं, अबोध बच्चों, लड़कियों एवं बुजुर्गों पर दंडात्मक व अमानवीय कार्रवाई की निंदा की गई।

बताया गया कि ट्रांसपोर्ट नगर योजना सन 2000- 2001 में उपरोक्त गांव की जमीनों पर बसाने के लिए स्थानीय जिला प्रशासन द्वारा प्रस्तावित किया गया था। उस समय कुछ काश्तकारों ने सहमति जताते हुए एग्रीमेंट कर दिया था तथा बहुत सारे किसानों ने एग्रीमेंट नहीं किया था। जिन लोगों ने एग्रीमेंट किया था, उन्हें जिला प्रशासन ने उसी समय 5000 से 7000 रुपये प्रति विश्वा मुआवजा दिया था।

इस दौरान जिला प्रशासन ने जिन काश्तकारों द्वारा एग्रीमेंट नहीं किया गया था, उनके नाम को खतौनी से काटकर जिला विकास प्राधिकरण दर्ज करा दिया था। वर्ष 2011-12 में पुनः कुछ किसानों की सहमति के आधार पर जिला प्रशासन ने एक लाख रुपये प्रति बिस्वा मुआवजा किसानों को दिया था। जबकि उस समय सर्किल रेट चार लाख रुपये प्रति विश्वा था।

हालांकि उस समय भी बहुत सारे किसानों ने एग्रीमेंट नहीं किया था। महासभा के पदाधिकारियों ने सवाल किया कि जब माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद में 17 मई 2023 को सुनवाई की तिथि निर्धारित थी तो एक दिन पहले 16 मई 2023 को लाठी चार्ज कर और बुलडोजर चलाकर किसानों पर दंडात्मक कार्रवाई क्यों की गई।

आगे बताते चलें कि दिनांक 16 मई 2023 को जिला प्रशासन बुलडोजर सहित भारी मात्रा में पुलिस बल लेकर जमीन पर कब्जा करने के लिए उपरोक्त गांव में पहुंचा। किसानों द्वारा अपनी अपनी जमीनों पर फूल की खेती सहित विभिन्न प्रकार की सब्जियों की फसल उगाई गई थी, जिसे जिला प्रशासन द्वारा सब कुछ तहस-नहस करते हुए बर्बाद कर दिया गया।

जिन किसानों ने एग्रीमेंट नहीं किया था, उनके परिजनों ने मौके पर जाकर फसल बर्बाद करने से मना किया तो पुलिस प्रशासन द्वारा महिलाओं, पुरुषों, बेटियों एवं नौजवान लड़कों सहित सभी को बुरी तरह दौड़ा-दौड़ा कर मारा-पीटा गया।

इतना ही नहीं पुलिस प्रशासन ने गांव के घरों में घुसकर महिलाओं पर भी बुरी तरह प्रहार किया। महासभा के पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि वाराणसी के कमिश्नर तानाशाही कर रहे हैं और उन्होंने वाराणसी के किसी भी अस्पताल में किसानों की मेडिकल जांच नहीं होने दी। इससे चोटिल महिलाओं एवं बच्चों को दर-दर की ठोकरें खानी पड़ीं।

इस घटना से किसानों में व्यापक आक्रोश व्याप्त है। किसान सर्किल रेट का 4 गुना मुआवजा मिलने पर अपनी जमीन देने के लिए तैयार हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी की सरकार किसानों को बिना मुआवजा दिए उनकी जमीन छीन लेना चाहती है।
महासभा की मांगें
1- किसानों की जमीन के सर्किल रेट का 4 गुना बढ़ाकर मुआवजा दिया जाए।
2- किसानों को पुनर्वास कानून- 2013 के तहत पुनर्वास तथा रोजगार की व्यवस्था प्रदान की जाए।
3- किसानों के ऊपर दर्ज किए गए फर्जी मुकदमों को तत्काल वापस लिया जाए तथा जेल भेजे गए किसानों को बिना शर्त  रिहा किया जाए।
4- जिला प्रशासन द्वारा जबरन खतौनी से किसानों के काटे गए नामों को पुनः दर्ज कर उन्हें विधि सम्मत मुआवजा प्रदान किया जाए।
5- जब माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद में 17 मई 2023 को सुनवाई की तिथि निर्धारित थी तो 16 मई 2023 को लाठीचार्ज और बुलडोजर चलाकर किसानों पर दंडात्मक कार्रवाई क्यों की गई। दोषी पुलिस वालों पर एफआइआर दर्ज कर किसानों को न्याय प्रदान किया जाए।

महासभा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. हरिश्चंद्र पटेल ने कहा कि किसानों को न्याय दिलाने के लिए भारतीय कुर्मी महासभा 30 मई 2023 को राज्यपाल के नाम पर प्रदेशव्यापी ज्ञापन देगी। यदि उनकी मांगे पूरी नहीं हुई तो भारतीय कुर्मी महासभा उत्तर प्रदेश किसानों के हित में लोकतांत्रिक तरीके से सड़क पर उतर कर धरना- प्रदर्शन करने के लिए बाध्य होगी।


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