नरेंद्र मोदी, अमित शाह तथा स्मृति ईरानी का जलाया पुतला
झारखंड की महिला संगठनों ने मार्च निकाल कर जताया आक्रोश
डंगराटोली से परमवीर अल्बर्ट एक्का चौक तक निकाला गया मार्च
रांची, झारखंड (सच्ची बातें। हिंसा से से झुलस रहे मणिपुर की आंंच से देश के अन्य राज्य भी तपने लगे हैं। दो महिलाओं की नंगी परेड का वीडियो वायरल होने के बाद विरोध-प्रदर्शन तेज हो गया है। शनिवार 22 जुलाई को आदिवासी बहुल राज्य झारखंड की राजधानी रांची में महिला संगठनों ने मार्च निकाल कर सरकार की नाकामी पर आक्रोश जताया।
महिलाओं का मंच जस्टिस फॉर मणिपुर सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता सर्वाइवर्स के नेतृत्व में विभिन्न महिला संगठनोंं ने इस मार्च में शिरकत की। मार्च डंगराटोली चौक से अल्बर्ट एक्का चौक तक निकाला गया। अल्बर्ट एक्का चौक पर प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय महिला और बाल कल्याण मंत्री स्मृति ईरानी और मणिपुर के मुख्य मंत्री एन बिरेन सिंह के पुतलों को जलाने के बाद प्रदर्शन का समापन हुआ।
इसमें शामिल एलिना होरो, सुनीता लकड़ा, दयामनी बारला, लीना, तारामणि साहू, तमन्ना बेगम, नगमा , डॉ. किरण, शांति सेन, नन्दिता भट्टाचार्य, कुमकुम, लीना पदम, ज्योतिषा कल्लामकल, सुषमा बिरुली, अलोका कुजूर, वासवी किरो, दीपा, जोशना, सिंघी खलखो, सबिता कुजूर, सिस्टर सत्य, मुक्ता मरांडी, मृणालिनी टेटे, स्वीटी केरकेट्टा आदि ने मणिपुर की घटना की कड़े शब्दों में निंदा की। इसमें संत अन्ना और उर्सलाइन दोनों स्कूल और कॉलेजों कीी छात्राओं ने भी बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया।
महिलाओं ने अपने भाषण में इस शर्मनाक घटना को देश की आधी आबादी जनता पर एक घातक प्रहार कहा। कहा कि
देश में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा एक धोखा साबित हुआ है। अमृतकाल और आज़ादी के अमृत महोत्सव के नाम पर सरकार ने बेटियों को सड़क पर नंगा घुमा कर और खुले आम उनके साथ दुष्कर्म कर विश्व के सामने अपना असली मनुवादी चेहरा दिखाया है।
वक्ताओं ने कहा कि मणिपुर के जलते वक्त प्रधान मंत्री की तीन महीने की चुप्पी और विदेशी यात्रा यह दर्शाती है कि अब देश चलाना इनके वश की बात नहीं। नरेंद्र मोदी प्रधान मंत्री की कुर्सी के लायक नहीं रहे। राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपती मुर्मू की चुप्पी भी आश्चर्यजनक है।
बता दे कि इस मंच को मणिपुर के घटनाओं के संदर्भ में कई महिला सामाजिक कार्यकर्ताओं एवं संगठनों मिलकर गठित किया है | महिलाओं के खिलाफ हो रही हिंसा और दमन की घटनाओं के खिलाफ एकजुट हो कर आवाज़ उठाना और महिलाओं के अधिकार के लिए निरंतर संघर्ष करना इस मंच का संकल्प है।