राष्ट्रीय कबड्डी प्रतियोगिता: यूपी की टीम से विरोधियों के लिए खौफ बनकर मैदान में उतरेगी मिर्जापुर की रागिनी
– मिर्जापुर मंडल से यूपी टीम में इकलौती रागिनी हुई चयनित
-राजस्थान के जयपुर में 3 से 8 जनवरी के बीच आयोजित होगी राष्ट्रीय विद्यालयीय कबड्डी प्रतियोगिता
– यूपी टीम से दो बार खेल चुकी है नेशनल प्रतियोगिता
-कबड्डी की ऑल राउंडर खिलाड़ी है रागिनी
-पिता भी पांच बार अंतर विश्वविद्यालयीय प्रतियोगिता में कर चुके हैं प्रतिनिधित्व
डॉ. राजू सिंह, अदलहाट/मिर्जापुर (सच्ची बातें)। मिर्जापुर की छोरियां किसी से कम हैं के…। अब मिर्जापुर के लोग गर्व से यह कह सकते हैं। यहां की बच्चियां खेल के क्षेत्र में भी सफलता के झंडे गाड़ रही हैं। निधि पटेल, ज्योति सहित कई लड़कियों की तरह रागिनी कबड्डी में अपना पहचान बना रही है।
स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के तत्वाधान में राजस्थान के गुलाबी शहर जयपुर में 3 से 8 जनवरी के बीच आयोजित होने वाले राष्ट्रीय विद्यालयीय कबड्डी (17वर्ष छात्रा) प्रतियोगिता के लिए मिर्जापुर मंडल से इकलौती साई की खिलाड़ी रागिनी का चयन उत्तर प्रदेश की कबड्डी टीम में हुआ है।
प्रतियोगिता में भाग लेने जाते समय गांव पर ग्राउंड के खिलाड़ियों ने उसका हौसला बढ़ाते हुए रवाना किया। विकास खण्ड कोन के चील्ह क्षेत्र के जगापट्टी निवासी खेल शिक्षक हुबलाल की पुत्री तथा चौ. राम हरख सिंह इंटर कॉलेज में कक्षा 10वीं की छात्रा रागिनी कबड्डी की ऑल राउंडर खिलाड़ी है।
कम उम्र में दो बार नेशनल खेलकर उसने जो शोहरत बटोरी है, वह किसी से छुपी नहीं है। दो माह पूर्व देश की सबसे बड़ी खेल संस्था (साई) भारतीय खेल प्राधिकरण संस्थान प्रशिक्षण केंद्र गांधी नगर गुजरात में उसका चयन हुआ है। अब वह वहीं रहकर प्रशिक्षण लेती है।
राष्ट्रीय प्रतियोगिता में चयन होने पर खेलने आई रागिनी ने पिछले वर्ष 2022- 23 में फेडरेशन ऑफ इंडिया के तत्वाधान में झारखंड में आयोजित ओपन 16वर्षीय नेशनल कबड्डी में यूपी की टीम को कांस्य पदक दिलाने में कड़ी मेहनत की थी।इसमें रागिनी को सर्वश्रेष्ठ कबड्डी प्लेयर का अवॉर्ड मिला था। 2021- 22 में सब जूनियर यूपी टीम से राष्ट्रीय प्रतियोगिता में प्रतिभाग कर कांस्य पदक जीता था।
रागिनी के पिता जिला कबड्डी एसोसिएशन के सचिव हूबलाल अपने जमाने में कबड्डी के एक बेहतरीन खिलाड़ी थे। वह वर्तमान में चौ. राम हरख सिंह इंटर कॉलेज में खेल शिक्षक हैं। जिस प्रकार पिता ने 1990 से 1994 तक पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर से लगातार पांच बार अंतर विश्व विद्यालयीय प्रतियोगिता में प्रतिनिधित्व किया। 1993में कबड्डी टीम का कैप्टन भी बनाया गया था। उनके द्वारा दी गई विरासत को अब उनके बेटे और बेटियां मिलकर आगे बढ़ा रही हैं।
गिनी की बड़ी बहन मिर्जापुर जिले की पहली कबड्डी क्वालीफाई निर्णायक राजश्री पांच बार अंतर विश्व विद्यालयीय कबड्डी प्रतियोगिता में प्रतिभाग कर चुकी है तो उसका भाई शिवराम पिछले वर्ष सर्किल कबड्डी से नेशनल कबड्डी प्रतियोगिता खेलने के साथ ही पिछले वर्ष 2023 में विश्व विद्यालय इलाहाबाद से प्रदेशीय विश्व विद्यालय कबड्डी टीम दल के साथ पंजाब में आयोजित अंतर विश्व विद्यालयीय प्रतियोगिता में प्रतिभाग किया था।
इस कामयाबी पर संयुक्त शिक्षा निदेशक कामता रामपाल, जिला विद्यालय निरीक्षक अमर नाथ सिंह, मंडलीय क्रीड़ा सचिव राजवन पटेल, जनपदीय क्रीड़ा सचिव प्रवीण कुमार सिंह, प्रधानाचार्य दूधनाथ सिंह ने बधाई दी है।
नेशनल कबड्डी खिलाड़ी पैदा करते हैं रागिनी के पिता
रागिनी के पिता अपने जमाने के एक बेहतरीन कबड्डी खिलाड़ी रहे हैं। इस समय जनपदीय कबड्डी एसोसिएशन के सचिव हुबलाल अपने गांव जगापट्टी में राष्ट्रीय कबड्डी खिलाड़ी पैदा करते हैं। यहां कबड्डी की तैयारी करने वाले बालक/बालिकाओं में पिछले पांच वर्षों में 6 खिलाड़ियों का चयन विश्वविद्यालय कबड्डी की टीम के लिए हो चुका है। गांव की मिट्टी से निकली आंचल मौर्य भी ऐसी ही प्रतिभा है, जिसने कड़ी मेहनत और लगन के साथ खेलो इंडिया खेलो में सेलेक्ट होकर जनपद का नाम रौशन किया है।
कबड्डी का द्वार बना चील्ह का जगापट्टी गांव
जनपद में कबड्डी के लिए काफी मशहूर है चील्ह क्षेत्र का जगापट्टी गांव। अगर कबड्डी के क्षेत्र में किसी को अपना कैरियर बनाना है तो उसे इस गांव में प्रशिक्षण के लिए आना होगा। यहां बेटे बेटियों को निःशुल्क प्रशिक्षण देकर उन्हें राष्ट्रीय स्तर की कबड्डी प्रतियोगिताओं के लिए तैयार किया जाता है। जनपद के लोगों का कहना है कि कोई भी खिलाड़ी इस क्षेत्र में जाना चाहता है तो उसे चील्ह क्षेत्र के कबड्डी का द्वार बने जगापट्टी गांव से अपने कैरियर की शुरुआत करनी चाहिए।
रागिनी दो बार खेल चुकी है नेशनल
पिछले वर्ष दो बार नेशनल खेल चुकी रागिनी अपने पिता से विरासत में मिले कबड्डी खेल को आगे बढ़ाते हुए देश के लिए खेलना चाहती है। इसके लिए वह जमकर मेहनत कर रही है।