पद्म विभूषण जगद्गुरु स्वामी राम भद्राचार्य द्वारा ‘मरे मुलायम-कांशीराम, प्रेम से बोलो जै श्रीराम’ कहते वीडियो वायरल
-आगरा कोठी के मीना बाजार में चल रहे प्रवचन का बताया जा रहा वीडियो, राम भद्राचार्य के इस कथन से दलितों व पिछड़ों में आक्रोश
-देश के प्रति अप्रतिम योगदान के लिए केंद्र सरकार ने हाल ही में नेताजी मुलायम सिंह यादव को मरणोपरांत नवाजा है दूसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्मविभूषण अवार्ड से
राजेश पटेल (सच्ची बातें)। इस धरती पर जो आया है, उसे एक न एक दिन जाना तय है। चाहे कोई भी हो। इतनी सी बात खुद को जगद्गुरु कहने वाले राम भद्राचार्य को नहीं पता। शायद इन पर उम्र का असर हो गया है। जिसे केंद्र सरकार ने मरणोपरांत देश केे दूसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्मविभूषण अवार्ड से नवाजा हो, उसका देश के प्रति योगदान कैसे नकारा जा सकता है। बात स्मृतिशेष नेताजी मुलायम सिंह यादव की हो रही है। राम भद्राचार्य ने आगरा कोठी के मीना बाजार में चल रहे प्रवचन के दौरान कहा- ‘मरे मुलायम कांशीराम, प्रेम से बोलो जै श्रीराम।’ swami Ram Bhadracharya खुद पद्म विभूषण से सम्मानित kiye गए हैं. Unko yah samman 2015 men दिया gaya tha. प्रवचन के दौरान सत्ताधारी पार्टी के वरिष्ठ नेतागण भी मौजूद थे।
- आगरा कोठी के मीना बाजार में चल रहे रामभद्राचार्य के संबंधित प्रवचन का वीडियो।
राम भद्राचार्य के इस कथन की पिछड़ों व दलितों में तीखी प्रतिक्रिया हो रही है। बहुजन समाज पार्टी सेे वाया भारतीय जनता पार्टी, समाजवादी पार्टी में आए पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने ट्वीट करके राम भद्राचार्य के इस कथन की निंदा की है। उन्होंने कहा है कि तथाकथित चित्रकूट वाले धर्माचार्य की दलितों, आदिवासियों व पिछड़ों के मसीहा मान्यवर कांशीराम जी एवं नेताजी मुलायम सिंह यादव के प्रति घृणित ओछी मानसिकता की घोर निंदा करता हूं। शूद्र समाज सावधान, बंद करो चढ़ावा दान, अन्यथा पाओगे गाली-अपमान।
तथाकथित चित्रकूट वाले धर्माचार्य की दलितों, आदिवासियों व पिछड़ों के मसीहा, मान्यवर कांशीराम जी एवं नेताजी मुलायम सिंह यादव के प्रति घृणित ओछी मानसिकता की घोर निंदा करता हूं।
शुद्र समाज सावधान, बंद करो चढ़ावा दान,
अन्यथा पाओगे गाली-अपमान।। pic.twitter.com/UIwQ61lDku— Swami Prasad Maurya (@SwamiPMaurya) April 5, 2023
आगरा कोठी के मीना बाजार में चित्रकूट वाले कथित जगद्गुरु राम भद्राचार्य में का प्रवचन गत तीन अप्रैल से चल रहा है। यह आगामी 11 अप्रैल तक चलेगा। कहने का मतलब यह है कि अभी प्रवचन चल ही रहा है।
बाबा के चेले प्रतिदिन की कथा का वीडियो यूट्यूब पर अपलोड करते हैं। उनके लाखों फॉलोअर्स हैं। लाइक भी खूब आते हैं। लोकसभा चुनाव 2024 निकट ही है, लिहाजा इस तरह के अधिकतर बाबा भाजपा की बी टीम के रूप में काम करने लगे हैं। प्रवचन के ही दौरान राम भद्राचार्य कहते हैं कि वे भाजपा के एजेंट नहीं हैं। भाजपा उनकी एजेंट हो सकती है। कारसेवकों पर गोली कांंड की चर्चा कर धार्मिक भावना उकसा कर एक खास पार्टी को फायदा पहुंचाने की कोशिश इस तरह के कथित बाबा कर रहे हैं। वीडियो में पूरा प्रवचन सुनने से स्पष्ट हो जाएगा।
नेताजी मुलायम सिंह यादव को हाल ही में पद्म विभूषण अवार्ड से मरणोपरांत राष्ट्रपति ने नवाजा है। इस सम्मान को नेताजी के सुपुत्र उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने राष्ट्रपति के हाथों ग्रहण किया था। रही बात मान्यवर कांशीराम जी की तो उन्होंने आजादी के बाद दलित, आदिवासी व पिछड़े समाज में जो राजनैतिक चेतना जगाई, उसी का प्रतिफल है आज सभी पार्टियों के एडेंडा में यह समाज है।
तुलसी पीठाधीश्वर स्वामी रामभद्राचार्य द्वारा मंच से लगाए गए नए नारे को लेकर समाजवादी पार्टी ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है और आज इसको लेकर इस मामले में उनके खिलाफ वैधानिक कार्यवाही को लेकर थाना सदर में तहरीर देकर मुकदमा दर्ज करने की मांग की गई है. समाजवादी पार्टी के प्रदेश सचिव रामगोपाल बघेल और अन्य कार्यकर्ताओं ने समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुखिया मुलायम सिंह यादव और बहुजन समाज पार्टी के संस्थापक कांशीराम का अपमान बताया है. उनके मुताबिक स्वामी रामभद्राचार्य दलितों और पिछड़ों का अपमान किया है.
समाजवादी पार्टी के पदाधिकारी का कहना है की मुलायम सिंह को खुद सरकार ने पद्म विभूषण दिया है. ऐसे में स्वामी रामभद्राचार्य को दिया गया सम्मान सरकार वापस ले और इनकी कथा पर प्रतिबंध लगाया जाए. दरअसल हाल ही में स्वामी प्रसाद मौर्य के कांशीराम की प्रतिमा अनावरण कार्यक्रम में नारा लगा था कि मिले मुलायम कांशीराम, हवा में उड़ गए जय श्री राम. इस नारे के विरोध में स्वामी रामभद्राचार्य ने कहा था कि मरे मुलायम कांशीराम, अब प्रेम से बोलो जय श्री राम. इसको लेकर आगरा में समाजवादी छात्र सभा की तरफ से बुद्धि-शुद्धि यज्ञ भी किया गया है.
जानिए किसे दिया जाता है पद्मविभूषण सम्मान
पद्म विभूषण सम्मान भारत सरकार द्वारा दिया जाने वाला दूसरा उच्च नागरिक सम्मान है, जो देश के लिये असैनिक क्षेत्रों में बहुमूल्य योगदान के लिये दिया जाता है। यह सम्मान भारत के राष्ट्रपति द्वारा दिया जाता है। इस सम्मान की स्थापना 2 जनवरी 1954 में की गयी थी। भारत रत्न के बाद यह दूसरा प्रतिष्ठित सम्मान है। पद्म विभूषण के बाद तीसरा नागरिक सम्मान पद्म भूषण है। यह सम्मान किसी भी क्षेत्र में विशिष्ट और उल्लेखनीय सेवा के लिए प्रदान किया जाता है। इसमें सरकारी कर्मचारियों द्वारा की गई सेवाएं भी शामिल हैं।
इन लोगों को अब तक मिल चुका है पद्मविभूषण सम्मान
1954–1960
वर्ष | नाम | क्षेत्र | राज्य | देश |
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1954 | सत्येन्द्र नाथ बसु | साहित्य एवं शिक्षा | पश्चिम बंगाल | भारत |
1954 | डाक्टर ज़ाकिर हुसैन | लोक संबंध | आंध्र प्रदेश | भारत |
1954 | बालासाहेब गंगाधर खेर | लोक संबंध | महाराष्ट्र | भारत |
1954 | जिगमे दोरजी वांगचुक | लोक संबंध | बिहार | भारत |
1954 | नंदलाल बोस | कला | पश्चिम बंगाल | भारत |
1954 | वी के कृष्ण मेनन | लोक संबंध | केरल | भारत |
1955 | महर्षि डॉ॰ धोंडो केशव कर्वे | साहित्य एवं शिक्षा | महाराष्ट्र | भारत |
1955 | जहांगीर रतनजी दादाभाई टाटा | व्यापार एवं उद्योग | महाराष्ट्र | भारत |
1956 | चंदूलाल माधवलाल त्रिवेदी | लोक संबंध | मध्य प्रदेश | भारत |
1956 | फज़ल अली | लोक संबंध | बिहार | भारत |
1956 | जानकीबाई बजाज | समाज सेवा | मध्य प्रदेश | भारत |
1957 | घनश्यामदास बिड़ला | व्यापार एवं उद्योग | राजस्थान | भारत |
1957 | मोतीलाल चिमनलाल सेतलवाद | विधि एवं लोक संबंध | महाराष्ट्र | भारत |
1957 | श्रीप्रकाश | लोक संबंध | आंध्र प्रदेश | भारत |
1959 | जॉन मातई | साहित्य एवं शिक्षा | केरल | भारत |
1959 | राध्विनोद पाल | लोक संबंध | पश्चिम बंगाल | भारत |
1959 | गगनविहारी लल्लूभाई मेहता | समाज सेवा | महाराष्ट्र | भारत |
1960 | नारायण राघवन पिल्लई | लोक संबंध | तमिल नाडु | भारत |
1961–1970
1971–1980
1981–1990
1991–2000
2001–2010
2011–2023
वर्ष | नाम | क्षेत्र | राज्य | देश |
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2011 | कपिला वात्स्यायन | कला | दिल्ली | भारत |
2011 | होमी व्यरावाला | कला – फोटोग्राफी | गुजरात | भारत |
2011 | ए नागेश्वर राव | कला- सिनेमा | आंध्र प्रदेश | भारत |
2011 | पराशरण केशव अयंगर | लोक सेवा | दिल्ली | भारत |
2011 | डॉ॰ अखलाक उर रहमान किदवई | लोक सेवा | दिल्ली | भारत |
2011 | विजय केलकर | लोक सेवा | दिल्ली | भारत |
2011 | मोंटेक सिंह आहलुवालिया | लोक सेवा | दिल्ली | भारत |
2011 | पल्ले रामा राव | विज्ञान]] और [[आभियांत्रिकी | आंध्र प्रदेश | भारत |
2011 | अज़ीम प्रेमजी | व्यापार]] एवं [[उद्योग | कर्नाटक | भारत |
2011 | ब्रजेश मिश्र | सिविल सेवा | मध्य प्रदेश | भारत |
2011 | प्रोफेसर डॉ॰ ओट्टप्लकल नीलकंदन वेलु कुरूप | साहित्य एवं शिक्षा | केरल | भारत |
2011 | सीताकांत महापात्रा | साहित्य एवं शिक्षा | ओडिशा | भारत |
2011 | स्व० श्री एल सी जैन | लोक-कार्य | दिल्ली | भारत |
2012 | श्री के. जी. सुब्रमण्यम | कला-चित्रकला और स्कलपचर | पश्चिम बंगाल | भारत |
2012 | स्व. श्री मारियो डी मिरांडा | कला- कार्टूनिस्ट | गोवा | भारत |
2012 | स्व. (डॉ) भूपेन हज़ारिका | कला-गायन | असम | भारत |
2012 | डॉ॰ कांतिलाल हस्तीमल संचेती | चिकित्सा-ऑर्थोपिडिक्स | महाराष्ट्र | भारत |
2012 | श्री टी. वी. राजेश्वर | लोक सेवा | दिल्ली | भारत |
2013 | श्री रघुनाथ महापात्रा | कला | ओडिशा | भारत |
2013 | श्री एस. हैदर रजा | कला | दिल्ली | भारत |
2013 | प्रोफेसर यशपाल | विज्ञान]] और [[आभियांत्रिकी | उत्तर प्रदेश | भारत |
2013 | प्रो॰ रोद्दम नरसिम्हा | विज्ञान]] और [[आभियांत्रिकी | कर्नाटक | भारत |
2014 | रघुनाथ माशेलकर | विज्ञान और आभियांत्रिकी | महाराष्ट्र | भारत |
2014 | बी के एस अयंगार | अन्य – योग विद्या | महाराष्ट्र | भारत |
२०१५ | लालकृष्ण आडवाणी | लोक सेवा | गुजरात | भारत |
२०१५ | अमिताभ बच्चन | कला | महाराष्ट्र | भारत |
२०१५ | प्रकाश सिंह बादल | लोक सेवा | पंजाब | भारत |
२०१५ | वीरेंद्र हेगड़े | सामाजिक कार्य | कर्नाटक | भारत |
२०१५ | दिलीप कुमार | कला | महाराष्ट्र | भारत |
२०१५ | रामभद्राचार्य | अन्य | उत्तर प्रदेश | भारत |
2023 | मुलायम सिंह यादव | लोक-कार्य | उत्तर प्रदेश | भारत |
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