मौत के जबड़े से बचकर आए अखिलेश से मिलीं अनुप्रिया पटेल
-उत्तराखंड में उत्तरकाशी की सुरंग में फंसे से मिर्जापुर के घरवासपुर के अखिलेश भी
-घर पहुंचने के पहले ही हरहुआ में अखिलेश का अभिनंदन किया श्रीमती पटेल ने
मिर्ज़ापुर (सच्ची बातें)। लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर सभी राजनैतिक दलों की गतिविधियां बढ़़ गई हैं। संभावित प्रत्याशियों के क्षेत्र भ्रमण में तेजी आ गई है। मिर्जापुर संसदीय क्षेत्र भी इससे अछूता नहीं है। हार-जीत की अटकलें लगाई जाने लगी हैं। हालांकि मौजूदा सांसद अनुप्रिया पटेल के अलावा अन्य किसी भी दल से उम्मीदवार की स्थिति स्पष्ट नहीं है। फिर भी चर्चा हो रही है।
कुतर्क का तो कोई जवाब ही नहीं है, लेकिन तर्क की कसौटी पर कसकर देखा जाए तो अनुप्रिया पटेल जैसा फिलहाल कोई नहीं है। ऐसा अकारण नहीं है। एक तो विपक्ष में मिर्जापुर से चुनाव लड़ाने के लिए अनुप्रिया पटेल जैसे कद का कोई नेता नहीं है। दूसरा, क्षेत्र में लगातार सक्रियता के साथ हर क्षेत्र में विकास।
पहले ताजा घटना क्रम के बारे में। सभी वाकिफ हैं कि उत्तराखंड के उत्तरकाशी में बन रही सुरंग में 41 मजदूर कई दिनों से फंसे से। उनको सुरक्षित निकालने के लिए विदेशी मदद भी ली गई। अंत में एक देशी तकनीक से सभी को सुरक्षित बाहर निकाला जा सका। इनमें एक मजदूर अनुप्रिया पटेल के संसदीय क्षेत्र मिर्जापुर के नरायनपुर ब्लॉक के घरवासपुर गांव के अखिलेश भी थे।
सुरंग से निकाले जाने के बाद एक दिसंबर शुक्रवार को अपने घर घरवासपुर जा रहे थे। जैसे ही उनके आने की खबर अपना दल एस की राष्ट्रीय अध्यक्ष केंद्रीय राज्य मंत्री तथा मिर्जापुर की सांसद अनुप्रिया पटेल को मिली, उन्होंने आगे बढ़कर अखिलेश का अभिनंदन करने की योजना बना डाली। अखिलेश मौत के जबड़े से जो बचकर आए थे।
अनुप्रिया पटेल पहुंच गईं बाबतपुर हवाई अड्डा के पास हरहुआ। वहां अखिलेश से मुलाकार कर उनके जज्बे को सलाम किया। उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली। उन्हें अंग वस्त्र भेंट कर अभिनंदन किया।
पिछले महीने 18 नवंबर को भी केन्द्रीय मंत्री श्रीमती पटेल ने अखिलेश कुमार के निवास पर घरवासपुर पहुंच कर उनके पिता रमेश कुमार सिंह और माता अंजू देवी से मुलाकात कर उन्हें ढांढस बंधाया था। कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सुरंग में फंसे सभी 41 श्रमिकों को सकुशल निकालने के लिए निरंतर प्रयास कर रहे हैं। राहत कार्य पर नजर बनाए हुए हैं।
सिर्फ अनुप्रिया पटेल नहीं, उनकी पार्टी का पूरा कुनबा घरवासपुर शुक्रवार की देर शाम पहुंच गया। अपना दल एस के जिलाध्यक्ष इं. राम लौटन बिंद के नेतृत्व में पार्टी के पदाधिकारियों ने अखिलेश कुमार के घर जाकर उनका स्वागत एवं अभिनंदन किया। इस अवसर पर राष्ट्रीय सचिव मेघनाथ पटेल, प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. अनिल सिंह, प्रदेश सचिव सहकारिता मंच पप्पू पटेल, प्रदेश सचिव पंचायत मंच विजय प्रधान, प्रदेश सचिव सहकारिता मंच अरुणेश पटेल, जिला मीडिया प्रभारी शंकर सिंह चौहान, विधानसभा अध्यक्ष युवा मंच गौरव पटेल, जोन अध्यक्ष इंद्रजीत पटेल, जोन अध्यक्ष कमलेश सिंह, अन्य क्षेत्रीय सेक्टर व बूथ अध्यक्ष आदि लोगों द्वारा उनका अभिवादन किया गया।
अखिलेश का प्रकरण तो ताजा घटनाक्रम है। इसके पहले भी मांगलिक व शोक कार्यक्रमों में हमेशा शिरकत करती हैं। विकास कार्य के मामले में तो विपक्ष की किसी भी पार्टी के नेता के पास आलोचना करने के लिए कोई शब्द ही नहीं है। हर क्षेत्र में मिर्जापुर तेजी से विकास कर रहा है। स्थिति यह हो गई है कि यदि एक व्यक्ति सांसद अनुप्रिया पटेल के खिलाफ कुछ बोलता है तो दस लोग उस पर ही बिफर पड़ते हैं।
मिर्जापुर में सर्व समाज की नेता के रूप में उनकी पहचान बन चुकी है। हर धर्म व हर जाति के लोग उनके प्रशंसक बन गए हैं। उधर विपक्ष, अभी प्रत्याशी की ही स्थिति स्पष्ट नहीं है। लेकिन अनुप्रिया पटेल के खिलाफ जो भी संभावित प्रत्याशी हैं, उनका कद अनुप्रिया पटेल के सामने बहुत छोटा दिखता है। चाहे विकास हो, क्षेत्र में उपलब्धता हो या अभिव्यक्ति का अंदाज। सब में बेजोड़। उनकी पार्टी के लोग शायद इसी दम पर कहते हैं कि अनुप्रिया पटेल तीसरी बार और ज्यादा मतों के अंतर से चुनाव जीत कर हैट्रिक लगाएंगी।
सांसद के रूप में अनुप्रिया पटेल का दूसरा कार्यकाल पूरा होने की ओर तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन जिले में उनका कोई विरोधी नहीं है। हर कोई यही कहता है कि पार्टी पॉलिटिक्स को छोड़ दें तो उनका विरोध करने का कोई दूसरा कारण नहीं है। यही बात अनुप्रिया पटेल को फिलहाल अजेय साबित करने के लिए काफी है। आगे-आगे देखिए होता है क्या।