अनोखा बैंक
इस बैंक में रुपये-पैसे और सोना-चांदी नहीं, समय की ही जमा-निकासी होती है
-भारत में कई जगह संचालित हो रहे हैं इस तरह के बैंक
-स्वस्थ अवस्था में जमा किया गया समय अशक्त होने पर आता है काम
राजेश पटेल, मिर्जापुर (सच्ची बातें)। टाइम बैंक ऑफ इंडिया। समय बैंक। सुनने में थोड़ा सा अटपटा लग रहा है, लेकिन इसमें स्वस्थ अवस्था में इन्वेस्ट की गई अनमोल चीज बुढ़ापे में बहुत काम आती है। इस बैंक में रुपये-पैसे, सोने-चांदी का इन्वेस्ट नहीं किया जाता है। इसमें समय का इन्वेस्ट करना पड़ता है, जो इस धरती पर अनमोल है। किसी भी कीमत पर इसे नहीं खरीदा जा सकता।
भारत में समय बैंक के संचालन में सबसे प्रतिष्ठित नाम रोटरी क्लब का है। इसके लिए बाकायदा टाइम बैंक ऑफ इंडिया ट्रस्ट बनाया गया है। इसकी मुख्य अवधारणा ही है बुजुर्गों की सेवा।
एकल परिवार के विस्तार, औसत आयु में वृद्धि, शहरीकरण, स्वास्थ्य समस्याओं आदि के कारण अकेले बुजुर्ग वरिष्ठ नागरिकों को दिन-प्रतिदिन के काम को प्रभावी ढंग से करने और समय गुजारने में बड़ी कठिनाई होती है। उनके या तो बच्चे नहीं होते या बच्चे इतने दूर होते हैं कि वे अपने माता-पिता की देखभाल करने में असहाय होते हैं। टाइम बैंक ऑफ इंडिया कॉन्सेप्ट एक सामाजिक सामुदायिक परियोजना बनाकर पारिवारिक जरूरतों के इस अंतर को पूरा करने का प्रयास करता है।
अवधारणा के तहत, कोई भी व्यक्ति अधिमानतः 60 वर्ष से अधिक आयु का एक स्वस्थ सेवानिवृत्त व्यक्ति (जिसे सदस्य कहा जाता है), जिसके पास ऐसे जरूरतमंद बुजुर्गों की देखभाल करने के लिए समय, ऊर्जा और उत्साह है, जो उन्हें अपना समय समर्पित करके उनकी जरूरत के समय मदद करते हैं। उन्हें।
सदस्य द्वारा बिताया गया समय उनके विशिष्ट खाते में जमा किया जाता है, जिसका उपयोग वे अपनी आवश्यकता के समय कर सकेंगे। इस प्रकार सदस्य भविष्य में उपयोग के लिए अपना समय कमा/बचा रहे हैं। सदस्यों और सेवा चाहने वालों के बीच पैसे का कोई लेन-देन नहीं होगा। उदाहरण के लिए, यदि श्रीमान/श्रीमती एक्स किसी जरूरतमंद बुजुर्ग (सेवा चाहने वाले) की सप्ताह में चार घंटे सेवा करते हैं, तो उन्हें महीने में 16 घंटे और साल में 192 घंटे या 8 दिन की कमाई/बचत होगी, जो उनके खाते में जमा की जाएगी। इस समय का उपयोग अपनी आवश्यकता के समय किश्तों में या एक बार सेवा मांग कर किया जा सकता है।
सरल शब्दों में टाइम बैंक ऑफ इंडिया में पंजीकरण शून्य बैलेंस के साथ बैंक खाता खोलने जैसा है। बुजुर्गों की सेवा करके धन के स्थान पर जब भी और जो भी उपलब्ध हो, समय जमा करें। अपनी जरूरत के समय अपनी जमा राशि के बराबर समय अपनी पसंद के अनुसार निकाल लें।
इस टीम में बहुत ही ख्यातिलब्ध लोग हैं। मसलन ट्रस्ट के अध्यक्ष चंद जैन पंजाब नेशनल बैंक के पूर्व वरिष्ठ कार्यकारी रहे हैं। प्रबंध ट्रस्टी अनिल कुमार खोसला भी पंजाब नेशनल बैंक के पूर्व वरिष्ठ कार्यकारी रह चुके हैं। अरुणा जैन इस ट्रस्ट की कोषाध्यक्ष हैं।
निरोगी भारत मिशन ने भी उत्तराखंड के देहरादून में इस तरह के बैंक का संचालन शुरू किया है। मिशन का देहरादून के कोलागढ़ के पास कार्यालय है। जहां कोई भी व्यक्ति अपना पंजीकरण करा सकता है या मोबाइल नंबर 9997213642 पर संपर्क कर सकता है। मिशन के पदाधिकारी इन व्यक्तियों का सत्यापन करते हैं और फिर टाइम बैंक से जोड़ देते हैं। अब यहां से शुरू होता है टाइम बैंक का मकसद। दरअसल, कई बुजुर्ग एकाकी जीवन जी रहे हैं। उन्हें स्वास्थ्य समेत अन्य जरूरी कामों के लिए दूसरों पर निर्भर रहना पड़ता है।
कई बार इन बुजुर्गों तक किसी भी माध्यम से मदद नहीं पहुंच पाती है, जिससे उन्हें काफी परेशानी झेलनी पड़ती है। उम्र के इस पड़ाव पर इन बुजुर्गों को सहारा मिल सके और कोई उन्हें अपना समय देकर उनकी जिंदगी में खुशियों के रंग भर सके। इसी उद्देश्य के साथ इस टाइम बैंक की शुरुआत की गई है।