नई दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में नई पार्टी राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी का किया एलान
-सरकार पर पिछड़ों और दलितों की उपेक्षा का लगाया आरोप
-कहा, लोकसभा चुनाव में विपक्षी गठबंधन INDIA को मजबूत करेंगे
नई दिल्ली (सच्ची बातें)। समाजवादी पार्टी में उपेक्षा की बात कहकर सभी पदों से और विधान परिषद की सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य ने गुरुवार को दिल्ली के तालकटोरा में नई पार्टी राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी (आरएसएसपी) का एलान कर दिया है।
इस मौके पर उन्होंने भाजपा व आरएसएस पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार इस देश की संपत्तियों को बेचने का पाप कर रही है।
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उन्होंने कहा कि धर्म की दुहाई देकर सत्ता में बैठे ये भूखे भेड़िए आज इंसानियत का कत्लेआम कर रहे हैं। हिंदू मुसलमानों को बांटने की कोशिश कर रहे हैं। भाजपा और आरएसएस का जो इतिहास है, इस बात का गवाह है कि इस देश की आज़ादी में उनके परिवार और कुनबे का कोई व्यक्ति हिस्सेदार नहीं रहा है इसलिए देश से उन्हें कोई लगाव नहीं है। ये देश की पहली सरकार है जो कि देश की संपत्तियों को बेचने का पाप कर रही है।
सपा में रहते हुए स्वामी प्रसाद मौर्य लगातार अपने बयानों से चर्चा में रहे हैं। उनके बयानों के कारण सपा नेतृत्व भी कई बार परेशानी में नजर आया और उन्हें पार्टी में ही विरोध का भी सामना करना पड़ा है। उन्होंने अपनी टिप्पणियों को लेकर समाजवादी पार्टी के कुछ नेताओं के रवैये से नाराज होकर 13 फरवरी को पहले सपा के राष्ट्रीय महासचिव और फिर पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद दिल्ली में नई पार्टी का एलान कर दिया। उन्होंने विपक्षी गठबंधन इंडिया को मजबूत करने की बात कही थी।
मौर्य ने पार्टी प्रमुख को लिखे पत्र में कहा था कि उन्होंने पार्टी का जनाधार बढ़ाने का काम ‘‘अपने तौर-तरीकों” से जारी रखा और बीजेपी के ‘मकड़जाल’ में फंसे आदिवासियों, दलितों और पिछड़ों के ‘स्वाभिमान’ को जगाने की कोशिश की।
उन्होंने कहा, ‘‘ मैं नहीं समझ पाया, मैं एक राष्ट्रीय महासचिव हूं जिसका कोई भी बयान निजी हो जाता है और पार्टी के कुछ राष्ट्रीय महासचिव और नेता ऐसे भी हैं जिनका हर बयान पार्टी का हो जाता है। यह समझ के परे है।”
स्वामी प्रसाद मौर्य श्री रामचरितमानस और सनातन धर्म के साथ-साथ अयोध्या के राम मंदिर में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर भी कई विवादास्पद बयान दे चुके हैं, जिसको लेकर व्यापक स्तर पर तल्ख प्रतिक्रिया हुई थी. खुद उनकी पार्टी में ही उनका विरोध हुआ था। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान की जरूरत पर सवाल उठाने पर विधानसभा में सपा के मुख्य सचेतक मनोज पांडेय ने हाल ही में उन्हें ‘‘विक्षिप्त व्यक्ति” कहा था।
मौर्य ने पत्र में कहा कि उन्होंने पार्टी को ठोस जन आधार देने के लिए पिछले साल जनवरी-फरवरी में प्रदेशव्यापी भ्रमण कार्यक्रम के तहत ‘‘रथ यात्रा” निकालने का प्रस्ताव रखा था, लेकिन पार्टी अध्यक्ष के आश्वासन के बाद भी कोई सकारात्मक परिणाम नहीं आया।
मौर्य ने सरकार पर पिछड़ों की उपेक्षा का आरोप लगाया था. हालांकि, उनकी बेटी संघमित्रा मौर्य बीजेपी से अब भी सांसद हैं. स्वामी प्रसाद मौर्य मायावती के नेतृत्व वाली सरकारों में भी मंत्री रहे थे।
पडरौना से विधायक रह चुके मौर्य ने 2022 के विधानसभा चुनाव में फाजिलनगर से चुनाव लड़ा था, लेकिन बीजेपी के सुरेंद्र कुमार कुशवाहा से हार गए थे. इसके बाद सपा ने उन्हें विधान परिषद का सदस्य बनाया और संगठन में राष्ट्रीय महासचिव की जिम्मेदारी सौंपी थी।