September 10, 2024 |

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गांधी जयंती पर विशेष- मोदी द्वारा की गई नोटबंदी के बाद तो गांधी जी भी दाहिनी ओर देखने लगे

Sachchi Baten

गांधी सीरीज के नोट 1996 में छपने शुरू हुए, उनमें गांधी जी बाईं ओर देख रहे हैं

-इसके पहले गांधी जन्म शताब्दी वर्ष 1969 में स्मारक नोटों पर गीता पढ़ते बापू की फोटो छपी, जिसमें देख रहे हैं दाईं ओर,

-नोटबंदी के बाद जो नोट छापे गए, उनमें फिर दाहिनी ओर देख रहे हैं महात्मा गांधी

 

राजेश पटेल, मिर्जापुर (सच्ची बातें)। आज राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 154 वीं जयंती है। सारा राष्ट्र उन्हें नमन कर रहा है। तो चर्चा होगी भारतीय सिक्कों व नोटों पर बापू की फोटो की। ताकि आज की पीढ़ी को इतिहास की जानकारी हो सके।
                          
महात्मा गांधी के ऊपर धनबाद की आनंद हेरिटेज गैलरी म्यूजियम में अमरेंद्र आनंद जी ने इसका विशेष संग्रह किया है। कौड़ी से क्रेडिट कार्ड वाली थीम पर बनी इस गैलरी में भारतीय मुद्रा में महात्मा गांधी पर उनके संग्रह में पूरा इतिहास झलक रहा है।
अमरेंद्र आनंद ने बताया कि आजादी के बाद जब कागजी मुद्रा के छपने की बात उठी तो नोटों पर महात्मा गांधी के पोट्रेट छापने की बात चली, पर डिजाइन फाइनल नही हो पाया।
                               
1969 में जब गांधी जन्म शताब्दी वर्ष मनाया गया  तो पहली बार महात्मा गांधी की गीता पढ़ते हुए फोटो उस समय के सभी नोटो पर छापी गई। जो दाईं ओर मुखातिब थी। उस समय रिजर्व बैंक के गवर्नर एलके झा थे और वित्त सचिव आईजी पटेल थे। उस समय के एक रुपया के नोट पर आईजी पटेल के हस्ताक्षर तथा बाकी के नोटों पर एलके झा के हस्ताक्षर हैं।
                                            1969 में गांधी जन्म  शताब्दी के उपलक्ष्य में जारी स्मारक नोट
4 मई से 15 जून 1970 तक बीएन अदाकर भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रहे। लिहाजा दो रुपये, पांच रुपये, 10 रुपये एवं 100 रुपये को नोटों पर बीएन अदाकर के हस्ताक्षर वाले नोट 1970 में भी छापे गए। उस समय 500 एवं 1000 के नोट प्रचलन में नहीं थे।
                                           1969 में गांधी जन्म  शताब्दी के उपलक्ष्य में जारी स्मारक नोट
1969 में महात्मा गांधी पर भारतीय टकसाल ने स्मारक सिक्के भी जारी किए, जो 10 रुपये, 1 रुपया, 50 पैसे और 20 पैसे के थे । इन सिक्कों पर एक तरफ महात्मा गांधी के चित्र थे। ये सारे सिक्के प्रचलन में जारी रहे । इसमें 10 रुपये का सिक्का चांदी का था। उस वक्त चांदी आठ रुपये की 10 ग्राम आती थी। पर कुछ दिनों बाद चांदी के दाम बढ़ जाने से 10 रुपये का सिक्का प्रचलन से बाहर निकल गया।
     
                         1996 में छापे गए गांधी सीरीज के नोटों पर फोटो में बापू बाईं ओर देखते नजर आ रहे हैं।
रिजर्व बैंक के गवर्नर सी रंगराजन के कार्यकाल 1996 में सभी नोटों पर गांधी के पोट्रेट छापने की बात तय हुई। 1996 में 10 और 100 रुपये महात्मा गांधी सीरीज के नोट जारी हुए। फिर सभी कागजी मुद्राओं पर गांधीजी विराजमान हो गए। लेकिन इन कागजी मुद्राओं पर बाईं ओर देखती उनकी फोटो छापी गई थी।
                                                        नोटबंदी के बाद छापे गए नोट में बापू देख रहे हैं दाहिनी ओर।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2016 नवंबर मेंं नोट बंदी की घोषणा की। 500 तथा एक हजार के पुरानों नोटों को बंद कर दिया गया। इनके स्थान पर 500 तथा 2000 रुपये के नए नोट जारी किए गए। इन नोटों पर गांधी जी की जो फोटो है, उसमें  फिर दाईं ओर देखने लगे। फिर 10, 20, 50, सौ और दो सौ रुपये के भी नए नोटों की शृंखला जारी हुई। इन सभी पर गांधी जी दाईं ओर देख रहे हैं।
                                           नोटबंदी के बाद छापे गए नोट, जिनमें गांधी जी दाहिनी ओर देख रहे हैं।

Sachchi Baten

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