November 11, 2024 |

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शाहजहांपुर : एक गांव में 24 घंटे से किसी घर में नहीं जला चूल्हा, जानें क्यों…

Sachchi Baten

 अजमतपुर में एक दिन 14 अंत्येष्टि से दहल गया पूरा गांव

राजीव शर्मा, शाहजहांपुर (सच्ची बातें) 16 अप्रैल। शाहजहांपुर जिले के अजमतपुर गांव में चीख-पुकार के साथ करुण क्रंदन ही सुनाई दे रहा है। गांव में रविवार को एक एक कर 13 लोगों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है, जबकि अब इस हादसे में मृतकों की संख्या 14 हो गई है। घटना के 24 घंटे बीतने के बाद भी गांव में चूल्हा नहीं जला है और ना ही किसी ने खाना खाया है।
जिले के प्रशासनिक अधिकारी तथा पुलिस गांव में ही मौजूद है वही नेताओं के पहुंचने का भी क्रम शुरू हो गया है आज वित्त मंत्री सुरेश खन्ना विधायक मानवेंद्र सिंह, सलोना कुशवाहा तथा सपा नेता पूर्व विधायक रोशनलाल वर्मा एवं राजेश वर्मा भी गांव में पहुंचे हैं।
जिला अधिकारी उमेश प्रताप सिंह ने गांव में ही बताया कि वह सुबह ही गांव आ गए थे तथा मृतकों के अंतिम संस्कार की व्यवस्था भी प्रशासन द्वारा कराई गई है। हादसे में जिन बच्चों की मृत्यु हुई है, उन्हें जेसीबी से गड्ढा खोदकर दफनाया गया है। वहीं मृत महिला पुरुषों का गांव के ही बाहर खेतों में अंतिम संस्कार कराया जा रहा है।  गांव में सुरक्षा व्यवस्था हेतु थानों की पुलिस फोर्स को भी तैनात किया गया है।
जिलाधिकारी ने बताया कि अब तक मृतक संख्या 14 हो गई है। बाकी जो घायल हैं उनको बेहतर इलाज की निश्शुल्क व्यवस्था कर दी गई है तथा एक महिला को गंभीर हालत में केजीएमयू में लखनऊ रेफर किया गया है। इसके अलावा प्रत्येक मृतक के को दो लाख तथा घायलों को 50 हजार एवं पारिवारिक योजना में ₹30 हजार दिए जा रहे हैं। हमारी टीम गांव में मौजूद है जो कागजी प्रक्रिया पूर्ण कर रही है।
पुलिस अधीक्षक एस आनंद ने बताया कि शनिवार को वीरसिंहपुर गर्रा पुल पर हुए हादसे में रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है तथा ट्रैक्टर चालक सौरभ को हिरासत में ले लिया गया है। इसके अलावा कथावाचक एवं भागवत कथा के आयोजक आकाश तिवारी से पुलिस पूछताछ कर रही है। साथ ही पूरे मामले की जांच के लिए एक टीम लगाई गई है।
ग्राम प्रधान विजयपाल से जब पूछा गया  तो उन्होंने बताया कि हमारा तो गांव ही उजड़ गया। पूरे गांव में 14 लोगों की मौत हो गई तथा घायल अस्पताल में भर्ती हैं। ऐसे में गांव में रोने पीटने की आवाज के अलावा कुछ सुनाई नहीं दे रहा है। गांव की हर गली से रोने की आवाज आ रही हैं। वह बताते हैं कि मैंने अपने जीवन में इतना बड़ा हादसा नहीं देखा है।
ग्रामीणों ने बताया कि आज 24 घंटे बीत चुके हैं। हमारे गांव में किसी ने चाय तक नहीं पी है, खाना तो दूर की बात है। कल से अभी तक गांव में चूल्हे नहीं जले हैं। पंद्रह सौ की आबादी वाले इस गांव में किसी प्रशासनिक अधिकारी तथा नेता ने यह नहीं सोचा कि गांव में रहने वाले बच्चे भूखे होंगे। किसी ने भी खाने तक की व्यवस्था नहीं की। जबकि पूरे गांव के लोग तो शवों को लाने तथा घायलों को अस्पताल ले जाने में ही लगे रहे।
गांव में ही रहने वाले सर्वेश वर्मा ने बताया कि आकाश तिवारी भागवत कथा कराता है और इसमें उसे अच्छी खासी बचत हो जाती है। इस साल भी उसने यह आयोजन किया। गांव वालों को ट्रैक्टर ट्राली में भरकर ले गया, परंतु अपने आप बाइक से गया। ग्रामीणों मे इस आकाश तिवारी के विरुद्ध काफी गुस्सा दिखा। लोग आकाश तिवारी का नाम लेते ही भड़क उठे।
गांव में ही रहने वाले मुरारीलाल का तो पूरा घर ही बिखर गया। उनके घर में अमित (18) तथा शिवानी (16) एवं भतीजा डुग्गू (8) की मौत से पूरा परिवार टूट गया है। किसी के घर में एक तो किसी के घर में दो लोगों की मौत हुई है।
प्रत्यक्षदर्शी बताते हैं कि गांव से गर्रा नदी से जल लेने दो ट्रैक्टर गए थे, जब ट्रैक्टर वीरसिंहपुर गर्रा पुल पर पहुंचे तो ड्राइवर सौरभ ने पुल पर स्पीड बढ़ा कर अपने ट्रैक्टर को ओवरटेक कर निकालने का प्रयास किया तो ट्रैक्टर लहराया, तभी ट्राली में बैठे लोग ट्रैक्टर रोकने के लिए चीखने चिल्लाने लगे। पर वह रुका नहीं और उसका संतुलन बिगड़ गया। इसी दौरान कुछ लोग ट्राली से कूद गए, जिनमें कुछ लोगों को चोटे आईं, परंतु महिला और बच्चे ट्राली से कूद नहीं पाए। इसके बाद ट्राली पुल से 40 फीट नीचे गिर गई, जिसमें 14 लोगों की मौत हो गई।
राजकीय मेडिकल कॉलेज के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ शैलेंद्र कुमार ने आज बताया कि 14 लोगों की इस हादसे में मौत हो चुकी है। जबकि 26 लोग उनके अस्पताल में भर्ती हैं, जिनमें से 3 लोगों की हालत काफी गंभीर बनी हुई है। एक महिला को लखनऊ रेफर किया गया है। उन्होंने कहा कि हम पूरा प्रयास कर रहे हैं कि लोग जल्दी ही स्वस्थ हो जाएं। इसके लिए डाक्टरों की एक अलग से टीम लगाई गई है।

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