सीहोर के कारोबारी मनोज परमार के यहां पांच दिसंबर को हुई थी ईडी की छापेमारी
-रविंद्र पटवाल
यह घटना मध्य प्रदेश के सीहोर जिले के आष्टा की है, जहां कारोबारी मनोज परमार और उनकी पत्नी नेहा का शव गत दिवस शुक्रवार सुबह फंदे पर लटका हुआ मिला। इस आत्महत्या के पीछे ईडी की छापेमारी और प्रताड़ना का हाथ बताया जा रहा है।
9 दिन पहले 5 दिसंबर को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने परमार के इंदौर और सीहोर में स्थित चार ठिकानों पर छापेमारी को अंजाम दिया था।
उधर संसद में संविधान को लेकर पक्ष और विपक्ष की जोरदार तकरीरें चल रही हैं, और इधर देश में संविधान और लोकतंत्र के साथ व्यभिचार की सैकड़ों घटनाओं में से इस एक और घटना ने देश को सकते की स्थिति में ला दिया है।
सोशल मीडिया पर तेजी से इस घटना के बारे में आम लोग चर्चा कर रहे हैं, लेकिन तीन दिनों तक लोकसभा और राज्यसभा में चर्चा थमने तक लोकतंत्र के साथ हुई इस दुर्घटना को भी दफन हो जाना होगा।
बता दें कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान सीहोर के इस परिवार के बच्चों ने गुल्लक में पैसे जोड़कर राहुल गांधी को ये गुल्लक भेंट की थी। राहुल गांधी के साथ इन दोनों भाई-बहनों के तस्वीर आने के बाद से इस परिवार की इलाके में काफी चर्चा हुई थी।
कांग्रेस का आरोप है कि उसके बाद से ही यह परिवार भाजपा की आंखों में खटकने लगा था, जिसका परिणाम ईडी की छापेमारी में सामने आया।
परमार परिवार के तीन बच्चे बेटी जिया (18 वर्ष), बेटा जतिन (16) और यश (13) वर्ष का है, आज ये बच्चे अनाथ हो चुके हैं। मनोज परमार के भाई और हर्षपुर के सरपंच राजेश परमार के मुताबिक मनोज पर ईडी की छापेमारी के चलते मानसिक दबाव था। इससे पहले ही कार्रवाई हुई थी, और साथ ही भाजपा वाले भी परेशान कर रहे थे, इसलिए आज़िज आकर उसने यह कदम उठाया।
मनोज के बड़े बेटे जतिन का भी बयान इसकी पुष्टि करता है, जिसमें उनका कहना है कि ‘ईडी वालों ने मानसिक तौर पर प्रेशर बनाया था। इस कारण माता-पिता ने सुसाइड किया है।’
दैनिक भाष्कर के अनुसार मनोज परमार ने 5 पेज का सुसाइड नोट भी छोड़ा है, जिसमें 5 दिसंबर को ईडी के छापे के बारे में लिखा है। सुसाइड नोट में बताया गया है कि 5 दिसंबर की सुबह 5 बजे मेरे घर पर ईडी की रेड पड़ी, जिसमें ईडी के असिस्टेंट डायरेक्टर संजीत कुमार साहू और उनके साथी राधेश्याम बिश्नोई ने उनके परिवार के सदस्यों को एक कमरे में बंद कर दिया।
और पूरे घर में सर्च अभियान के नामपर सबसे पहले घर के सारे कैमरे बंद कर दिए और उसके बाद भारी उथल-पुथल मचाई। पूरे घर में जूतों के साथ धमाचौकड़ी करते हुए पूजा वाले कमरे में भी सामान को अस्त-व्यस्त किया, जिसके चलते भगवान शिव की मूर्ति खंडित हो गई।
तुम्हारा परिवार बीजेपी में होता तो छापा नहीं पड़ता
इतना ही नहीं ईडी के असिस्टेंट डायरेक्टर संजीत कुमार साहू ने मेरे परिवार के साथ गाली-गलौज और मेरे साथ मारपीट की। परिवार में सभी के मोबाइल रखवा लिए।
सुसाइड नोट में परमार लिखते हैं कि हर आधे घंटे पर ईडी अधिकारी धमकाते थे कि तुम्हारा परिवार यदि बीजेपी में होता तो यह छापा नहीं पड़ता। तुम्हारे बच्चे राहुल गांधी से मिलते हैं। राहुल गांधी भी तुमारी मदद नहीं कर पायेगा और हम उसे भी जल्द गिरफ्तार करेंगे।
नीचे हॉल में फ़ोटो गैलरी में राहुल गांधी सहित कांग्रेस पार्टी की फोटो लगी हुई थी, जिसे देखकर साहू का बार-बार कहना था कि तुम्हारे घर में छापे की वजह ही ये फोटो और तुम्हारे बच्चों का राहुल गांधी से मिलना और प्रचार करना है।
इसके बाद साहू ने मुझे नीचे जमीन पर बिठा दिया और सोफे पर बैठकर मेरे कंधे पर अपने पांव रख दिए। पत्र के कुछ अंश इस पोस्ट में भी देखे जा सकते हैं:
इतना ही नहीं, अधिकारी बोलते रहे कि इतनी धाराएं लगाऊंगा कि राहुल गांधी प्रधानमंत्री बनने के बाद भी नहीं हटा पायेगा। इसलिए मामला सेटल करो और फ्री हो जाओ। मनोज परमार ने अपने नोट में राहुल गांधी से निवेदन किया है कि मेरी मौत के बाद बच्चों का ख्याल रखना और उन्हें अकेला मत छोड़ना।
इससे एक दिन पहले मनोज परमार अपने परिवार के साथ सुसनेर के पास बगलामुखी मंदिर के दर्शन करने गये थे। रात करीब 8 बजे घर लौटने के बाद उन्होंने तीनों बच्चों को सुला दिया और इसी कान के पास बने दूसरे मकान में पत्नी नेहा के साथ सोने चले गये।
शुक्रवार को जब काफी देर तक दोनों नहीं आये तो बड़ा बेटा जतिन उन्हें देखने वहां पहुंचा। कमरे का दरवाजा अटका भर था। अंदर जाकर देखा तो माता-पिता फंदे पर झूल रहे थे।
इसके बाद उसने अपने परिजनों को इस घटना की इत्तिला की और पुलिस को खबर की। करीब 8:30 बजे पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों को फंदे से उतारकर शवों को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने इस मामले पर सोशल मीडिया X पर वित्त मंत्री, निर्मला सीतारमण और राहुल गांधी को टैग करते हुए लिखा है, ‘आष्टा सिहोर जिला मप्र के मनोज परमार को बिना कारण ED द्वारा परेशान किया जा रहा था।
मनोज परमार के बच्चों ने राहुल जी को भारत जोड़ो यात्रा के समय गुल्लक भेंट की थी। मनोज के घर पर ED के Astt Director भोपाल संजीत कुमार साहू द्वारा रेड की गई थी। मनोज अनुसार उस पर रेड इसलिए डाली गई क्योंकि वह @INCIndia का समर्थक है।
मैंने मनोज के लिए वकील की व्यवस्था भी कर दी थी। लेकिन बड़े दुख के साथ कहना पड़ रहा है मनोज इतना घबराया हुआ था कि आज उसने व उसकी पत्नी ने आज सुबह आत्म हत्या कर ली। मैं इस प्रकरण में Director ED से निष्पक्ष जांच की मांग करता हूं।’
यह घटना देश में बढ़ते तानाशाही और निरंकुशता का सबसे ताजा मिसाल है। अभी तक यही देखने मिलता था कि विपक्ष को खामोश या अपने पक्ष में करने के लिए ईडी, सीबीआई और आयकर विभाग का दुरूपयोग किया जा रहा था।
लेकिन इस घटना से पता चलता है कि विपक्ष यदि भारत में शांति और भाईचारे का प्रयास करता है तो उसका समर्थन करने वालों के खिलाफ भी इस प्रकार की दमनकारी कार्रवाई को अंजाम दिया जा सकता है।
अगर यही सिलसिला जारी रहा तो अपने और अपने परिवार के अहित की आशंका के डर से आम आदमी भी विपक्ष से दूरी बनाने में ही भलाई समझेगा।
(रविंद्र पटवाल जनचौक संपादकीय टीम के सदस्य हैं)