February 8, 2025 |

ओपीएसः सरकारी कर्मचारियों ने हिला दी मोदी की कुर्सी

Sachchi Baten

केंद्र सरकार की तानाशाही के खिलाफ अपनी ताकत दिखाई सरकारी कर्मचारियों ने

-दिल्ली के रामलीला मैदान में भरी हुंकार, पुरानी पेंशन  योजना लेकर रहेंगे

-हाल-फिलहाल की सबसे बड़ी रैली ने मोदी-शाह के कान खड़े किए

 

नई दिल्ली (सच्ची बातें)। पहली अक्टूबर दिन रविवार। दिल्ली का नजारा बदला-बदला सा था। एनसीआर के रेलवे स्टेशनों व बस अड्डों से रामलीला मैदान तक की सड़क पर सरकारी कर्मचारियों का रेला उमड़ पड़ा था। बात हक की थी, सो जोश भी सात में था। देखते ही देखते विशाल रामलीला मैदान  ओवरफ्लो हो गया। पुरानी पेशन योजना की बहाली को लेकर इन कर्मियोंं ने जो  हुंकार भरी, उससे केंद्र सरकार की कुर्सी हिल गई। यह कहें कि खिसकती नजर आई तो गलत नहीं होगा। गगनभेदी नारों से दिल्ली दहल गई। सरकार के अलंबरदारों के कान खड़े हो गए। दरअसल सत्ता पक्ष के आत्ममुग्ध नेताओ को भान ही नहीं था, इतने लोग दिल्ली आ जाएंगे।
इस महारैली में उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल के जिलों मिर्जापुर, बनारस, चंदौली, संत रविदास नगर भदोही, प्रतापगढ़, जौनपुर, प्रयागराज, गाजीपुर, बलिया, आजमगढ़, मऊ, देविरिया  आदि से  भी भारी संख्या में सरकारी कर्मचारी पहुंचे थे। इनमें शिक्षकों की संख्या ज्यादा थी।मिर्जापुर जनपद से बेसिक शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन के जिला मंत्री डॉ. शिशुपाल सिंह ने कहा कि atewa के सिपाहियों एवं महिला शिक्षिकाें ने विभिन्न विषम परिस्थितियों के बावजूद दिल्ली की महाशंखनाद रैली में प्रतिभाग करके मिर्जापुर जनपद की उपस्थिति जिस प्रकार से दर्ज कराई, बधाई के पात्र हैं।

अपनी मांग पुरानी पेंशन योजना की बहाली को लेकर रामलीला मैदान आयोजित महारैली में बड़ी संख्या में केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारी पहुंचे। इनके समर्थन में कई पार्टियों के नेता, किसान नेता समेत कई संगठन के कार्यकर्ता मौजूद थे। उनका कहना था कि सरकार अपनी जिद नहीं छोड़ती है तो इससे भी बड़ा आंदोलन पूरे देश में किया जाएगा। अगामी लोकसभा चुनाव में केंद्र व राज्य सरकार के 10 करोड़ कर्मियों की यह संख्या निर्णायक साबित होगी।

पेंशन शंखनाद महारैली का आयोजन नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम (एनएमओपीएस) के बैनर तले किया गया। एनएमओपीएस के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय कुमार बंधु ने इस मौके पर कहा कि पुरानी पेंशन कर्मियों का अधिकार है, सरकार से खैरात नहीं मांग रहे हैं। सरकारी कर्मियों, पेंशनरों और उनके रिश्तेदारों को मिलाकर यह संख्या दस करोड़ के पार है। चुनाव में बड़ा उलटफेर करने के लिए यह संख्या निर्णायक साबित होगी। पंजाब, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश और झारखंड में पुरानी पेंशन बहाल की जा चुकी है। जब भारत आर्थिक रूप से मजबूत हो चुका है तो फिर पेंशन क्यों नहीं दे सकता। सरकार बातें नहीं मानती तो जल्द ही वोट फॉर ओपीएस अभियान चलाया जाएगा।

 

 

इस मौके पर हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि पुरानी पेंशन योजना कर्मचारियों का हक है। मांगें एकदम जायज हैं और सरकार को इसे लागू करना चाहिए। कर्मचारियों के इस आंदोलन का पूरा समर्थन करते हैं।
भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष राकेश टिकैत ने कहा कि पुरानी पेंशन स्कीम को पूर्ण समर्थन है। देश का किसान इस लड़ाई में कंधे से कंधा मिलाकर चलेगा और इसे मजबूती से लड़ने का काम करेगा।

 

आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि देश के कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन बहाली को लेकर मोदी सरकार के
खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। 40 दिन विधायक सांसद रहने वाले को पूरी जिंदगी पेंशन तो 40 साल काम करने वाले कर्मचारी को पेंशन क्यों नहीं दी जाती। उन्होंने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का नारा है ‘जहां आप का शासन वहां पुरानी पेंशन’।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा कर्मचारियों के हितों को सर्वोपरि रखा है। कांग्रेस पार्टी की जिन राज्यों में सरकारें हैं, वहां कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी के आदेशानुसार पुरानी पेंशन को लागू किया जा रहा है। दिल्ली में कांग्रेस की सरकार आने पर सबसे पहले सरकारी कर्मचारियों के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम को लागू किया जाएगा।
इस मौके पर पूर्व सांसद डॉ. उदित राज ने कहा कि इंडिया की सरकार यानी कांग्रेस की सरकार केंद्र में आई तो पहले दिन ही पुरानी पेंशन बहाल की जाएगी। वह नई पेंशन योजना का पूर्णत: विरोध करते हैं। सरकारी कर्मचारियों की रैली से मोदी सरकार के खिलाफ बिगुल बज चुका है, 2024 में भाजपा का जाना तय है, क्योंकि देश भर के सरकारी कर्मचारी मोदी सरकार के खिलाफ मतदान करेंगे।


Sachchi Baten

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