171 करोड़ रुपये के पिछड़ा वर्ग अनुदान से बने हॉस्टल में पिछड़ों के लिए कोई आरक्षण नहीं
-राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने बीएचयू के कुलपति को भेजा नोटिस, कहा 10 दिन के अंदर जवाब चाहिए
-ओबीसी कमीशन के अध्यक्ष हंसराज गंगाराम अहिर ने आयोग की शक्तियों का भी पत्र में दिया है हवाला
राजेश पटेल, काशी (सच्ची बातें)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र काशी में स्थित बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी में पिछड़े वर्ग के छात्रों के साथ बहुत बड़ा अन्याय हो रहा है। इस वर्ग के छात्रों को हॉस्टल आवंटन में आरक्षण दिया ही नहीं जा रहा है। इनके अलावा एससी, एसटी, यहां तक कि आर्थिक रूप से कमजोर सवर्ण (EWS) को भी नियमानुसार आरक्षण दिया जा रहा है। इसकी शिकायत पर राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने अपनी शक्तियों को बताते हुए काशी हिंदू विश्वविद्यालय के कुलपति से 10 दिनों के अंदर जवाब मांगा है। आयोग के अध्यक्ष हंसराज गंगाराम अहिर ने इस संवेदनशील मुद्दे की जांच करने का निर्णय लिया है।
बीएचयू हॉस्टल आवंटन में ओबीसी को 27 फीसद आरक्षण की मांग को लेकर धरना पर बैठे ओबीसी छात्र (फाइल फोटो)
ओबीसी ग्रांट से किस संकाय के हॉस्टल में कितने कमरे बने व उनकी लागत
1- कलॉ संकाय बिड़ला छात्रावास के पास 154 कमरे (जी+1 ) लाल बहादुर शास्त्री छात्रावास लागत 1141.25 लाख रुपये,
2- उपरोक्त के ही द्वितीय व तृतीय तल पर 158 कमरों का निर्माण लागत 3215 लाख,
3- सामाजिक विज्ञान संकाय के एएनडी छात्रावास के पीछे 60 कमरे (जी+1) मूना देवी छात्रावास का निर्माण लागत 387.56 लाख रुपये,
4- उपरोक्त के ही ऊपर द्वितीय तल व तृतीय तल पर 60 कमरे लागत करीब 27 करोड़ रुपये,
5- सामाजिक विज्ञान संकाय के राजाराम मोहन राय छात्रावास के पीछे 55 कमरे (जी+1) पं. ब्रजनाथ छात्रावास का निर्माण लागत करीब 366 लाख रुपये,
6- उपरोक्त के ही द्वितीय व तृतीय तल पर 60 कमरों का निर्माण लागत करीब 26 करोड़ रुपये,
7- विधि संकाय के अंबेडकर छात्रावास के पास 50 कमरों का निर्माण चाणक्य छात्रावास लागत करीब 300 लाख रुपये,
8- उपरोक्त के ही ऊपर 50 कमरे का निर्माण लागत करीब 99 करोड़ रुपये,
9- चिकित्सा विज्ञान संकाय के स्थापना स्थल के समीप 349 कमरे डबल सीटेड (जी+3) का सुश्रुत छात्रावास का निर्माण लागत करीब 1800 लाख,
10- उपरोक्त के ही ऊपर छठें व सातवें तल का निर्माण लागत करीब 10 करोड़ रुपये,
11- रुइया छात्रावास के पीछे 114 कमरे (जी+1) का निर्माण रुइया एनेक्सी छात्रावास लागत करीब 68 लाख रुपयेे,
12- शिक्षा संकाय के न्यू पीजी छात्रावास के मुख्य परिसर के प्रथम तल का निर्माण लागत करीब 68 लाखख रुपये,
13- विज्ञान संकाय के जेसी बोस छात्रावास के बगल में 314 कमरे (जी+1) कुंदन देवी शताब्दी छाात्रावासका निर्माण लागत करीब 553 लाख रुपये,
14- उपरोक्त के द्वितीय व तृतीय तल का निर्माण लागत करीब दो करोड़ 26 लाख रुपये,
15- एसएनपीजी छात्रावास के पीछे 70 कमरों के महिला छात्रावास (जी+1) का निर्माण मैत्रेयी छात्रावास लागत करीब एक करोड़ 43 लाख रुपये,
16- उपरोक्त के ही ऊपर एक और तल का निर्माण लागत करीब 85 लाख रुपये,
17- प्रौद्योगिकी संस्थान मेंं 156 कमरों के ब्वॉयज छात्रावास के ब्लॉक ए (जी+1) का निर्माण (82 कमरे) लागत करीब 634 लाख रुपये,
18- उपरोक्त के द्वितीय व तृतीय तल का निर्माण लागत करीब ढाई करोड़ रुपये,
19- 105 कमरे के ब्वॉयज छात्रावास के ब्लॉक बी के 64 कमरों का निर्माण (जी+1) डॉ. श्रीनिवासन रामानुजम छात्रावास लागत करीब दो करोड़ 66 लाख रुपये,
20-उपरोक्त के द्वितीय व तृतीय तल का निर्माण करीब एक करोड़ 38 लाख रुपये,
21- 389 कमरों वाले ब्वॉयज हॉस्टल के ब्लॉक सी (जी+1) 227 कमरों का निर्माण आर्यभट्ट छात्रावास लागत करीब 14 करोड़ रुपये,
22-उपरोक्त के द्वितीय व तृतीय तल का निर्माण लागत करीब पांच करोड़ रुपये,
23- नब्बे फ्लैट के ट्रांजिट मैरिड स्टूडेंट्स छात्रावास का निर्माण गुरुदेव रवींद्रनाथ टैैगोर अपार्टमेंट लागत करीब साढ़े चार करोड़ रुपये,
इसी तरह से अन्य छात्रावासों के भी निर्माण कराए गए हैं। राजीव गांधी दक्षिणी परिसर में भी छात्रावास बनवाए गए हैं। कुल मिलाकर अन्य पिछड़ा वर्ग स्पेशल फंड से 4187 कमरे बनवाए गए हैं। यह जानकारी सूचना के अधिकार के तहत खुद बीएचयू प्रशासन ने दी है।
ओबीसी छात्रों का क्या कहना है
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के छात्रावासों में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के छात्र-छात्राओं को आरक्षण नहीं दिया जा रहा है। देशभर के विश्वविद्यालयों के नामांकन में सन् 2007-08-09 से तीन चरणों में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) आरक्षण (09%+09%+09% = 27%) लागू है। इसके साथ ही विश्वविद्यालयों के छात्रावासों में ओबीसी आरक्षण लागू करने का संवैधानिक प्रावधान है, लेकिन काशी हिंदू विश्वविद्यालय लागू नहीं कर रहा है। काशी हिंदू विश्वविद्यालय में ही संवैधानिक प्रावधानों के तहत छात्रावासों के कक्ष आवंटन में अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) को क्रमशः 15%, 7.5% आरक्षण पूर्ण रूप से लागू है। यहां तक कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS), जिसे जनवरी 2019 से लागू किया गया, उसे BHU में पूर्ण रूप से छात्रावास में 10% आरक्षण दे दिया गया है; जबकि अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को छात्रावासों में आरक्षण आजतक नहीं दिया गया है।
विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा छात्रावासों में अन्य पिछड़ा वर्ग आरक्षण लागू नहीं करना एक तरह से संविधान और सर्वोच्च न्यायालय की अवमानना और अवहेलना करना है और वह भी तब जब विश्वविद्यालय में अन्य पिछड़ा वर्ग फंड (अतिरिक्त फंड) से 29 छात्रावासों का निर्माण हुआ है। अभी तक ज्ञात आंकड़ों के अनुसार (RTI द्वारा) ओबीसी फंड से कुल 4187 कमरों का निर्माण किया गया है, जिसकी कुल लागत लगभग करीब एक अरब 71 करोड़ रुपये है। नियमतः इन छात्रावासों के कमरों का आवंटन अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के छात्र-छात्राओं को होना चाहिए, क्योंकि यह सब उन्हीं के लिए बने हैं OBC स्पेशल फंड से।
ओबीसी छात्रों का कहना है कि 29-12-2021 को विश्वविद्यालय के छात्रावासों में अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्र-छात्राओं को कमरों के आवंटन हेतु संविधान प्रदत्त 27% आरक्षण लागू किए जाने के संदर्भ में समिति का गठन किया गया था। समिति ने क्या निर्णय लिए, यह तो पुख्ता तौर पर नहीं पता, लेकिन काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के छात्रावासों में ओबीसी रिजर्वेशन लागू नहीं किया जा रहा है।
बीएचयू प्रशासन से यह जानकारी रूपेश कुमार ने मांगी थी। प्रशासन द्वारा जवाब मिलने के बाद भुवाल यादव व श्यामबाबू मौर्य ने राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग में शिकायत की। शिकायती पत्र में सारे तथ्य देते हुए जांच कराकर उचित कार्रवाई की मांग की गई थी। इस पत्र को संज्ञान में लेते हुए आयोग के अध्यक्ष हंसराज गंगाराम अहिर ने बीएचयू के कुलपति को गत एक अगस्त को पत्र लिखकर पत्र प्राप्ति के दस दिन के अंदर जांच कर जवाब मांगा है। अध्यक्ष ने आयोग को प्रदत्त संवैधानिक अधिकारी का भी हवाला पत्र में दिया है।
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