बेंगलुरू । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को कर्नाटक दौरे पर हैं। पीएम जैसे ही कर्नाटक के मांड्या पहुंचे, एक रोड शो के दौरान उनका फूलों से शानदार स्वागत किया गया। इसके बाद पीएम ने बेंगलुरू-मैसूर एक्सप्रेसवे को राष्ट्र को समर्पित किया। यह एक्सप्रेसवे 118 किलोमीटर लंबा है जिसे लगभग 8,480 करोड़ रुपये की कुल लागत से विकसित किया गया है।
पीएम बोले- देश अब बदल रहा है
पीएम ने उद्घाटन समारोह में कहा कि आज सागरमाला और भारतमाला जैसी परियोजनाओं से कर्नाटक और देश बदल रहा है। जब दुनिया कोविड से जूझ रही थी, तब भारत ने अपने इंफ्रास्ट्रक्चर बजट को कई गुना बढ़ाकर एक बढ़ा संदेश दिया। पीएम ने आगे कहा कि वर्ष 2014 से पहले कांग्रेस सरकार ने केवल गरीब परिवारों को तबाह करने का काम किया और उनके विकास का पैसा लूटा।
बेंगलुरू और मैसूर के बीच का सफर 75 मिनट में
एक्सप्रेसवे के शुरू होने से अब बेंगलुरु और मैसूर के बीच यात्रा का समय लगभग 3 घंटे से घटकर 75 मिनट हो जाएगा। इस परियोजना में NH-275 के बेंगलुरु-निदाघट्टा-मैसूर खंड को 6 लेन का बनाया गया है। यह एक्सप्रेसवे दोनों शहरों में सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए एक उत्प्रेरक के रूप में कार्य करेगा।
मैसूर-खुशालनगर हाईवे की रखी आधारशिला
पीएम मोदी ने इसके बाद मैसूर-खुशालनगर 4 लेन राजमार्ग की आधारशिला भी रखी। 92 किलोमीटर में फैले इस परियोजना को लगभग 4130 करोड़ की लागत से विकसित किया जाएगा। परियोजना बेंगलुरु के साथ खुशालनगर की कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी और यात्रा के समय को लगभग 5 से केवल 2.5 घंटे तक कम करने में मदद करेगी।
पीएम ने कहा कि ये सभी प्रोजेक्ट्स इस क्षेत्र में सबके विकास को और गति देंगे, समृद्धि के रास्ते खोलेंगे। कनेक्टिविटी के इन प्रोजेक्ट्स के लिए आप सभी को बहुत-बहुत बधाई।
गडकरी बोले- अब पर्यटन क्षमता बढ़ेगी
इससे पहले नितिन गडकरी ने ट्विटर पर इस कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट को क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने बताया कि बेंगलुरू-मैसूर एक्सप्रेसवे के निर्माण में NH-275 का एक हिस्सा, चार रेल ओवरब्रिज, नौ महत्वपूर्ण पुल, 40 छोटे पुल और 89 अंडरपास और ओवरपास का विकास भी शामिल है।
एक अलग ट्वीट में गडकरी ने कहा कि इस कनेक्टिविटी परियोजना से क्षेत्र में पर्यटन क्षमता बढ़ेगी। मंत्री ने ट्वीट किया, “इस महत्वाकांक्षी परियोजना का उद्देश्य श्रीरंगपटना, कूर्ग, ऊटी और केरल जैसे क्षेत्रों तक पहुंच में सुधार करना है, जिससे उनकी पर्यटन क्षमता को बढ़ावा मिले।”