Right to Education Act 2009
प्रयागराज Prayagraj । युवा मंच अध्यक्ष अनिल सिंह ने सीएम योगी आदित्यनाथ को एक्स पर पोस्ट कर तत्काल प्राथमिक शिक्षक भर्ती विज्ञापन जारी करने का मुद्दा उठाया है। प्रेस बयान में युवा मंच अध्यक्ष अनिल सिंह ने बताया कि प्राथमिक विद्यालयों में स्वीकृत पद 4 लाख 17 हजार 886 के सापेक्ष 85 हजार 152 पद रिक्त हैं। उच्च प्राथमिक विद्यालयों में स्वीकृत पद 1 लाख 62 हजार 198 में से 41 हजार 338 पद रिक्त हैं।
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इस तरह परिषदीय विद्यालयों में कुल रिक्त पद 1 लाख 26 हजार 490 हैं। योगी सरकार ने छात्र शिक्षक अनुपात में शिक्षा मित्रों व अनुदेशकों को शामिल करते हुए रिक्त पदों को भरने से इनकार कर दिया है। जबकि सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि शिक्षा मित्रों व अनुदेशकों को सहायक अध्यापक नहीं माना जाएगा।
शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 Right To Education Act 2009 का सीधा मतलब है कि हर हाल में स्कूली बच्चों को अनिवार्य, निश्शुल्क व गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की गारंटी सरकार करे। इसी अधिनियम के बाद प्रदेश के करीब 1.56 लाख परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों के सृजित पदों की संख्या 8.80 लाख हुई।
शासन में आने के बाद योगी सरकार ने पहला काम 1.26 लाख हेडमास्टर के पदों को खत्म करने का किया। इसके बाद 2021-2023 की अवधि में 1.39 लाख शिक्षकों के पदों को खत्म किया गया। 30 बच्चों से कम संख्या वाले करीब 24 हजार परिषदीय विद्यालयों को बंद किया गया है।
इसके अलावा अभी 50 बच्चों से कम संख्या वाले करीब 27 हजार स्कूलों को बंद करने का प्रस्ताव है। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और शिक्षकों के खाली पदों को भरने, स्कूलों का मर्जर अथवा बंद करने पर रोक जैसे सवालों को लेकर युवाओं द्वारा अनवरत 5 साल से आवाज उठाई गई है। जिसकी अनदेखी की गई। जाहिरा तौर पर सरकार की यह कार्रवाई शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 का उल्लंघन है और इसका उद्देश्य परिषदीय विद्यालयों का निजीकरण करना और शिक्षा माफियाओं को बढ़ावा देना है।
उन्होंने कहा है कि प्रदेश में 6 लाख पद रिक्त हैं जिन्हें भरने का वायदा किया गया था। लेकिन सरकार ने बयानबाजी के सिवाय अभी तक ठोस रूप से कुछ भी नहीं किया है। रोजगार अधिकार अभियान में इन सवालों को मजबूती से उठाया जाएगा।