September 10, 2024 |

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नीतीश जी नए दौर के “जेपी” हैं

Sachchi Baten

” INDIA” लोकसत्ता के लिए विपक्ष की हुंकार है

 

-कुमार दुर्गेश

” INDIA” यह आश्वस्त करता है अब दिल्ली के राजपथ पर तानाशाही नहीं, लोकशाही के घोड़े दौड़ेंगे। बेंगलुरु ने संकेत दिया है कि देश ने गलती से तानाशाह चुन लिया है तो उसे कान पकड़ कर उतार भी देगा।

नीतीश जी “INDIA” के संयोजक मात्र नही, वरन “ठग्स ऑफ गुजरात” के तख्ता पलट के सूत्रधार भी हैं। यह कहना अतिश्योक्ति न होगी कि नए दौर के जेपी हैं, न कोई दाग न कोई लोभ बस “जनता के राज” कायम रहे, वैशाली के गणतंत्र भारत की आत्मा में जिंदा रहे, इस आकांक्षा के प्रतीक हैं।

इस डर से “जनता की आवाज़” को दबाने की साजिशें तेज होंगी। डर दिखने लगा है। टेलीविजन चैनलों से लेकर हजारों बिक चुके पतलकार बौद्धिक उल्टी करने लगे हैं।

एशिया में सबसे ज्यादा भारत की बेरोजगारी, आर्थिक लूट, क्रोनी कैपेटलिज्म, महंगाई से ध्यान हटाने के लिए फर्जी मुद्दे गोदी मीडिया की प्राथमिकता है।

“थेल अकेला चलता है” झूठ बघारने वाले “ठग्स ऑफ गुजरात” से कोई पूछे कि किस डर से 37 शिखंडियों का सहारा ले रहे हो। कोई पूछे तड़ीपार से कि रशिया से तेल खरीद कर यूरोपियन यूनियन को बेचने की दलाली के माल पर भरोसा नहीं है क्या?

कोई पूछे अडानी और अंबानी से कि नोटबंदी के दौर में जमा किया गया अकूत खजाना की ताकत पर भरोसा नहीं है क्या? कोई पूछे नड्डा से लाखों करोड़ों से बने दंगाई पार्टी के सैकड़ों इमारतों में सन्नाटा क्यों है?

अभी नहीं तो कभी नहीं। चड्ढी गैंग को अपने सवालों से जलील कीजिए। हर गली में, हर चौक पर सवाल कीजिए। लोकतांत्रिक मूल्यों पर, रेल विभाग की कुव्यवस्था पर, सरकारी नौकरी खत्म करने पर, निजीकरण पर, जातिवाद पर, कॉलेजों में प्रोफेसरों में अपनी हिस्सेदारी पर, पीएसयू कंपनियों के बेचने पर सवाल उठा कर चढ्ढी गैंग को जलील कीजिए। जलालत ही इन बेशर्मों को सूट करता है।

2024 भारत की तीसरी आजादी की लड़ाई है। यदि “गुज्जू ठग” हारा तो भारत के किसानों, गरीबों के चेहरे पर हरियाली लौटेगी, बेरोजगारों की नौकरी वापस मिलेगी, नई ट्रेनें शुरू होंगी। पिछड़ों को हिस्सेदारी जनसंख्या के अनुपात में मिलेगी। जो अपनी जाति का सांसद गिनने से कभी नहीं मिलेगा वो नीतीश कुमार के प्रधानमंत्री बनने से मिलेगा।

तय करिए कि 2024 की बाजी किसके हाथ लगेगी। “द पीपल ऑफ इंडिया” के हाथ या “ठग्स ऑफ गुजरात” के हाथ. बिहार और कर्नाटक ने रास्ता दिखा दिया है, जेपी के शिष्य “नीतीश” के हाथों में भारत की जनता को ठगों से मुक्ति दिलाने का मशाल है।

आज से “ठग्स ऑफ गुजरात” को ठीक नींद नहीं आयेगी। क्योंकि तख्ता पलटने के बाद लाखों करोड़ों की लूट भी उजागर होगा। प्रेस पर नियंत्रण, न्यायपालिका का बहुजनों के खिलाफ इस्तेमाल, संवैधानिक संस्थाओं को नुकसान पहुंचाने और पुलवामा के गुनहगार, राफेल के भ्रष्ट्राचार जैसे सैकड़ों मामलों में यदि जांच हुआ तो “ठग ऑफ गुजरात” भारत द्रोही साबित होंगे।

2024 स्पष्ट रूप से तय कर देगा कि अनावश्यक टैक्स लगाना, लूट मचाना, दंगा कराने वाला चाणक्य नहीं बल्कि चाणक्य का वेष धारण करने वाला ठग है। चाणक्य तो पाटलिपुत्र में निवास करते हैं जिनके हाथों में इंडिया को राह दिखाने की जिम्मेवारी सौंपी गई है।

-लेखक कुमार दुर्गेश जी सामाजिक चिंतक हैं।


Sachchi Baten

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