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उपलब्धि : मिर्जापुर के एक और वैज्ञानिक ने कर दिया अजूबा

मिर्जापुर के शांतनु सिंह के ग्लाइकेन आधारित तकनीक से होगी सटीक उम्र की पहचान

-IIT BHU के स्कूल ऑफ बायोकेमिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रो. सुमित कुमार व बीटेक छात्र प्रणव चोपड़ा के साथ मिलकर तैयार की यह तकनीक

-अब अज्ञात शवों की बिना डीएनए के भी हो सकेगी उम्र की पहचान

-आईआईटी बीएचयू के निदेशक प्रो. अमित पात्रा ने दी बधाई

डॉ. राजू पटेल, अदलहाट (मिर्जापुर) सच्ची बातें। एक बार फिर मिर्जापुर के लाल ने कामयाबी की बुलंदियों को छुआ है। आईआईटी बीएचयू के छात्र शांतनु सिंह के ग्लाइकेन आधारित तकनीक से अब डीएनए नहीं मिलने पर भी उम्र की सटीक पहचान हो सकेगी।

चुनार तहसील के सीखड़ ब्लाक के पूरन पट्टी (नैपुरा) गांव निवासी प्रभाकर सिंह के पुत्र जो भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) बीएचयू में बायोकेमिक इंजीनियरिंग के छात्र हैं। आईआईटी बीएचयू के स्कूल ऑफ बायोकेमिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रो. सुमित कुमार के साथ बीटेक छात्र प्रणव चोपड़ा के साथ मिलकर यह तकनीक तैयार की है।

इस ग्लाइकेन-आधारित फॉरेंसिक तकनीक से संदिग्ध व्यक्ति की आयु सीमा का अनुमान लगाने, अज्ञात शवों की पहचान आसानी से हो सकेगी। इसके अलावा किशोर अपराधों या मानव तस्करी जैसे मामलों में उम्र सत्यापन किया जा सकेगा।

इस माध्यम से उम्र का पता लगाया जा सकेगा। इसमें प्रोटीन के ऊपर लगे ग्लाइकेन को प्रोफाइल करते हैं। इसके बाद मैथमैटिकल मॉडल पर आकलन कर उम्र का पता लगाते हैं। उन्होंने बताया कि इससे न केवल व्यक्ति की वास्तविक उम्र का बल्कि जैविक उम्र का भी अनुमान लगाया जा सकता है। जैविक उम्र व्यक्ति की स्वास्थ्य स्थिति, रोग प्रतिरोधक क्षमता या मानसिक तनाव की स्थिति को दर्शाती है। जो अपराध की जांच में एक महत्वपूर्ण परिमाण दे सकती है।

डीएनए टूटने पर उम्र का नहीं हो पाता था सही आकलन

प्रो. सुमित के अनुसार डीएनए आधारित फॉरेंसिक विश्लेषण में कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। कई बार डीएनए के टूटने से उम्र का सही आकलन नहीं हो पाता है। वहीं प्रोटीन आधारित विश्लेषण में यह समस्या नहीं आएगी। सैंपल भी जांच के लिए एक से दूसरे स्थान पर भेजा जा सकेगा।

फॉरेंसिक हैकाथॉन में टीम ने जीता प्रथम पुरस्कार

इस शोध के लिए बीएचयू आईआईटी को ऑल इंडिया फॉरेंसिक साइंस समिट के तहत नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में आयोजित फॉरेंसिक हैकाथॉन में प्रथम पुरस्कार प्राप्त हुआ है। देश के गृहमंत्री अमित शाह ने हाल ही में प्रो. सुमित कुमार को दो लाख रुपये का पुरस्कार प्रदान किया। इस उपलब्धि पर आईआईटी बीएचयू के निदेशक प्रो. अमित पात्रा ने बीएचयू आईआईटी की सराहना करते हुए टीम को अपनी बधाई दी है।