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Propaganda Policy of RSS and Modi : मोदी और आरएसएस का अमेरिकी मॉडल

Sachchi Baten Sun, Apr 27, 2025

The American model of Modi and the RSS

जगदीश्वर चतुर्वेदी

आरएसएस और नरेंद्र मोदी की सरकार शीतयुद्धीय नीति प्रौपेगेंडा नीति की नकल कर रही है। इसके वैचारिक उपकरण सीडी जैक्सन से लिए गए हैं। उनको आइजनहावर का प्रौपेगेंडा का आर्किटेक्ट माना जाता है । मोदी ने अधिकतर विचार वहां से नकल किए गए हैं । हिंदू जीवन शैली सर्वश्रेष्ठ जीवन शैली का विचार नक़ल किया विचार है। सी डी जैक्सन पहले व्यक्ति थे जिन्होंने यह बात रखी थी कि अमेरिकी जीवन शैली सर्वश्रेष्ठ जीवन शैली है। हिन्दू जीवन शैली, श्रेष्ठ जीवन शैली का आईडिया पूरा का पूरा वहां से चुराया गया है । यह विचार सन् 1950 -54 के दौर में आया था। एक और चीज जो नरेंद्र मोदी ने अपने भाषणों में बार-बार कही है, वह यह कि उनकी सरकार लोकतंत्र, उसमें भी जो आखिरी आदमी है उसकी सेवा के लिए कटिबद्ध है। लोकतंत्र के आखिरी आदमी की सेवा का जो आईडिया है यह भी सीडी जैक्सन से ही लिया गया था । उन्होंने कहा था कि हम जो नीति बना रहे हैं, लेकिन इसके सेल्समैन हैं आइजनहवर । यहां सेल्समैन हैं नरेंद्र मोदी । सीडी जैक्सन और आइजनहावर ने मिलकर शीतयुद्धीय राजनीति का जो मॉडल विकसित किया था उस मॉडल ने सारी दुनिया में समाजवाद और डेमोक्रेसी के लिए बहुत गंभीर क्षति पहुंचाई। संप्रभु राष्ट्रों के लिए बहुत गंभीर क्षति पहुंचाई । लेकिन इसका नाम दिया गया था कि वे डेमोक्रेसी के लिए काम कर रहे हैं लेकिन उसका जो लक्ष्य था वो यह था कि डेमोक्रेसी के खिलाफ में संप्रभु राष्ट्रों के और उसकी जनता के खिलाफ में एक मनोवैज्ञानिक युद्ध छेड़ा जाय। विभिन्न देशों में जनता के द्वारा चुनी गई सरकारें धराशायी कीं। लोकतंत्र को पंगु बनाया।चुनावों में धांधली की। राज्यों को अधिकारहीन बनाया। लिबरलिज्म पर हमले किए, धार्मिक फंडामेंटलिज्म को मज़बूत किया। Propaganda Policy of RSS and Modi

नरेंद्र मोदी की सरकार के आने के बाद जो एक गंभीर परिवर्तन पूरे प्रदेश में आया वह यह कि समाज के एक बड़े हिस्से के खिलाफ एक बड़े राजनीतिक दल ने मनोवैज्ञानिक युद्ध छेड़ दिया है। सब लोग जानते हैं किस राजनीतिक दल के खिलाफ नरेंद्र मोदी खड़े हुए हैं किस राजनीतिक दल को बिल्कुल एकदम नेस्तनाबूत करना चाहते हैं। डेमोक्रेसी के नाम पर नरेंद्र मोदी की सरकार के साथ किस किस्म के जो संगठन है और वे किस तरह एक समुदाय और विचारधारा विशेष के खिलाफ में मनोवैज्ञानिक युद्ध चला रहे हैं। उनके मनोवैज्ञानिक युद्ध की जो शैली और टेक्नीक है, इसके जो मंत्र हैं वे सारे के सारे मंत्र सीडी जैक्सन के विचारों से लिए गए हैं। Propaganda Policy of RSS and Modi

शीतयुद्धीय राजनीति के अनुसार लोकतंत्र में एक शत्रु का होना जरूरी है। इसकी नक़ल करके नरेंद्र मोदी ने लोकतंत्र के विकास के नाम पर एक शत्रु तय करके प्रचार अभियान चलाया। अपने प्रौपेगैंडा और भाषणों के जरिए घोषणा की है कि उनका एक नम्बर शत्रु और देश का एक नम्बर शत्रु ,अगर कोई है तो वह है कांग्रेस पार्टी है । वे दूसरे विपक्षी दलों पर भी हमला बोलते हैं लेकिन उनका मूल लक्ष्य है कांग्रेस । कांग्रेस को नेस्तनाबूद करना मुख्य लक्ष्य है। यह अमेरिका मार्का डेमोक्रेसी के मॉडल का पहला चरण है। मुसलमानों के ख़िलाफ़ शीतयुद्धीय राजनीति में नफ़रत थी। जिसका संघ के कार्यक्रम से भी साम्य है। 9/11 की घटना के बाद मुसलमानों के ख़िलाफ़ शत्रुता और आक्रामकता बढ़ी है। अमेरिकी नीति में इजरायल की पक्षधरता के कारण मुसलमानों के ख़िलाफ़ नफ़रत थी। इस तरह लोकतंत्र के दो दुश्मन तय हो गए। इसके सामने किसी पॉजिटिव प्रोग्राम का होना जरूरी नहीं है। यही मोदी के प्रौपेगैंडा मॅाडल की धुरी है। शीतयुद्ध में सारे इवेंट और भाषण शत्रु केन्द्रित होते हैं। शत्रु के आधार पर प्रचार करके जनता को गोलबंद करना। Propaganda Policy of RSS and Modi

भारत में शीतयुद्धीय राजनीति का एक दूसरा पहलू है कॉरपोरेट कैपिटलिज्म को फलने फूलने देना, उसकी हैजेमनी स्थापित करना। इस राजनीति का विकास जहां पर हुआ वहां उसने पश्चिमी देशों में नस्लवाद को बढावा दिया। भारत में धर्म, जाति,पहचान के विवादों को हवा दी। सामाजिक विभाजन और सामाजिक टकराव पैदा किए। Propaganda Policy of RSS and Modi

नरेंद्र मोदी जब से सरकार में आए हैं उनका जोर है कॉरपोरेट कैपिटलिज्म और क्रोनी कैपिटलिज्म पर। उन विचारधाराओं का विकास जो सामाजिक तनाव और टेंशन में इजाफा करें । यह काम जितने इफेक्टिव ढंग से देश में किया जाएगा उतने ही इफेक्टिव ढंग से यानी कॉरपोरेट कैपिटलिज्म की प्रशंसा उतने ही इफेक्टिव ढंग से कूटनीतिक मोर्चों पर भी की जाएगी । सारे देश की संपदा को उन्हें हैंड ओवर करने के लिए जनता के विशाल बहुमत का एक तरह से दिल जीतने की कोशिश भी की जाएगी, इसका तरीका क्या होगा ? प्रच्छन्न और फुसलाने वाली पद्धति। हर चीज परसुएट करो अगर सामाजिक विभाजन का काम भी करना है तो इनडायरेक्ट करो डायरेक्ट नहीं शांतिपूर्ण तरीके से प्रोपेगेंडा करते हुए लोगों को अपने करीब लाओ उन्हें विश्वास दिलाओ कि नरेंद्र मोदी या आरएसएस यह दोनों सत्य में विश्वास करते हैं सत्य के अलावा और किसी चीज में विश्वास नहीं करते यह बात दीगर है कि ये दोनों अहर्निश झूठ बोलते हैं । Propaganda Policy of RSS and Modi

कोल्ड वार की पॉलिटिक्स के मॉडल का एक बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा था जिसको बहुत ही सिस्टमेटिकली हिंदुस्तान के जीवन में उतार दिया गया है , वह है, व्यक्तिगत विकास की संभावनाओं पर जोर दो । आपकी नौकरी चली गई है तो चिंता मत करो, पकौड़े बेचो। व्यक्तिगत विकास की संभावना है समोसे बेचने में। स्टार्टअप में। आप अपना व्यवसाय कीजिए ,नौकरी की तलाश मत कीजिए। शीतयुद्धीय राजनीति के तहत तमाम किस्म की सार्वजनिक संपदा का निजीकरण किया गया। और उसे निजी हाथों में सौंप दिया गया है। रेलवे स्टेशन से लेकर एयरपोर्ट तक, तमाम चीजें अब कॉरपोरेट घरानों के हवाले हैं। ना रेल में किसी कॉरपोरेट हाउस का एक पैसा लगा है न ही हवाई अड्डे पर एक पैसा लगा है और न ही बंदरगाहों पर एक पैसा लगा है। लेकिन आज वे बंदरगाह एयरपोर्ट और रेल इन तीनों के वे मालिक हैं । Propaganda Policy of RSS and Modi

कोल्ड वार पॉलिटिक्स में थर्ड बहुत इंपॉर्टेंट फैक्टर है प्रौपेगैंडा। जो है वो गैर आधिकारिक संगठन के जरिए ऑर्गेनाइज किया जाना चाहिए इसलिए आपने देखा होगा कि नरेंद्र मोदी जितना अपना प्रोपेगैंडा करते हैं उससे ज्यादा प्रौपेगेंडा उनका मीडिया सेल करता है और इसे गैर- आधिकारिक प्रौपेगैंडा संगठन के तौर पर उन्होंने विकसित किया है और इसका लक्ष्य यह है यह बताना कि जो मोदी का समर्थन नहीं करते , आरएसएस का समर्थन नहीं करते वे अविश्वसनीय हैं जो मोदी का समर्थन नहीं करते जो आरएसएस का समर्थन नहीं करते वे अब भारतीय नहीं हैं। Propaganda Policy of RSS and Modi

भारतीय होना राष्ट्रवादी होने की पहली शर्त है। आरएसएस और नरेंद्र मोदी का जो समर्थन नहीं करते उनको अभारतीय घोषित करने में वे तनिक भी देर नहीं करते। एक अन्य चीज है, आरएसएस और मोदी के पक्ष में अहर्निश कहानियों का प्रचार। जिसे आप लोग अपनी भाषा में नरेटिव कहते हैं उन कहानियों का जमकर प्रचार किया जाता है। उनकी सामग्री रेडीमेड तैयार करके भेजी जाती है। सीडी जैक्सन ने लिखा आइजनहवर बढ़िया काम कर रहे हैं, जबकि अमेरिका विध्वंस में लगा हुआ था। अमेरिका लेकिन बढ़िया काम कर रहे हैं ठीक यही चीज गैर आधिकारिक प्रचार संगठनों के जरिए और आधिकारिक मास मीडिया के जरिए बड़े पैमाने पर प्रचारित की गई लोगों को कन्विंस किया गया कि नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ बढ़िया काम कर रहे हैं । Propaganda Policy of RSS and Modi

दूसरी चीज, शीतयुद्ध में टारगेट था साम्यवाद था कम्युनिज्म था कम्युनिस्ट पार्टियां थी समाजवादी राष्ट्र थे नरेंद्र मोदी और आरएसएस के टारगेट पर लेफ्ट लेफ्ट और सिर्फ लेफ्ट और वे लोग जो जेनुइन लिबरल है जस्ट लाइक कांग्रेस सो कांग्रेस और वाम के खिलाफ अहरिश विषवमन करो। संघ और मोदी को घर-घर पहुंचा पहुँचाओ। और लोगों को संघ और मोदी का पक्षधर बनाओ। एक और चीज है वो ये के जो कि कोल्ड वार की पॉलिटिक्स के मॉडल के तहत नरेंद्र मोदी की सरकार के आने के बाद में बड़े पैमाने पर किया गया वो यह के घर-घर यह मैसेज पहुंचाओ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ दंगाई संगठन नहीं है वे शांतिपूर्ण तरीके से काम करते हैं और सामाजिक विकास के काम करते हैं यह जो प्रौपेगैंडा अब तक किया गया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ दंगाई है इस प्रचार का खंडन किया जाना चाहिए और इस प्रचार को खंडित करने के लिए यह जरूरी है कि कांग्रेस से मुक्ति और वाम से मुक्ति का नारा बुलंद किया जाना चाहिए । Propaganda Policy of RSS and Modi

सीडी जैक्सन कहते थे अमेरिका से प्यार करो और यहां कहते हैं हिंदू से प्यार करो। वहां कहते थे कि जो अमेरिका के बारे में सवाल खड़े करें उनको एकदम निशाने पर लाओ उन पर हमले करो उनके खिलाफ में मनोवैज्ञानिक युद्ध तेज करो और यहां कहते हैं जो हिंदुत्व का विरोध करे, जो आरएसएस का विरोध करे, जो नरेंद्र मोदी का विरोध करे उसके खिलाफ सवाल खड़े करो उनको शांति भंग करने वाला घोषित करो और कहो कि मीडिया ईमानदार है। जबकि सब लोग जानते हैं कि मीडिया को नपुंसक बना दिया गया है। अप्रत्यक्ष ढंग से मीडिया को पूरा का पूरा एकदम पालतू बना जिया गया है। Propaganda Policy of RSS and Modi

मीडिया को पालतू मीडिया में कन्वर्ट कर दिया गया है । अब नरेंद्र मोदी की सरकार उनके प्रवक्ता आरएसएस और उनके प्रवक्ता आए दिन मीडिया की ईमानदारी का मीडिया के विभिन्न चैनलों के जरिए, टेलीविजन के विभिन्न चैनलों के जरिए आए दिन प्रचार करते रहते हैं और मीडिया की ईमानदारी की आड़ में वे कोई भी किसी भी किस्म की स्टोरी मीडिया में प्लांट कर देते हैं ।मसलन, उनका मन हुआ कि कन्हैया कुमार के खिलाफ ख़बर प्लांट करनी है, मन हुआ जेएनयू के खिलाफ प्लांट करनी है, कांग्रेस के खिलाफ प्लान प्लांट करनी है किसी और व्यक्ति के खिलाफ प्लांट करनी है तो आराम से प्लांट कर दो क्योंकि हम तो मीडिया की ईमानदारी में विश्वास करते हैं और साथ-साथ यह भी कहो कि मीडिया तो वही पेश कर रहा है जो जनता चाहती है और इस तरह मीडिया की इच्छाशक्ति और मीडिया के जरिए संघ और नरेंद्र मोदी की इच्छाशक्ति को भारतीय जनता के जीवन पर थोप दो। जनता को जिन चीजों का ज्ञान है प्रौपेगैंडा के जरिए उस ज्ञान या समझ की धुलाई करो और जनता को उस ज्ञान से एकदम विमुख करो और यह काम करो जनता को शिक्षित करने के नाम पर। इसलिए आप देखेंगे कि बड़े पैमाने पर जो लोग कल तक सेकुलर थे वो अचानक नॉन सेकुलर हो गए एंटीसेकुलर हो गए, एंटी लेफ्ट हो गए । जो लेफ्ट था वो एंटी लेफ्ट हो गया ।और यह काम किसके जरिए किया गया दिमागी धुलाई के जरिए । और यह शीतयुद्धीय राजनीति की भारत में सबसे बड़ी उपलब्धि है। Propaganda Policy of RSS and Modi

(लेखक कलकत्ता विश्वविद्यालय में हिंदी विभाग के अध्यक्ष रहे हैं।)