November 8, 2024 |

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#मिर्जापुर में मूछों व लाठी वाला गांव, जानिए गांव व उसकी खासियत के बारे में

Sachchi Baten

 

अक्खड़ मिजाज वाला है अकोढ़ी गांव

दो ईमानदार आइपीएस दिए इस गांव ने, सेना व अर्धसैनिक बल में भी है पर्याप्त भागीदारी

सुभाष ओझा, मिर्जापुर (सच्ची बातें) । गांव अकोढ़ी। विंध्याचल में अष्टभुजा मंदिर के पास। इस गांव में गौरीशंकर का अनोखा मंदिर। उत्तर में गंगा, दक्षिण में विंध्य पर्वत श्रृंखला। पश्चिम में कर्णावती नदी। विशेषण- अक्खड़ों का गांव, मूंछ वालों का गांव, लठैतों का गांव, दबंगों का गांव। और भी न जाने क्या-क्या। जो प्रचलित है, वही नहीं है यह अकोढ़ी गांव। आइए आज इसी गांव के बारे में बताते हैं।
  •                                               अकोढ़ी निवासी छानबे ब्लॉक प्रमुख श्रीमती सुमन सिंह
अवशन उप पुराण के बिंध्य महात्म्य में वर्णित है कि अकोढ़ी गांव का नाम अक्रोधपुर था। जाहिर है क्रोध से परे सरल सहज जीवंत प्रकृति के लोग। छानबे हजार बीघा वाले छनवर के सीवान में चना चबैना की बात करने वाले मेहनतकश किसान। कंधे पर लाठी है, जिनके लिए आन बान और शान।
  •                                                           अकोढ़ी के पश्चिम तरफ स्थित गौरीशंकर मंदिर
कमोबेश 17 हजार की आबादी वाले आठ से दस किलोमीटर के भौगोलिक क्षेत्रफल में फैले  16 पट्टी वाले अकोढ़ी गांव के लोगों को अपनी विरासत और पहचान पर गर्व है। उत्तर में पतित पावनी गंगा, दक्षिण में विंध्य पर्वत श्रृंखला, पश्चिम में कर्णावती नदी गौरी शंकर मंदिर, पूरब में जगत जननी मां बिंध्यवासिनी मध्य में कंकाल काली। फिर गर्व तो होना ही चाहिए।
  •                                                 अकोढ़ी गांव के मध्य में विराजमान कंकाल काली देवी
जहां तक कई दशकों से गढ़े हुए मिथकों की बात है तो अकोढ़ी गांव की मिट्टी में लोट-पोट कर पले बढ़े अभय शंकर तिवारी व भोला सिंह आइपीएस भले ही अब सेवानिवृत्त हो चुके हैं। किंतु सेवाकाल के दौरान उनकी उपलब्धियों और इमानदारी के चर्चे सुनकर गांव के लोगों का सीना फख्र से चौड़ा हो जाता है।
अकोढ़ी गांव के ही आरपीएफ के जवान गया प्रसाद तिवारी इंटरनेशनल वालीबाल खिलाड़ी रह चुके हैं। अक्खड़ मिजाज मजबूत कद काठी के राधेश्याम सिंह, बांके बिहारी मिश्रा वालीबाल के मैदान में उतरते थे तो विपक्षी टीम सिहर उठती थी।
गांव में बौद्धिक क्षमता के धनी लोगों की भरमार है। लाठी तो अब भी गांव की पहचान है। फिर भी साल दर साल सेना अर्धसैनिक बलों तथा पुलिस फोर्स में भर्ती होकर देश की सेवा करने वाले युवकों का जोश व जज्बा देखते ही बनता है। प्रगतिशील किसानों व  उद्यमियों की भी कमी नहीं है इस गांव में।
अकोढ़ी गांव निवासी जगदीश तिवारी पीडब्ल्यूडी के क्लास वन के कांट्रेक्टर हैं। तो वहीं बीते डेढ़ दशक से ब्लाक प्रमुख पद पर अकोढ़ी गांव के अवधराज उर्फ पप्पू सिंह का ही प्रभुत्व कायम है। वे स्वयं प्रमुख रह चुके हैं। अब उनकी धर्मपत्नी सुमन सिंह प्रमुख हैं।
लोगों को मलाल है तो इस बात का कि रेलवे लाइन पर ओवरब्रिज का निर्माण नहीं कराए जाने से बरसात के मौसम में गांव में प्रवेश के लिए अंडरब्रिज का सहारा लेना पड़ेगा। जो कि पूरी तरह से पानी में डूब जाएगा। गांव की ओर जाने वाले दोनों मार्गों पर रेलवे लाइन के नीचे अंडरब्रिज का निर्माण मुसीबत का सबब बन गया है।
  •                                                                         ग्राम प्रधान पंकज तिवारी
युवा उत्साही प्रधान सतीश उर्फ पंकज तिवारी के प्रयासों से अकोढ़ी गांव मॉडल गांव के रूप में चयनित किया गया है। इसे स्वच्छ गांव सुंदर गांव बनाने के लिए वे अथक मेहनत कर रहे हैं। गांव के पश्चिम बस्ती से दूर  मिर्जापुर प्रयागराज मार्ग के बगल कूड़ा संग्रह केंद्र का निर्माण कार्य प्रगति पर है। ठोस तरल व अपशिष्ट पदार्थ प्रबंधन के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद की गई है।
प्रधान ने गांव के परिषदीय विद्यालय में आरओ वाटर संयंत्र लगवाया है। ताकि बच्चों को स्वच्छ व ठंडा पेयजल सुलभ हो सके। गांव के धर्मप्राण लोग यहां तक कि महिलाएं व बच्चे भी तीन किलोमीटर दूर भोर में पैदल यात्रा कर मां अष्टभुजी का नियमित रूप से दर्शन पूजन करने के लिए उत्साहित रहते हैं।

श्री कोटेश्वर महादेव मंदिर, अकोढ़ी अष्टभुजा माता मंदिर से दो किलोमीटर पर अकोढ़ी गांव में कर्णावती नदी के तट पर विराजमान है। इस मंदिर में भोलेनाथ की बहुत ही प्राचीन शिवलिंग विद्यमान है, जिसका उदय कर्णावती नदी के गर्भ से हुआ है। महादेव का प्रचीन शिवलिंग और मंदिर के पास ही कल कल बहती कर्णावती नदी। जो भी यहां आता है, बस इन नजारों में ही खो जाता है।


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