800 मीटर दौड़ में जीता गोल्ड व 1500 मीटर में रजत पदक
-एशियाई खेल में पदक से चूकने के दर्द से अब भी नहीं उबर पाई चंदा
– एक सप्ताह ब्रेक लेना चाहती हूं: चंदा
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नेशनल गेम्स में गोल्ड व रजत पदक जीतने के बाद भी एशियाई गेम्स की निराशा मिर्जापुर की अंतर्राष्ट्रीय एथलीट चंदा का पीछा नहीं छोड़ रहा है।चंदा ने पत्रकार डॉ. राजू पटेल से ‘सच्ची बातें’ के लिए खास बातचीत में यह बातें कही।
अदलहाट, मिर्जापुर। मिर्जापुर की अंतर्राष्ट्रीय एथलीट केएम चंदा ने एशियाई खेल में पदक से चूकने की निराशा के बाहर नहीं आ पा रही हैं। हालांकि गोवा में 26 अक्तूबर से नौ नवंबर के बीच चल रहे 37वें राष्ट्रीय खेल के 800मीटर इवेंट में गोल्ड एवं 1500 मीटर में रजत पदक जीतकर उन्होंने फैंस का दिल जीत लिया।
चंदा ने 2:07.28 सेकेंड की टाइमिंग के साथ वेस्ट बंगाल की अंतर्राष्ट्रीय धाविका लिली दास को (2:07.56) पछाड़कर गोल्ड मेडल अपने नाम किया। दूसरे 1500 मीटर इवेंट में चंदा और लिली दास ने ट्रैक पर एक दूसरे को काटते हुए बहुत ही मामूली अंतर के साथ धाविका लिली दास ने 4:15.70 सेकेंड के साथ चंदा को 4:15.80 सेकेंड टाइमिंग के साथ पीछे छोड़ दिया। चंदा ने इसमें रजत पदक हासिल किया।
मिर्जापुर के सोनपुर गांव के गरीब परिवार में जन्मी सत्यनारायण प्रजापति की पुत्री अंतर्राष्ट्रीय पटल पर देश का प्रतिनिधित्व कर देश के लिए मेडल जीत चुकी धाविका केएम चंदा बंगलुरू के भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) परिसर में कोर ग्रुप के साथ कोच कल्याण चौधरी के निर्देशन में तैयारी कर रही चंदा एक बार फिर राष्ट्रीय खेल में पदक जीतने के साथ ही आत्मविश्वास वापस लौट आया है, लेकिन अब वह अगले सीजन के लिए ट्रेनिंग शुरू करने से पहले अपने कोच से बातचीत कर एक सप्ताह का ब्रेक लेकर कुछ समय आराम करना चाहती है।
चीन के हांग्झोऊ में हुए एशियाई खेल 2023 की निराशा चंदा को अब भी परेशान करती है। जिसमें चंदा ने 800 मीटर हीट वन में प्रथम आने के बाद गोल्ड मेडल की प्रबल दावेदार ने फाइनल मुकाबले में देश के लिए पदक से चूक गई थी। हांग्झोऊ एशियाई खेलों के अपने अनुभव को याद करते हुए चंदा ने कहा कि जैसे-जैसे दौड़ आगे बढ़ी, वह मध्यम दूरी की दौड़ की कठिन रणनीति के साथ तालमेल बैठाने में सक्षम नहीं हो पाई और पदक की दौड़ से बाहर हो गई।
चंदा ने बताया कि उनकी ट्रेनिंग सही रास्ते पर थी। इसके लिए अच्छी फिटनेस भी थी। इसके बावजूद पदक नहीं जीत सकी। इसका बेहद दुःख है। यह अब भी मुझे चोट पहुंचाती है। चंदा ने बताया कि चीन में संपन्न हुए एशियाई खेल में 800 मीटर फाइनल की शुरुआती लैप के दौरान इस दो बार दूसरे एथलीट की कोहनी लगी थी और अयोग्य घोषित होने के डर से उसने जवाबी अटैक नहीं किया। जैसे ही धावकों ने फिनिश लाइन के लिए जोर लगाना शुरू किया, जवाब देने में सक्षम नहीं थी और दौड़ पर अपना ध्यान केंद्रित नहीं कर पा रही थी। बॉडी सुन्न हो चली थी, जिसके कारण सही समय पर आगे की ओर दौड़ नहीं लगा पाई।
चंदा ने बताया कि “मैंने राष्ट्रीय खेल को चीन में किए गए खराब प्रदर्शन से उबरने के अवसर के रूप में देखा। मैं अपने प्रदर्शन से खुश हूं। मैं 1500 में स्वर्ण नहीं जीत पाने से निराश थीं, लेकिन 800 मीटर दौड़ में गोल्ड मेडल जीतने के बाद एक बार मेरा आत्म विश्वास बढ़ा है। मैं कोच से मिलकर अगले सीजन की ट्रेनिंग शुरू करने के पहले एक सप्ताह आराम करना चाहती हूं।”