मगन रहें कि मिर्जापुर के निवासी हैं, क्योंकि मिर्जापुर बदल रहा है…
जनप्रतिनिधि रुचि लेते तो आज जमालपुर विकास खंड का आधा से दो-तिहाई क्षेत्र सूखा की चपेट में नहीं होता
-नरायनपुर पंप कैनाल से अहरौरा व जरगो कमांड को पानी पहुंचाने के लिए 379 करोड़ का प्राक्कलन 2017 में ही बना
-इसके बाद 3700 करोड़ रुपये की फोर लेन परियोजना मंजूर हुई, काम भी पूरा हो गया
राजेश पटेल, जमालपुर (सच्ची बातें)। जमालपुर ब्लॉक की समस्याओं को यहां के जनप्रतिनिधि गंभीरता से क्यों नहीं लेते। यह बात समझ में नहीं आती। क्या कमी है कि इस विकासखंड को एमपी-एमएलए तवज्जो नहीं देते। यदि तवज्जो दी होती तो आज इस विकासखंड के दो-तिहाई हिस्से को सूखे का सामना नहीं करना पड़ता। नरायनपुर पंप कैनाल का पानी से अहरौरा कमांड क्षेत्र में भी धान की फसल लहलहा रही होती।
भविष्य की ही चुनौतियों को देखते हुए किसान कल्याण समिति जरगो कमांड व भारतीय किसान यूनियन (लोकशक्ति) के प्रयास से 2017 में 25 मार्च को ही सिंचाई खंड चुनार की ओर से प्राक्कलन बनाकर मुख्य विकास अधिकारी को प्रेषित कर दिया गया था।
देखें पत्र की फोटो...
पत्र में उल्लेख है कि इसके लिए मुख्य विकास अधिकारी तथा सिंचाई खंड चुनार के अधिशासी अभियंता की बैठक 23 दिसंबर 2016 को हुई थी। 23 दिसंबर को किसान नेता पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण की जयंती भी पड़ती है। इस बैठक में तय हुआ कि एशिया की सबसे बड़ी पंप कैनाल नरायनपुर से अहरौरा व जरगो कमांड को भी पानी देने के लिए प्राक्कलन तैयार किया जाए। प्राक्कलन तैयार करके सिंचाई खंड चुनार के अधिशासी अभियंता ने ठीक तीन माह दो दिन बाद 25 मार्च 2017 को मुख्य विकास अधिकारी के पास पत्र संख्या सी-297 के माध्यम से भेज दिया।
प्राक्कलन के अनुसार इस कार्य को सिंचाई विभाग के तीन खंडो को मिलकर काम करना है। पंप कैनाल की क्षमता बढ़ाने का कार्य मूसाखांड़ बांध प्रखंंड वाराणसी को, नरायनपुर पंंप कैनाल से हुसेनपुर बीयर मेंं पानी पहुंचाने का काम लिफ्ट सिंचाई निर्माण खंड वाराणसी को एवं सिंंचाई खंड चुनार को करना है। इसके लिए अनुमानित बजट भी प्राक्कलन में बताया गया है। कुल मिलाकर 379 करोड़ 61 लाख रुपये का खर्च उस समय बताया गया था।
करीब साल भर से मूसा खान भारत प्रखंड वाराणसी का काम दिख रहा है लिफ्ट कैनाल की क्षमता वृद्धि का काम एक-एक करके किया जा रहा है. लेकिन सिंचाई खंड चुनाव और लिफ्ट सिंचाई निर्माण खंड वाराणसी का कुछ भी काम धरातल पर नहीं दिख रहा है.
अ्ब बात करते हैं टेंंगरा मोड़ से हनुमना तक फोर लेन सड़क की। यह योजना भी करीब-करीब इसी के आसपास बनी थी। कुछ दिन बाद ही। इसके लिए नियमों में बदलाव किया गया। करीब 3700 करोड़ रुपये की यह परियोजना पूरी हो गई। जबकि इसमें जमीन अधिग्रहण और मुआवजा जैसे कठिन काम भी थे। लेकिन सभी का निस्तारण कराते हुए इस कार्य को पूरा करा दिया गया। आज इस फोरलेन सड़क पर टोल टैक्स देकर वाहन दौड़ रहे हैं।
यह भी सभी को पता ही होगा कि किसी मार्ग को जब फोरलेन परियोजना के लिए एऩएचएआइ ले लेता है तो उसकी मरम्मत के लिए राशि जारी नहीं होती। इसमें भी नियम को शिथिल करते हुए नरायनपुर बाजार के मोटर मार्केट में करीब 80 लाख रुपये से आरसीसी ढलाई कराई गई। यह कार्य इसलिए समय से पूरा हो सका कि इसमें जनप्रतिनिधि लगे थे।
इसके ठीक उलट जमालपुर व नरायनपुर ब्लॉक के खेतों की सिंचाई के लिए मात्र 379 करोड़ रुपये की योजना को अभी तक अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका। इसके लिए किसे दोष दिया जाए। यदि खेती-किसानी से जुड़ी इस योजना पर भी जनप्रतिनिधियों का ध्यान रहता तो शायद यह अभी तक लंबित नहीं रहती। जिस तरह से जमालपुर ब्लॉक में विकास खंड मुख्यालय कके उत्तर और पश्चिम तरफ के गावों में गंगा नहर के पानी से खेती आबाद है। उसी तरह से अहरौरा कमांड क्षेत्र में भी आज धान की फसल देखकर किसान खुश हो रहे होते।
भारतीय किसान यूनियन (लोकशक्ति) के प्रदेश महासचिव बजरंगी सिंह कुशवाहा तथा किसान कल्याण समिति जरगो कमांंड से जुड़े हरिशंकर सिंह के अथक प्रयास से निवर्तमान जिलाधिकारी दिव्या मित्तल के प्रयास से इस वर्ष नरायनपुर पंप कैनाल के कुछ पानी को रीवा माइनर की ओर मोड़ा जरूर गया, लेकिन वह नाकाफी है। इसी तरह से जरगो माइनर में भी अदलहाट तक पंप कैनाल का पानी लाने का प्रयास किया गया, जो सफल रहा।
निवर्तमान जिलाधिकारी दिव्या मित्तल ने नरायनपुर पंप कैनाल के पानी से अहरौरा तथा जरगो कमांंड को सिंचित करने के लिए गंभीरता से प्रयास शुरू ही किया था कि उनका अचानक ट्रांसफर हो गया। इससे किसानों को निराशा हुई है। किसान कल्याण समिति जरगो कमांड के कार्यवाहक अध्यक्ष व भारतीय किसान यूनियन (लोकशक्ति) के प्रदेश महासचिव बजरंगी सिंह कुशवाहा का कहना है कि मिर्जापुर की जिलाधिकारी के रूप में दिव्या मित्तल ने जमालपुर व नरायनपुर विकास खंड के किसानों की सिंचाई की समस्या के समाधान हेतु नरायनपुर एनपीसी का दौरा करके कटका परशुरामपुर से नरायनपुर एनपीसी का पानी रीवा माइनर से होते हुए गरई नदी में लाकर उसे लिफ्ट करके हुसैनपुर बीयर में पहुंंचाने की दिशा में प्रयास किया। परशुरामपुर से रीवां की तरफ नरायनपुर एनपीसी का पानी अपनी मौजूदगी में खोलवाकर किसानों की मांग के अनुरूप शुरुआत कर दी है।
उनका यह प्रयास भयंकर सूखे की घड़ी में तमाम किसानों के लिए संबंधित किसानों के लिए वरदान साबित हुआ है। कुशवाहा ने कहा कि नवागत जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन से अपेक्षा है कि निवर्तमान जिलाधिकारी दिव्या मित्तल द्वारा किसानों की समस्याओं के निस्तारण से संबंधित जो कार्य शुरू कराए गए, उन्हें आगे बढ़ाएं।