प्रशासन में मिजाज जितना कड़क, फरियादियों के लिए दिल उतना ही नरम
महिला सशक्तीकरण की जीवंत मिसाल हैं मिर्जापुर की जिलाधिकारी दिव्या मित्तल
राजेश पटेल, मिर्जापुर (सच्ची बातें) । संस्कार। ममता। समय प्रबंधन। प्रशासनिक दक्षता। सेवा भाव। दृढ़ संकल्प। ईमानदारी। जिम्मेदारी की समझ। गलत देख कड़क। बेबसी पर नरम। ये सारे गुण किसी महिला में ही हो सकते हैं। यदि वह महिला आइएएस हो तो क्या कहने। जिस कार्य की जिम्मेदारी मिलेगी, उसे शिद्दत से निभाएगी। नरक में भी भेजा जाएगा तो वहां स्वर्ग बनाकर ही रहेंगी। आखिर ऐसे अधिकारी को डायनमिक डीएम नहीं कहेंगे तो किसे कहेंगे। वैसे किताबों में तो बहुतेरे ‘हीरा’ हैं।
मिर्जापुर जिले का सौभाग्य है कि इस समय इन्हीं गुणों वाली एक महिला यहां की जिलाधिकारी हैं। नाम है दिव्या मित्तल। अपने कार्यों के चलते उनका नाम मिर्जापुर जनपद के नागरिकों की जुबान पर रहता है। हर कोई तारीफ ही करता है। फरियादियों की समस्याओं को सुनने के लिए वह उनके पास जाती हैं। जमीन पर बैठने में कोई हिचक नहीं होती।
पिछले शारदीय नवरात्र के कुछ पहले ही उनकी तैनाती मिर्जापुर डीएम के रूप में हुई। मां विंध्यवासिनी से आशीर्वाद लेने के बाद उन्होंने जिले की कमान संभाली। तब से लेकर आज तक कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। हर काम में सफलता। हलिया ब्लॉक के लहुरिया दह में पेयजल के लिए जो काम आज तक किसी ने नहीं किया, उसे भी दिव्या मित्तल ने कर डाला। शीघ्र ही लहुरियादह के लोगों को पेयजल मिलने लगेगा।
धार्मिक आयोजनों में तो उनकी विशेष रुचि रहती है। जब इनकी तैनाती हुई, उसके कुछ ही दिनों बाद शारदीय नवरात्र आने वाला था। उस समय तक वह यहां के अधिकारियों से ठीक से परिचित भी नहीं थीं, लेकिन मेला की ऐसी व्यवस्था की कि लोग दंग रह गए। कहीं से कोई कमी नहीं आई।
गंगा दशहरा के भी आयोजन में दिव्या मित्तल ने जनपद का दिल जीत लिया। मिर्जापुर के पक्का घाट को ऐसा सजाया गया, मानो स्वर्ग लोक धरती पर उतर आया हो। सब कुछ अलौकिक दिख रहा था। घाट की सजावट में प्रयुक्त विद्युत झालरों की रंग बिरंगी रौशनी की गंगा के पानी में पड़ने वाली परछाई के मनमोहक दृश्य का बखान नहीं किया जा सकता। इसे वहां मौजूद लोगों ने महसूस तो किया, लेकिन व्यक्त करने के लिए शब्द नहीं थे।
जनता की समस्याओं के समाधान के लिए तत्परता
जिलाधिकारी दिव्या मित्तल जनता की समस्याओं के निराकरण को प्राथमिकता देती हैं। तहसील दिवस हो या थाना समाधान दिवस। जब पहुंचती हैं तो न्याय की उम्मीद फरियादियों में जग जाती है। एक-एक व्यक्ति की बात गंभीरता से सुनती हैं। जरूरत पड़ने पर कुर्सी से उठकर फरियादी के पास तक पहुंचती हैं। ध्यान से सुनती हैं। तुरंत संबंधित अधिकारी को फोन पर निर्देश भी देती हैं। कई बार तो वे बुजुर्ग फरियादियों के पास जमीन पर बैठ भी जाती हैं।
जमीन की हेराफेरी करने वालों के प्रति सख्त तेवर
जिले में जमीन की हेरफेर करने वाले भी कम नहीं हैं। इसमें तहसील के अधिकारी व लेखपाल भी संलिप्त होते हैं। जिलाधिकारी दिव्या मित्तल ने इस गिरोह को भी सबक सिखाने की ठान ली है। इसी कड़ी में उन्होंने हाल ही में भूमाफियाओं से मिलकर रिकार्ड में हेराफेरी के मामले में दो तहसीलदार, एक नायब तहसीलदार एवं दो लेखपालों को निलंबित कर उनके खिलाफ आईपीसी के विभिन्न धाराओं में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई है। इनके अलावा आठ भूमाफियाओं के विरुद्ध भी मुकदमा दर्ज कराया गया है।
समय-समय पर वह वीडियो संदेश जारी कर लोगों को जागरूक करने का भी काम करती हैं। अभी हाल ही में जनपद के पटेहरा कलॉ के पास हुए हादसे में चार युवकों की दुखद मौत के बाद वीडियो संदेश जारी कर हेलमेट पहन कर ही बाइक चलाने की अपील की। पर्यावरण दिवस पर भी उन्होंने वीडियो संदेश के माध्यम से लोगों से पौधरोपण का निवेदन किया। उनके कार्यों से जाहिर होता है कि प्रशासनिक कार्यों में जितनी कठोर हैं, दिल में उतनी ही ममता है। फरियादियों से मिलते समय यह परिलक्षित होता है। इनको डायनमिक डीएम नहीं कहेंगे तो किसे कहेंगे। बता दें कि दिव्या मित्तल के पति गगनदीप सिंह भी आइएएस हैं।
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