एडवोकेट प्यारेलाल अग्रवाल पूर्वांचल के रत्न थे
-विविध संगठनों की ओर से दी गई श्रद्धांजलि
-शहीद उद्यान के विकास एवं रामकृष्ण मिशन अस्पताल की स्थापना में था उल्लेखनीय योगदान
सलिल पांडेय, मिर्जापुर। नगर के ऐतिहासिक शहीद उद्यान एवं लाला लाजपतराय पुस्तकालय की उन्नति एवं रामकृष्ण मिशन ट्रस्ट की स्थापना में पूर्व अध्यक्ष एवं प्रमुख अधिवक्ता स्व प्यारेलाल अग्रवाल का योगदान अविस्मरणीय है। उनके स्वप्नों को साकार करने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा।
यह कथन है ट्रस्ट के वर्तमान अध्यक्ष सीपी गुप्ता के, जिसे उन्होंने स्व. अग्रवाल के प्रति नगर के विभिन्न संगठनों, राजनीतिक दलों एवं स्वैच्छिक संस्थाओं के सम्मिलित प्रयास से आयोजित श्र्द्धांजलि कार्यक्रम में व्यक्त किए।
कार्यक्रम में नगर पालिका परिषद के निवर्तमान अध्यक्ष मनोज कुमार जायसवाल ने कहा कि जब कोई वट-वृक्ष जैसा व्यक्तित्व इस दुनिया से चला जाता है, तब उसकी भरपाई करना कठिन हो जाता है। इसी कड़ी में वरिष्ठ साहित्यकार एवं आदर्श इंटर कॉलेज पूर्व प्रधानाचार्य ब्रजदेव पांडेय ने कहा कि साहित्य जगत के संवर्धन में स्व. अग्रवाल का योगदान उल्लेखनीय रहा है। इनके प्रयास से लायंस क्लब, रोटरी क्लब, त्रिवेणी संस्था एवं जैसी आदि में भगवान अवधूत राम, प्रयागराज की साहित्यकार महादेवी वर्मा एवं डॉक्टर जगदीश गुप्त का आगमन हुआ था।
इस अवसर पर कांग्रेस के पूर्व विधायक भगवती प्रसाद चौधरी एवं नागरिक संगठन के अध्यक्ष अरुण कुमार मिश्र ने स्व अग्रवाल के बहुआयामी व्यक्तित्व के विविध पहलुओं का जिक्र किया।
स्व. अग्रवाल के अधिवक्ता होने के नाते बड़ी संख्या में जुटे अधिवक्ताओं ने न्यायिक सेवा में उनके उच्च स्तरीय मानदंडों पर प्रकाश डाला गया। अधिवक्ताओं में सुरेश कुमार त्रिपाठी, कृपाशंकर मिश्र, अशोक कुमार सिंह, विमला दुबे, गया प्रसाद पांडेय, देवीशंकर मिश्र शामिल थे। जबकि आम आदमी पार्टी की ओर से सुनील पांडेय ‘राजनेता’, दिलीप सिंह गहरवार, समाजवादी पार्टी की ओर से शक्ति श्रीवास्तव, शिक्षक समुदाय की ओर से जुबली इंटर कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल राजेन्द्र तिवारी, साहित्य जगत से भोलानाथ कुशवाहा, मनोज कुमार शुक्ल, उद्योग जगत से ओबीटी कार्पेट कम्पनी के उपाध्यक्ष राजेश कुमार मिश्र तथा पत्रकार संगठन की ओर से अमरेश कुमार मिश्र एवं शिवशंकर उपाध्याय ने स्व अग्रवाल को पूर्वांचल का रत्न कहा।
कार्यक्रम के अंत में कृतज्ञता ज्ञापन अधिवक्ता एवं कवि रवींद्र कुमार पांडेय एवं संचालन सलिल पांडेय ने किया। शान्ति-पाठ ज्योतिषाचार्य पं. जगदीश प्रसाद द्विवेदी एवं राजन द्विवेदी ने किया। सारी व्यवस्था की देखरेख प्रज्ञेश कुमार तिवारी ने किया।