October 12, 2024 |

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जमशेदपुरः टाटानगर का राम बैंक, इसमें जमा हैं 2300 करोड़ राम नाम

Sachchi Baten

कदमा के राम पादुका आश्रम मंदिर में है यह रामनाम बैंक

-इसके सामने हनुमान की 33 फीट ऊंची है प्रतिमा

-दक्षिण भारतीय स्थापत्य कला का उत्कृष्ट उदाहरण है यह आश्रम

-58 साल है हर सप्ताह निरंतर होता है भजन, हर माह विवाहोत्सव

-अयोध्या में पूजा-अर्चना के बाद मंदिर में स्थापित की गई थीं श्री राम परिवार की प्रतिमाएं

 

जमशेदपुर, झारखंड (सच्ची बातें)। देश ही नहीं, पूरी दुनिया 22 जनवरी कोअयोध्या में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा का इंतजार कर रही हैं। इसके बाद वहां राम बैंक भी कार्य करने लगेगा। प्रसिद्ध उद्योगपति जमशेद जी टाटा द्वारा बसाए गए शहर टाटा नगर में 58 साल से रामनाम बैंक चल रहा है। और, यहां 2300 करोड़ से ज्यादा रामनाम जमा हैं।

राम नाम बैंक में जमा प्रपत्र।

 

यह बैंक जमशेदपुर के कदमा इलाके में स्थित राम पादुका आश्रम मंदिर में। यह मंदिर दक्षिण भारतीय स्थापत्य कला का उत्कृष्ट उदाहरण है। यहां देश के कोने-कोने से भक्त आते हैं। राम नाम लिखी कॉपी, डायरी, रजिस्टर आदि जमा कर जाते हैं। कुछ भक्त घर से ही राम नाम लिखकर यहां डाक के माध्यम से प्रपत्र भेजते हैं।

बताया गया कि यहां 2300 करोड़ से अधिक रामनाम जाप का प्रपत्र जमा हो चुका है। इनको मंदिर कमेटी पूरी तरह संरक्षित कर रखती है।

यहां भगवान विष्णु के सभी अवतार तथा द्वादश ज्योतिर्लिंग, गणेश सहित हजारों देवी-देवताओं की मूर्तियां और उनकी कलाकृतियां बना उन्हें स्थापित किया गया है। आश्रम के सचिव एस श्रीराम ने बताया कि सभी की पूजा तमिल कैलेंडर के अनुसार होती है।

यहां 58 साल से बिना रुकावट श्री राम का भजन हर सप्ताह होता है। साथ ही हर साल सीता-राम कल्याणम ( विवाह उत्सव) होता है, जो देखने लायक होता है। इसके अलावा राधा कृष्ण कल्याणम भी होता है। आश्रम नाम रखने के बारे में बताया गया कि यहां दक्षिण भारत के कई बुजुर्ग रहते थे, इस कारण इसका नाम आश्रम पड़ गया, लेकिन मूल रूप से मंदिर ही है।

इस मंदिर में प्रभु श्रीराम के पूरे परिवार की पूजा की जाती है। इसमें प्रभु श्रीराम, सीता, हनुमान, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न की मूर्तियां हैं। इन सबके सामने सबसे पहले पादुका को रखा गया है। मूर्ति को पादुका के साथ एक ढांचा का रूप दिया गया है। इन मूर्तियों का निर्माण सोना, चांदी, तांबा समेत पांच धातुओं से मिलाकर किया गया है।

मूर्तियों को तमिलनाडु के स्वामी मलय में बनाया गया था। वहां से 50 लोग इनको लेकर अयोध्या गए थे। अयोध्या में विधिवत पूजा अर्चना के बाद ही जमशेदपुर लाया गया। उसके बाद राम पादुका आश्रम में वर्ष 1989 में स्थापित किया गया। इससे पहले फोटो रखकर पूजा होती थी।

राम पादुका आश्रम कदमा मंदिर के सामने 33 फीट की बजरंग बली की प्रतिमा स्थापित की गई है। वे एक पहरेदार की भूमिका में इस मंदिर की रक्षा कर रहे हैं। हर कोई एक नजर इसे अवश्य निहारते हैं। यह प्रतिमा जमशेदपुर शहर की सबसे लंबी प्रतिमा है।

राम पादुका आश्रम मंदिर समिति के अध्यक्ष वी नटराजन ने बताया कि अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण सनातन धर्म मानने वालों के लिए गौरव की बात है। राम पादुका आश्रम का इतिहास भी अयोध्या से जुड़ा हुआ है।


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