September 10, 2024 |

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एक सांसद व दो विधायक चुनने वाले जमालपुर ब्लॉक की स्थिति सौतेले बच्चे जैसी

Sachchi Baten

जनता की रात कट रही करवटों में, उनके प्रतिनिधियों को कोई सुध नहीं

ं-शनिवार को अन्नदाता मंच के तत्वावधान में किसान पहुंचे जमालपुर विद्युत उपकेंद्र

-फिलहाल निकट भविष्य में राहत की कोई उम्मीद बेमानी

-धान की रोपाई तो बाधित है ही, नींद भी पूरी नहीं हो रही किसानों की

जमालपुर, मिर्जापुर (सच्ची बातें)। जमालपुर ब्लॉक के मतदाताओं का सौभाग्य है कि वे एक सांसद व दो विधायक चुनते हैं। सांसद तो केंद्र में मंत्री भी हैं। एक विधायक भी योगी-1 सरकार में ऊर्जा राज्य मंत्री रह चुके हैं। एक और विधायक भी पॉवरफुल ही हैं। इसके बावजूद बिजली आपूर्ति की स्थिति इतनी खराब है कि उसे शब्दों में नहीं लिखा जा सकता। क्षेत्र के मतदाता दोष किसको दें, यह उनकी समझ में नहीं आ रहा है। क्योंकि संसद व विधानसभा के लिए अपने प्रतिनिधि का चुनाव तो आखिरकार उन्होंने ही किया है। बिजली की स्थिति को एक लाइन में समझा जा सकता है-छोटे बच्चे घमौरियों से इस कदर परेशान हैं कि कोई पाउडर काम ही नहीं कर रहा है। नाइसिल आदि सब फेल है।

सूखा के इस दौर में खेती तो बरबाद हो ही रही है। किसान रात में नींद भर सो भी नहीं पा रहे हैं। उमस वाली इस गर्मी में छोटे-छोटे बच्चे बिलबिला रहे हैं। बिजली आती है, एक घंटे से भी कम समय में कट जाती है। स्थिति यह है कि जिनके यहां इन्वर्टर लगे हैं, वे भी काम नहीं कर रहे हैं। चार्ज होने लायक बिजली ही नहीं मिल रही है। 24 घंटे में कम से कम 15 बार बिजली का आना-जाना हो रहा है। कुल मिलाकर 6 से 8 घंटे ही आपूर्ति।

बिजली की दुर्व्यवस्था से आजिज किसान शनिवार को जमालपुर विद्युत उपकेंद्र पर पहुंचे। किसानों का नेतृत्व अन्नदाता मंच के संयोजक चौधरी रमेश सिंह कर रहे थे। काफी प्रयास के बाद अवर अभियंता दयाशंकर प्रजापति उपकेंद्र पर आए। उनसे विस्तार से बात हुई। पूछा गया कि समस्या और इसका स्थाई निदान क्या है।

अवर अभियंता प्रजापति ने बताया कि उपकेंद्र पर पांच एनवी का ट्रांसफार्मर है। इस साल सरकार की योजना के अनुसार किसानों को निजी नलकूप के लिए करीब 200 कनेक्शन दे दिए गए। अचानक लोड बढ़ गया। इसके साथ ही तार भी काफी जर्जर हो चुके हैं। अधिकतम 150 एम्पियर का ही लोड ले पा रहे हैं। इससे ज्याजा देने पर टूट जा रहे हैं।

लोड के हिसाब से अब यहां 5 के स्थान पर 10 एमवी का ट्रांसफार्मर चाहिए। इसके लिए विभागीय स्तर पर कार्रवाई जारी है। जर्जर पुराने तारों को बदलने के लिए प्राक्कलन तैयार कर अधिशासी अभियंता कार्यालय में दे दिया गया है। ट्रांसफार्मर बदलने में कम से कम दो महीने का समय लग सकता है। तार बदलने में भी समय लगेगा। लंबी प्रक्रिया होती है।

फौरी राहत के लिए यदि चुनार से जमालपुर उपकेंद्र को 24 घंटे बिजली दी जाए तो स्थिति में कुछ सुधार हो सकता है। इसके लिए भी अधीक्षण अभियंता कार्यालय से डिमांड लेटर भेजा गया है। लेकिन इसकी मंजूरी कंट्रोल से मिलनी है।

कुल मिलाकर अवर अभियंता ने किसानोें पर ही थोप दिया कि आप लोग सांसद, विधायक से कहें। सरकार से बात करके कंट्रोल से इसका आदेश दिलवा दें। इसके बाद किसान अपने जनप्रतिनिधियों को कोसते हुए घर लौट गए।

विद्युत उपकेंद्र पर जाने वालों में भारतीय किसान यूनियन के जिला महासचिव वीरेंद्र सिंह, राजेश पटेल, अजीत सिंह, अभिषेक सिंह, मंगल सिंह, रिंकू सिंह, जयप्रकाश सिंह, रणजीत सिंह, अतुल त्रिपाठी, संतोष चतुर्वेदी, अजीत कुमार पटेल, अमित कुमार पटेल आदि थे।

जमालपुर उपकेंद्र से संबद्ध कई गांव मड़िहान विधानसभा क्षेत्र में आते हैं। मड़िहान के विधायक रमाशंकर सिंह हैं। वह योगी-1 सरकार में ऊर्जा राज्य मंत्री भी थे। उनका कहना है कि ट्रांसफार्मर बदलने का प्रस्ताव स्वीकृत हो गया है। वह अधीक्षण अभियंता से बात करते ही बता पाएंगे कि वर्तमान स्थिति क्या है।

चुनार के विधायक अनुराग पटेल से बात करने का प्रयास किया गया तो उन्होंने फोन नहीं उठाया। ऑटो मैसेज आ गया कि can i call you lster? बिजली की समस्या को लिखते हुए ह्वाट्सएप पर भी मैसेज किया कि आप जब भी फ्री हों,  बात करें प्लीज। खबर लिखे जाने तक उनकी ओर से फोन नहीं आया। जब आएगा तो उनका पक्ष लिख दिया जाएगा।

इलाके की सांसद केंद्र में वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल को भी उचित माध्यम से मैसेज भेजा कि वह अपने संसदीय क्षेत्र में पड़ने वाले इस धान का कटोरा कहने जाने वाले जमालपुर ब्लॉक की इस समय की सबसे बड़ी समस्या के निजात के लिए क्या कर रही हैं। उनकी ओर से भी खबर पोस्ट करने तक कोई रिस्पांस नहीं आया। आएगा तो खबर को अपडेट करते हुए उनके प्रयास से भी किसानों को अवगत कराया जाएगा।

सरकार का आदेश ग्रामीण  क्षेत्र में हो 16 से 18 घंटे विद्युत आपर्ति, हो रही है छह से आठ घंटे ही

जमालपुर विद्युत उपकेंंद्र केे लॉगबुक के अनुसार 18 अगस्त को चुनार से 16 घंटे 50 मिनट बिजली मिली। इसमें चरगोड़ा फीडर के 6.55 घंटे, बहुआर को 7.30 घंटे, जमालपुर को 8.45 घंटे तथा ओड़ी फीडर के 7.55 घंटे आपूर्ति हुई। 17 अगस्त को चुनार सेे 16.30 घंटे बिजली जमालपुर उपकेंद्र को मिली। इसमें चरगोड़ा फीडर को 7.30 घंटे, बहुआर को 8.15 घंटे, जमालपुर को 8 घंटे तता ओड़ी फीडर को 8.20 घंटे बिजली आपूर्ति हुई है। 16 अगस्त को चुनार से 15.30 घंटे बिजली मिली। इसमें चरगोड़ा को 7.30  घंटे, बहुआर को 7.40 घंटे, जमालपुर  को 8.30 घंटे तथा ओड़ी फीडर को 7.30 घंटे बिजली आपूर्ति की गई।

किसानों ने इस आंकड़े को बताया झूठा

उपकेंद्र पर जुटे किसानों ने लॉगबुक में इंट्री को झूठा बताया। कहा कि किसी भी फीडर को कुल मिलाकर 3-4 घंटे से ज्यादा बिजली नहीं मिल रही है। इंट्री करने वाले गलत डाटा फीड कर अधिकारियों को गुमराह कर रहे हैं। 15 अगस्त तक चुनार से जमालपुर को अस्थाई व्यवस्था के तहत 24 घंटे बिजली मिल रही थी। तो करीब-करीब 12-12 घंटे हर फीडर को आपूर्ति हो जाती थी। वही व्यवस्था फिर से बहाल करने की मांग की जा रही है। लेकिन किसानों की इतनी पहुंच नहीं है कि वह इसे खुद के बूते करा सकें। उनकी निगाह अपने जनप्रतिनिधियों पर टिकी है।

 


Sachchi Baten

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1 Comment
  1. Ajeet Kumar patel says

    जनप्रतिनिधि को कोई प्रभाव नहीं है वो अपना जिला छोड़कर अन्य प्रदेशों में जाकर मीटिंग अटेंड कर रहे है जमालपुर की जनता को अपने हाल पर छोड़कर उन्हे कोई प्रभाव नहीं जमालपुर में क्या हो रहा है वो केवल पार्टी में अपनी स्थाई जगह बना रहे है

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