November 11, 2024 |

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सिर्फ पैसे के लिए चिकित्सा कार्य में लगना उचित नहीं- डॉ. आरबी कमल

Sachchi Baten

रोटरी क्लब में कृत्रिम हाथ वितरण कार्यक्रम में मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल ने डॉक्टरों को दी नसीहत

-जो निर्धन है, उसकी सेवा भगवान की सेवा, रोटरी क्लब के अभियान को सराहा

सलिल पांडेय, मिर्जापुर। सिर्फ पैसे के लिए चिकित्सा करने वाले अकूत धन तो कमा सकते हैं, लेकिन जन-जन की नजरों में सम्मान तथा जीवन में सुकून चिकित्सा-सेवा में आते समय ली गई शपथ के अनुरूप काम करने से ही मिल सकता है।

यह उद्गार यहाँ के मां विन्ध्यवासिनी स्वशासी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. आरबी कमल के हैं, जिसे उन्होंने रोटरी क्लब के दिव्यांग उपकरण वितरण कार्यक्रम के दौरान मंगलवार में व्यक्त किया। आयोजन रोटरी भवन के लालडिग्गी मुहल्ले में स्थित हुआ था।

इस अवसर पर डॉ. कमल ने अपने जीवन के संस्मरणों को साझा करते हुए कहा कि प्रारंभिक दिनों में वे सेना के एक सामान्य सैनिक ही थे, लेकिन अशक्त लोगों के मानवीय तौर- तरीके से इलाज की भावना जब जागी, तब आर्थिक कठिनाइयों की परवाह न कर डॉक्टर बनने का संकल्प उन्होंने लिया। डॉ. कमल ने कहा कि संकल्प दृढ़ होते हैं तो उसे पूरा होने में विलंब नहीं होता है। डॉक्टर कमल ने यह भी कहा कि MBBS की पढ़ाई के वक्त आने वाली कठिनाइयाँ उन्हें डिगा नहीं सकी। जरूरत पर वे जमीन पर बैठकर पढ़ते-सोते थे।

रोटरी क्लब के कार्यक्रम की सराहना करते हुए डॉ. कमल ने कहा कि समाज में सब को आर्थिक कठिनाइयों से गुजरना पड़ता है। जिन्हें देश का नम्बर एक का उद्योगपति माना जाता है, उनकी भी जेब में कभी गिनती के रुपये होते थे, लेकिन उद्यम के जरिए वे आगे बढ़े। इस अवधि में लोगों की मदद से जो शुभकामनाएं मिलती हैं, वह भी महत्वपूर्ण होती हैं।
मिर्जापुर में कार्यभार का उल्लेख करते हुए कहा कि उनका प्रथम संकल्प था कि डॉक्टर से लेकर कर्मचारी तक में वे सेवा की उत्तम भावना जागृत करेंगे। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की अच्छे कार्यों में अधिकांश लोग सहयोग करते हैं।

इस मौके पर रोटरी प्रेसिडेंट आयुष सर्राफ ने उन्हें तथा अन्य अतिथियों को स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम का संचालन वशिष्ठ गोयनका ने किया। इस अवसर पर रोटरी थीम ‘क्रिएट होप इन द वर्ल्ड’ के दृष्टिगत क्लब ने इनाली फाउंडेशन के सहयोग 50 दिव्यांगजन जिनके हाथ कोहनी के नीचे से कट गए थे, को निश्शुल्क अत्याधुनिक बैटरी चालित प्रोस्थैटिक कृत्रिम हाथ प्रदान किया। कार्यक्रम में बताया गया कि इस कृत्रिम हाथ लगने के बाद साइकिल, मोटर साइकिल भी चलाया जा सकता हैं तथा 5 किलोग्राम तक का वजन भी उठाने का क्षमता आ जाती है ।


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