भातखंडे विवि के कल्चरल क्लब के निर्देशन में क्लब करेगा एतिहासिक धरोहरों का अध्ययन
– हमें सांस्कृतिक कल्चर को जीवित रखना होगाः प्रो. चारू चंद
– उभरते कलाकारों के लिए आयोजित होगी कार्यशाला
– लोक कला, लोक गायन को दिया जाएगा बढ़ावा
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डॉ. राजू पटेल, अदलहाट/मिर्जापुर (सच्ची बातें)। भातखंडे संस्कृति विश्व विद्यालय लखनऊ की ओर से अदलहाट के लालता सिंह राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय के सभागार में शनिवार को कल्चरल सांस्कृतिक क्लब का उद्घाटन मुख्य अतिथि राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय चुनार के संगीत विभाग के प्रभारी प्रो. चारू चंद व विशिष्ट अतिथि राजकीय महाविद्यालय पवनी कला सोनभद्र के असिस्टेंट प्रो. कृष्ण कन्हैया व प्राचार्य प्रो. आशा ने दीप प्रवज्वलित कर किया। कल्चरल क्लब की शुरुआत छात्रा अनिता विश्वकर्मा के मनभावन लोक नृत्य के साथ हुआ।
वक्ताओं ने बताया कि कल्चरल क्षेत्र के तीन बिंदुओं के एतिहासिक धरोहर, स्थानीय कलाकारों और उभरते हुए कलाकारों का साक्षात्कार का प्रारंभ हो गया। विश्च विद्यालय के निर्देशन में महाविद्यालय की कल्चरल सांस्कृतिक क्लब का अध्ययन दल क्षेत्र के अहरौरा के भंडारी देवी पहाड़ी स्थित सम्राट अशोक के स्तंभ पर कराए लेख का अध्ययन, चुनार किले की शिल्प की दृढ़ता उपयोगिता का अध्ययन, शेरवा का ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक अध्ययन भुइली स्थित भूरिश्रवा किले और चुनार के चीनी मिट्टी के बर्तनों का अध्ययन करेगा।
संगीत के जादूगर कहे जाने वाले मुख्य अतिथि ने गजल ‘हुजूर आपका भी एहतराम करता हूं… के साथ मखमली आवाज से जैसे ही शुरुआत की, पूरा सभागार तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। उन्होंने कहा कि जिसके अंदर संगीत होगा उसका हृदय विशाल व औरों से अलग दिखलाई पड़ता है। अपनी भारतीय संस्कृति को बचाए रखना है तो हमें अपने सांस्कृतिक कल्चर को जीवित रखना होगा। सरकार ने इस योजना के द्वारा जिस प्रकार सांस्कृतिक क्लब बनाकर धरोहरों को सहेजने का काम कर रही है वह बहुमूल्य है।
कल्चरल सांस्कृतिक क्लब प्रभारी डॉ. सुमिता बनर्जी ने बताया कि सांस्कृतिक कल्चरल के क्षेत्र के तीन बिंदुओं के एतिहासिक धरोहर, स्थानीय कलाकारों और उभरते हुए क्षेत्रीय कलाकारों को शामिल करने के साथ साक्षात्कार एवं कार्यशाला के अध्ययन से अपनी सांस्कृतिक धरोहरों को सहेजने में बहुमूल्य साबित होगा। अध्यक्षता करती हुई प्राचार्य प्रो. आशा ने कहा कि भातखंडे विवि के कल्चरल क्लब के निर्देशन में ऐतिहासिक धरोहरों का अध्ययन, यहां के उभरते कलाकारों, लोक कला, लोक गायन बढ़ावा देना सरकार का मुख्य उद्देश्य है।
इसके पूर्व संगीत प्रभारी डॉ. सुमिता बनर्जी व डॉ. प्रदीप मिश्रा ने अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. प्रेम सुंदरी ने किया।इस अवसर पर डॉ. प्रदीप मिश्रा, डॉ. जितेंद्र कुमार सिंह, डॉ. अंजू सोनकर, डॉ. गणेश, डॉ. रानी राय, डॉ. अंकित कुमार, डॉ. चंदन खरवार, डॉ. मनोज कुमार, डॉ. मनीष चंद, डॉ. प्रणव कुमार, डॉ. राजकुमार सिंह, हेरंब पांडेय, अनिता देवी सहित प्रधायपक मौजूद रहे।