#Water_Crisis_in_Mirzapur : छानबे ब्लॉक के सुमतिया गांव के अमृत सरोवर का हाल बद से भी बदतर
#Amrit_Sarovar_in_Mirzapur : जिले के प्रभारी मंत्री नंदगोपाल नंदी के निर्देश के बावजूद तालाब में नहीं भरा जा सका पानी
#Sachchi_Baten : उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने बीते दो अक्टूबर को गांधी जयंती के दिन तालाब में नाव से सैर कर किया था लोकार्पण
सुभाष ओझा, छानबे मिर्जापुर (सच्ची बातें) । सच कहें तो उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जनपद में जितने भी अमृत सरोवर बनाए गए, उनमें अधिकतर जहर के कुंड बन चुके हैं। उनका पानी न स्नान करने लायक है और न पशुओं को पिलाने लायक। पिछले वर्ष मई में जिले भर में एक साथ 77 अमृत सरोवरों का निर्माण शुरू हुआ। इनमें कुछ पूरे हो गए, उनका लोकार्पण धूमधाम से किया गया, लेकिन आज उनकी स्थिति यह है कि पानी किसी काम का नहीं।
यह समझना गलत होगा कि आने वाले समय में पानी के संकट से सरकार अनजान है या जान बूझ कर आंखें बंद किए हुए है। उसे पता है कि जब तक वर्षा जल के एक-एक बूंद को नहीं सहेजा जाएगा, भूगर्भ जलस्तर पाताल की ओर खिसकता जाएगा। जल को सहेजने के लिए ही सरकार ने आजादी के अमृतकाल में अमृत सरोवर योजना शुरू की। इसमें पुराने तालाबों का सुंदरीकरण के साथ नए तालाब बनाए जाने का प्रावधान है। अधिकारियों का बेपरवाही के चलते सरकार की इस अमृत समान योजना का पलीता लग रहा है।
अमृत सरोवर योजना के तहत जिले में 77 तालाबों की स्वीकृति मिली। पिछले साल मई में एक साथ सभी तालाबों की खुदाई का काम समारोहपूर्वक शुरू किया गया। दिसंबर तक कुछ का काम पूरा भी हो गया। लेकिन उनकी स्थिति आज बद से भी बदतर है।
छानबे ब्लॉक के सुमितया गांव में भी अमृत सरोवर का निर्माण 14.5 लाख की लागत से किया गया है। इसका लोकार्पण बीते दो अक्टूबर के प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने समारोहपूर्वक किया था। उस दिन मौर्य ने तालाब में नाव की भी सवारी की थी। लोकार्पण के छह माह हो चुके हैं। अब उसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। तालाब में इतना भी पानी नहीं है कि मछलियां भी ठीक से तैर सकें।
सरोवर की तलहटी में काईनुमा गंदा पानी है। घाटों पर गंदगी है। भीटे पर लगे पौधे अधिकांश सूख गए, जो बचे हैं, वे मुरझाने लगे हैं। यह आलम तब है जब जिले के प्रभारी मंत्री नंदगोपाल नंदी ने बीते माह मार्च में ही इस तालाब का निरीक्षण किया था और इसमें पानी भरवाने का निर्देश दिया था। कहा था कि सात दिनों के अंदर इसमें पानी भर दिया जाना चाहिए।
गांव के प्रधान कृष्णदेव तिवारी ने कहा कि बरसात के मौसम का इंतजार करिए। सरोवर में पानी भरने की कोई व्यवस्था नहीं है। मंगला प्रसाद तिवारी ने बताया कि सफाईकर्मी घर बैठे वेतन ले रहे हैं। प्रभारी मंत्री के निरीक्षण के समय ग्रामीणों ने उनसे सफाई कर्मी को लेकर शिकायत भी दर्ज कराई थी। पर, स्थिति जस की तस है।