भविष्य में गठबंधन में बसपा के शामिल होने की उम्मीद, उसके लिए भी सीटों का प्रावधान
-विपक्षी दलों के गठबंधन INDIA की निर्णायक बैठक आज नई दिल्ली में
मनोज कुमार, चंडीगढ़ (सच्ची बातें)। कुछ घंटे बाद नई दिल्ली में विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया की बैठक शुरू होगी। इस बैठक में सीट शेयरिंग का फार्मूला तय होगा। इसमें ध्यान रखा जाएगा कि हर प्रदेश में संबंधित दल की पकड़ के मद्देनजर सीटों का बंटवारा हो। फार्मूले की खास बात यह है कि बहुजन समाज पार्टी के लिए भी सीटों का प्रावधान किया जा रहा है। उम्मीद है कि देर-सबेर बसपा भी गठबंधन में शामिल होगी ही।
जो फार्मूला है, उसे सभी को मानना भी चाहिए। यदि इंडिया गठबंधन शामिल दल बड़ा दिल नहीं दिखाएंगे तो फिर 2024 में मोदी को सत्ताच्युत करने का सपना कई दलों के नेताओं के राजनैतिक जीवन में पूरा नहीं होगा। अव्वल तो यह होना चाहिए कि सभी दल एक झंडा और एक निशान पर चुनाव लड़े। यदि आज के समय में संभव नहीं है तो कम से कम सभी को जिताने की सोचें। सिर्फ खुद जीतने की नहीं। कोई जीतेगा, वह इंडिया का ही हिस्सा होगा। 2024 में सारे क्षेत्रीय दल और कांग्रेस को एकजुट होकर एक दूसरे को जिताना पड़ेगा। इससे कांग्रेस को भी वापसी का मौका मिलेगा।
इस गठबंधन के आकार लेने में कुछ दलों का अहम आड़े आ रहा था। पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में इनको अपनी औकात का पता चल गया। लिहाजा एक होकर चुनाव लड़ना इनकी विवशता है। विवशता में हठ नहीं होता, समझौता करना पड़ता है।
सीट शेयरिंग का फार्मूला (इसमें बसपा को भी स्थान दिया गया है)
1- पश्चिम बंगाल (42)
टीएमसी – 25 (28)
कांग्रेस -10 (08)
सीपीएम -07
2- बिहार (40)
राजद – 17
जेडीयू – 17
कांग्रेस – 06
भाकपा माले – 02
अन्य- 02
3- मध्य प्रदेश (29)
कांग्रेस – 18
बीएसपी – 04
एसपी – 04
आप/ अन्य – 03
4- हरियाणा (10)
कांग्रेस – 05
इंडियन नेशनल लोकदल – 03
बीएसपी – 01
एसपी/आप – 01
5- पंजाब (14)
कांग्रेस – 08
आप – 03
शिरोमणि अकाली दल – 02(03)
पीएसपी – 01
6- राजस्थान (25)
कांग्रेस – 15
बीएसपी – 02
आप- 05
एसपी/अन्य – 03
7- झारखंड (14)
कांग्रेस -05 (06)
झामुमो – 05
जेवीएम – 02
जेडीयू- 01
राजद – 01
8- गुजरात (26)
कांग्रेस – 15
बीएसपी- 03
आप – 05
सपा/ अन्य – 03
9- असम (14)
कांग्रेस – 08
एयूडीएफ – 03
असम गण परिषद -03
10- छत्तीसगढ़ (11)
कांग्रेस – 08
बीएसपी – 01
सपा/अन्य – 02
11- तमिलनाडु (38)
डीएमके – 24
कांग्रेस – 12
सीपीआइ – 01
सीपीएम- 01
12- उत्तर प्रदेश (80)
सपा – 35
कांग्रेस – 20
बीएसपी – 10
जेडीयू – 05
आरएलडी – 05
आप – 03 (06)
अन्य -02 (चंद्रशेखर)
13- तेलंगाना (17)
कांग्रेस – 12
अन्य – 05
14- महाराष्ट्र (48)
शिवसेना – 18
कांग्रेस -16
एनसीपी – 14
15- कर्नाटक (28)
कांग्रेस – 25
बीएसपी – 03
16- आंध्र प्रदेश (25)
टीडीपी/वाईएसआरसी – 15
कांग्रेस – 08
जनसेना – 02
17-केरल (20)
कांग्रेस – 10
सीपीएम – 05
सीपीआइ – 05
18- दिल्ली (07)
कांग्रेस – 04 (03)
आप – 03 (04)
19- जम्मू-कश्मीर (06)
कांग्रेस- 02
जेकेएनएस – 02
जेकेपीसी – 02
20- मणिपुर (02)
कांग्रेस – 01
एनपीएफ – 01
21- मेघालय (02)
कांग्रेस – 01
अन्य – 01
हालांकि बैठक शुरू होने से पहले ही सीटों को लेकर दावों का दौर शुरू हो गया है। केजरीवाल जहां पंजाब की सभी सीट पर लड़ने की बात कह रहे हैं, तो ममता कह रही हैं कि बंगाल में सिर्फ दो सीट पर कांग्रेस है। बैठक से पहले आ रहे अलग-अलग बयानों से गठबंधन की एकता पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने पंजाब की सभी सीटों पर अपनी पार्टी का दावा ठोका है। भटिंडा में उनके द्वारा इस आशय के दिए गए बयान को लेकर पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिंह ने केजरीवाल पर जमकर निशाना साधा। इधर सपा और कांग्रेस में अब भी तकरार कायम है। समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव मध्य प्रदेश के चुनाव में बीजेपी की जीत के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। दरअसल, समाजवादी पार्टी मध्य प्रदेश के चुनाव में कांग्रेस के साथ गठबंधन करना चाह रही थी, लेकिन कांग्रेस ने ऐसा नहीं किया। चुनाव के दौरान भी दोनों दलों में काफी बयानबाजी हुई थी। अब जब कांग्रेस मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ हारी है तो उसे भी अपनी औकात पता चल गई है। कांग्रेस कुछ बैकफुट पर है। लिहाजा अन्य दल उस पर दबाव बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन उम्मीद है कि अब सीट शेयरिंग का मुद्दा एकता में बाधक नहीं बनेगा। पांच राज्यों के चुनाव के पहले तो सभी तलवार खींचे हुए थे।
राजनीतिक विश्लेषक व समाजवादी चिंतक रामसिंह वागीश का कहना है कि 2024 का चुनाव देश में लोकतंत्र के लिए निर्णायक होने वाला है। इतिहास में पहली बार हुआ है, जब 92 सांसद संसद सत्र से निलंबित किए गए हैं। देश तानाशाही की ओर बढ़ रहा है। इस सरकार को हटाने के लिए इंडिया गठबंधन के नेताओं को बड़ा दिल दिखाना होगा। इतिहास ने लोकतंत्र और संविधान की रक्षा के लिए संपूर्ण विपक्ष को अंतिम अवसर दिया है। यदि अब भी विपक्ष नहीं संभला तो महान स्वतंत्रता सेनानियों और संविधान निर्माताओं की आत्मा उनको कभी माफ नहीं करेगी।
भारतीय किसान यूनियन (लोकशक्ति) के प्रदेश के वरिष्ठ महासचिव बजरंगी सिंह कुशवाहा केंद्र की मौजूदा मोदी सरकार को हटाना जरूरी मानते हैं। उनका कहना है कि यह सरकार देश के किसानों को बांटने का काम कर रही है। एक ही फसल की कीमत अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग कैसे। यदि छत्तीसगढ़ में धान का मूल्य 3100 रुपये प्रति कुंतल दिया जा सकता है तो उत्तर प्रदेश या अन्य राज्यों में क्यों नहीं। इसे फूट डाल कर बांटना नहीं कहेंगे तो क्या कहेंगे। विपक्ष को चाहिए कि एक सर्वमान्य फार्मूला तैयार करके 2024 के चुनाव में एकजुटता दिखाए। तभी वे सत्ता परिवर्तन में सफल होंगे।