February 8, 2025 |

पाखंडियाः पेरियार जयंती के दिन बांस में प्रकट हुए भगवान विश्वकर्मा, है न अविश्वनीय…

Sachchi Baten

 

अंधविश्वास की पराकाष्ठा

ग्रामीणों ने बांस की गांठ पर चुनरी बांध शुरू की पूजा, लगाए गए जयकारे

मामला जमालपुर ब्लॉक के घनश्यामपुर (घसरौड़ी) का

 

 

जमालपुर, मिर्जापुर (सच्ची बातें)। जब भारत का चंद्रयान-3 अंतरिक्ष को पार कर चंद्रमा की सतह पर पहुंचा तो शायद देवलोक के लोग धरती पर आ गए। कोई यहां  किसी आकृति के रूप में प्रकट हो रहा है तो कोई वहां। अंधविश्वास व पाखंड के खिलाफ जीवनभर लड़ने वाले पेरियार की जयंती पर स्वर्ग से आकर भगवान विश्वकर्मा बांस में प्रकट हो गए। किसी ने देखा तो पूरे गांव में हल्ला मचा। फिर क्या था, पूजा, पाठ का पाखंड शुरू।

मामला जमालपुर ब्लॉक के घनश्यामपुर (घसरौड़ी) गांव का है। रविवार को विश्वकर्मा पूजा के दिन दोपहर में सतीश तिवारी के बांस की कोठी में एक बांस पर किसी देवी-देवता का निवास होने की चर्चा सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुई। बताया जाता है कि बांस की कोठी के बगल में ब्रह्म बाबा की भी पूजा होती है।

 

 

एक बांस  की गांठ में एक आकृति बनी हुई देखी गई। जिसे ग्रामीणों ने किसी देवी-देवता की आकृति मान ली। किसी ने मोबाइल से फोटो खींचकर कर वायरल कर दिया। देखते ही देखते गांव के महिला-पुरुषों की भीड़ बांस की कोठी के पास पहुंच गई। वहां पूजा-पाठ का दौर शुरू हो गया।

 

 

किसी नौजवान ने उसमें चुनरी बांध दी और अगरबत्ती कपूर जला दिया। इस बीच जयकारे भी लगाए गए। गांव के लोगों ने कहा कि यह किसी देवी देवता की लीला है तो किसी ने कहा कि अंधविश्वास को बढ़ावा दिया जा रहा है ।

 

 

किसी ने कहा कि बांस की कोठी में विश्वकर्मा भगवान प्रकट हुए हैं। जितने मुंह-उतनी बातें सुनने को मिलीं। घसरौड़ी गांव के कर्मकांड के विद्वान पंडित कौशल पति त्रिपाठी का कहना है कि यह कोई देवी या देवता नहीं है। केवल भ्रम है। ऐसी आकृति किसी भी बांस में हो सकती है। बांस में गांठ पड़ने की वजह से ऐसा बन गया है।

 

 

हर जगह पर माता या किसी भी देवता की उत्पत्ति नहीं होती है। कुछ ग्रामीणों ने इस आकृति को माता मैहर देवी का नाम देकर उसपर चुनरी बांधकर कपूर अगरबत्ती जलाया है, जो अंधविश्वास को बढ़ावा दिया गया है। पंडित कौशल पति त्रिपाठी ने आगे कहा कि यह मैहर माता नहीं हैं, जो आप लोग अपने मन से नाम का उच्चारण कर रहे हैं। माता रानी का स्थान केवल ऊंचे पर्वत व पहाड़ पर ही होता है। प्रकृति के प्रभाव के कारण इस बांस में ऐसी आकृति बनी हुई है।


Sachchi Baten

Get real time updates directly on you device, subscribe now.

Leave A Reply

Your email address will not be published.