मिर्जापुर: जमालपुर ब्लॉक में ओड़ी-देवरिल्ला मार्ग पर स्थित मुरदहवा नाले का पुल निर्माण दो साल में भी नहीं हो सका पूरा
सूबे के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने किया था 24 जून 2021 को शिलान्यास
पीडब्ल्यूडी के अधिशासी अभियंता देवपाल की कार्यप्रणाली से क्षेत्र की जनता परेशान
किसी तरह से ढलाई तो हो गई, एप्रोच रोड चार माह से अधूरा
क्षेत्र के किसानों के संगठन अन्नदाता मंच ने किया विरोध प्रदर्शन
जमालपुर, मिर्जापुर 23 मई 2023 (सच्ची बातें)। शिलान्यास के पत्थर का तो पता नहीं। पता नहीं कहां किस हालत में है। उसी तरह से इस पुल की भी हालत है। इसका कोई पुरसाहाल नहीं है। डबल इंजन की सरकार में प्रदेश में विकास की गति के दावे को यह छोटा सा पुल मुंह चिढ़ा रहा है। दो साल से इसका निर्माण हो रहा है, लेकिन अभी तक पूरा नहीं हो सका है।
बात हो रही है कि मिर्जापुर जनपद के चुनार तहसील में धान का कटोरा कहे जाने वाले जमालपुर ब्लॉक की। ओड़ी-देवरिल्ला मार्ग पर भभौरा व लोढ़वा की सरहद पर स्थित मुरदहवा नाला पर इस पुल का निर्माण लोक निर्माण विभाग निर्माण खंड-2 मिर्जापुर द्वारा कराया जा रहा है।
करीब 80 लाख रुपये की लागत से इसका निर्माण हो रहा है। यहां तक तो ठीक है, लेकिन दुश्वारियों को सुनेंगे तो आप भी चौंक जाएंगे। इस पुल से भभौरा, ढेबरा, देवरिल्ला, गुलौरी, ढेलवासपुर, बनौली, मनऊर, मनई आदि गांवों के हजारों लोगों का आना-जाना होता है।
ओड़ी व लोढ़वा के किसानों के खेत भभौरा में हैं। वे अपनी खेती के लिए ट्रैक्टर आदि लेकर इसी रास्ते से आते-जाते हैं। इसके अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं है।
बरसात के पिछले सीजन में किसानों सहित आम लोगों को जो परेशानी हुई, उसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। विभाग द्वारा डायवर्जन भी ठीक से नहीं बनाया गया है। यह तो संयोग कहिए कि पिछले सीजन में बरसात कम हुई, नहीं तो परेशानी और होती।
इस पुल के निर्माण के लिए विधान परिषद सदस्य (अब कैबिनेट मंत्री) आशीष पटेल स्थलीय निरीक्षण के बाद तत्कालीन लोक निर्माण मंत्री व उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को पत्र लिखा था। इसके बाद इसके निर्माण की मंजूरी मिली थी। काम शुरू भी हुआ।
क्षेत्र के लोग काफी खुश थे, लेकिन विभाग के अधिशासी अभियंता का लचर रवैये के कारण ठीकेदार मनमानी करने लगा। काम कछुवा से धीमी गति से शुरू हुआ। पहले नींव भरकर महीनों छोड़ दिया गया। फिर दीवार व पिलर्स का काम धीरे-धीरे शुरू हुआ। दीवार व पिलर्स बने चार माह से ज्यादा हो गए।
एप्रोच रोड का निर्माण किसी कारण से नहीं हो रहा है, यह पूछने पर अधिशासी अभियंता से लेकर अवर अभियंता तक के पास कोई जवाब नहीं है।
किसान कह रहे हैं कि किसानों को कृषि कार्य के आवागमन पर जब सरकार का ध्यान नहीं है तो उनकी आय दोगुनी करने का दावा कैसे कर सकती है। इसी रास्ते पर सिंचाई व जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह का पैतृक गांव ओड़ी है।
23 मई को किसानों के संगठन अन्नदाता मंच का आक्रोश फूट पड़ा। पुल पर ही धूप में प्रदर्शन किया। अन्नदाता मंच के संयोजक मनऊर के पूर्व प्रधान रमेश सिंह ने कहा कि विकास खंड जमालपुर के आधे हिस्से को ओड़ी-जमालपुर से जोड़ने वाले मुख्य मार्ग पर पड़ने वाले मुर्दहवा नाले पर पिछले दो साल से बन रहे पुल के निर्माण का कार्य अभी तक आधा-अधूरा पड़ा हुआ है। निर्माण में गुणवत्ता का भी ध्यान नहीं रखा गया है।
सिंह ने कहा कि इसका निर्माण कार्य समय से पूरा नहीं होने के चलते पिछले दो साल से यहां के आस-पास के लोग अपने बड़े वाहनों के लिए सिर्फ पांच सौ मीटर आने-जाने के लिए लगभग पांच किलोमीटर का चक्कर लगा रहे हैं।
बहुत कहने के बाद निर्माणाधीन पुल के बगल से आने-जाने के लिए अस्थायी मार्ग का निर्माण किया गया, लेकिन वह भी इतना जर्जर है कि आए दिन इस पर दुर्घटनाएं होती रहती हैं, जिसके चलते अक्सर यह रास्ता बंद ही रहता है। इस पुल के निर्माण को लेकर कई बार स्थानीय लोगों द्वारा धरना-प्रदर्शन भी किया जा चुका है, लेकिन कार्य में कभी भी तेजी नहीं लाई गई।आज स्थिति यह कि यह मार्ग बरसात होते ही कभी भी पूर्ण रूप से बंद हो सकता है।
मंच के संयोजक ने कहा कि शासन की उदासीनता कहें या कार्यदाई संस्था की लापरवाही या ठीकेदार की मनमानी। कभी भी इस पुल के निर्माण को गंभीरता से नहीं लिया गया।इसका निर्माण बरसात शुरू होने के पहले आवश्यक है। प्रदर्शन करने वालों में अन्न दाता मनोज सिंह, महेंद्र प्रताप सिंह,अरुण सिंह, बच्चा लाल यादव, विनोद सिंह, ओमप्रकाश, नीतीश पटेल, अभिषेक पटेल, लालजी बियार, सुराज सिंह, राजन गुप्ता, अमित सिंह, शशि सिंह, रहमान, राहुल आदि लोग मौजूद रहे।
इस बाबत अवर अभियंता बीके पांडेय ने फोन पर स्वीकार किया कि निश्चित रूप से पुल के निर्माण में देर हुई है। इसके लिए कई कारण हैं। प्रयास किया जा रहा है कि बरसात के पहले एप्रोच रोड बनवा दिया जाए। विभाग इस पुल को लेकर गंभीर है।