February 8, 2025 |

डॉ. सोनेलाल पटेल जयंती समारोह में जातीय जनगणना पर कुछ बोल सकते हैं गृह मंत्री अमित शाह

Sachchi Baten

2 जुलाईः जन स्वाभिमान दिवस 

 

डॉ. सोनेलाल पटेल की जयंती 2 जुलाई को, मुख्य अतिथि होंगे भारत के गृह मंत्री अमित शाह

लखनऊ के गोमती नगर स्थित इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में भव्य समारोह आयोजित कर रहा है अपना दल एस

सीएम योगी आदित्यनाथ, दोनों उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य व बृजेश पाठक भी करेंगे शिरकत

जातिवार जनगणना के लिए रास्ता साफ करने की घोषणा कर सामाजिक न्याय के सिपाहियों का दिल जीत सकते हैं अमित शाह

इससे विपक्ष के हाथ से फिसल जाएगा बड़ा चुनावी मुद्दा, पिछड़े वापस लौट सकते हैं भाजपा की ओर

 

राजेश पटेल, लखनऊ (सच्ची बातें) । पिछड़ा वर्ग के लिए दो जुलाई ऐतिहासिक दिन साबित हो सकता है। कमेरा समाज के लिए जीवन भर लड़ने वाले यशःकायी बोधिसत्व डॉ. सोनेलाल पटेल की इसी दिन जयंती है। अपना दल एस द्वारा जन स्वाभिमान दिवस के रूप में लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित जयंती समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भारत के गृह मंत्री अमित शाह आ रहे हैं। कमेरा समाज का दिल जीतने के लिए भाजपा उनके कोर्ट की रोक के बीच जातीय जनगणना के लिए कोई रास्ता निकालने की घोषणा करवा सकती है।

भाजपा (BJP) जानती है कि उसके अच्छे दिन नहीं चल रहे हैं। पांच विधानसभाओं में इसी वर्ष चुनाव होने हैं। अगले वर्ष 2024 की शुरुआत में ही लोकसभा चुनाव है। बीजेपी के लिए ये चुनाव करो या मरो वाले हैं। 2019 के चुनाव में मात्र 37.36 फीसद वोट के सहारे सत्ता में आने वाली बीजेपी को डर है कि विपक्षी एकता के प्रयास सफल हुए तो उसे सत्ता से बाहर जाना तय है।

भाजपा को पता है कि उत्तर प्रदेश से ही उसके दिल्ली के रास्ते खुलेंगे। वरना हिमाचल, कर्नाटक तो खिसक ही चुका है, इस साल होने वाले पांच राज्यों के चुनाव में भी स्थिति अनुकूल नहीं दिखती।

लिहाजा, पूरा फोकस उत्तर प्रदेश पर है। एनडीए सरकार पर यह आरोप आम है कि वह  पिछड़े व वंचित समाज की अनदेखी कर रही है। केंद्रीय विश्वविद्यालयों में वाइस चांसलर की नियुक्तियों का मामला हो (40 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में एक भी पिछड़े समाज से नहीं) या जातिवार जनगणना।

पिछड़ों व वंचित समाज को खुश करने के लिए ले-दे कर भाजपा के पास जातिवार जनगणना का मुद्दा ही बचा है। विपक्ष इसे जोरदार तरीके से उठा रहा है। बिहार में तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसकी शुरुआत भी कर दी थी, लेकिन कोर्ट ने रोक लगा दी। यदि कोई रास्ता निकालकर जातिगत जनगणना कराने की घोषणा भाजपा कर देती है तो पिछड़े व वंचित समाज में भी जिंदाबाद का नारा लगने लगेगा।

मौका है, दस्तूर भी। सही समय आ गया है। दो जुलाई को अपना दल के संस्थापक बोधिसत्व यशकायी डॉ. सोनेलाल पटेल की जयंती है। पार्टी के दोनों धड़ों अनुप्रिया के नेतृत्व वाला अपना दल एस तथा कृष्णा पटेल वाले अपना दल कमेरावादी द्वारा जयंती समारोह आयोजित किए जा रहे हैं।

अपना दस एस द्वारा लखनऊ के गोमतीनगर स्थित इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में भव्य समारोह का आयोजन किया जा रहा है। इसमें मुख्य अतिथि के रूप में देश के गृह मंत्री अमित शाह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, दोनों उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य तथा बृजेश पाठक, निषाद पार्टी के अध्यक्ष व उत्तर प्रदेश सरकारा में कैबिनेट मंत्री (आरती कराने वाले) डॉ. संजय निषाद के आने का करीब-करीब पक्का हो गया है।

जैसा कि सर्वविदित है किसी महापुरुष की जयंती या निर्वाण दिवस उनके विचारों पर अमल करने, उनके कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने का पुनर्संकल्प लेने का दिन होता है। जाहिर सी बात है कि पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष केंद्रीय उद्योग व वाणिज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल के भाषण में जातिवार जनगणना, लोकतंत्र के चारो स्तंभ विधायिका, न्यायपालिका, कार्यपालिका तथा पत्रकारिता में आबादी के हिसाब से आरक्षण, पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्रालय सहित सामाजिक न्याय की विचारधारा का जिक्र रहेगा ही।

इन मुद्दों पर वह सरकार में रहते हुए भी संसद में मुखर रही हैं। दिल्ली में सरदार पटेल की समाधि भी अपना दल एस का मुद्दा है।

अभी इन मुद्दों में सबसे गरम जातिवार जनगणना है। अमित शाह इस पर कुछ बोलेंगे ही। वह जानते हैं कि यही उचित समय है पिछड़ों में भाजपा के प्रति सकारात्मक संदेश देने का। एससीएसटी कानून में सुधार के लिए रास्ता निकालने की घोषणा पहले भी केंद्रीय मंत्री रहे रामविलास पासवान कर चुके हैं। इसी मंच से।

2018 में आयोजित डॉ. सोनेलाल पटेल जयंती में केंद्रीय मंत्री रहे रामविलास पासवान (फाइल फोटो)

 

2018 में इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान से ही डॉ. सोनेलाल पटेल जयंती समारोह में उन्होंने घोषणा की थी। बाद में संसद में अध्यादेश लाकर इसमें सुधार किया गया। उस समारोह में भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मौजूद थे।

इस बार भी कुछ-कुछ वैसा ही सीन है। उधर 2019 के चुनाव के पहले 2018 में अपना दल एस के इसी मंच से यह घोषणा करके भाजपा ने पिछड़े समाज का दिल जीता था। 2014 में भाजपा को मिले 31 प्रतिशत से 2019 में बढ़कर 37.36 फीसद हो गया। केवल भाजपा के नहीं, एनडीए के अन्य घटक दलों को भी इस घोषणा का लाभ मिला। 2014 के चुनाव में एनडीए को 38.5 फीसद मत मिले थे तो 2019 में 45 प्रतिशत।

इस बार भी भारतीय जनता पार्टी इसी तरह का गेम खेल सकती है। अपना दल एस के मंच पर सामाजिक न्याय की विचारधारा के सहारे दूसरी आजादी के लिए जंग छेड़ने वाले डॉ. सोनेलाल पटेल की जयंती के अवसर पर अमित शाह से जातीय जनगणना पर कोर्ट की रोक के बीच कोई रास्ता निकालने की घोषणा करवा सकती है। यदि ऐसा होता है तो डॉ. सोनेलाल पटेल की आत्मा जहां भी होगी, बहुत खुश होगी।  उनके सिपाहियों का उत्साह आसमान पर होगा।

पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा, नीट, केंद्रीय विद्यालयों व सैनिक विद्यालयों में छात्रों के प्रवेश में आरक्षण, विश्वविद्यालयों में सहायक प्रोफेसर की भर्ती सहित कई मामलों में पिछड़े व वंचित समाज के लिए काम करने की कड़ी में एक और बड़ी उपलब्धि अपना दल एस के खाते में हो जाएगी।

यह इस बार संभव भी लग रहा है। ऐसा होता है तभी गृह मंत्री के आने की सार्थकता साबित होगी। पिछड़े व वंचित समाज में भाजपा के प्रति नाराजगी काफी हद तक कम हो जाएगी। अपना दल एस की भी लोकप्रियता पूरे देश में बढ़ेगी।


Sachchi Baten

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