November 11, 2024 |

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मिर्जापुर में किसानों के धैर्य की परीक्षा ले रही है सरकार ?

Sachchi Baten

अहरौरा में वनस्थली महाविद्यालय के पास चल रहा है किसानों का बेमियादी धरना

-टोल प्लाजा को बता रहे अवैध, पूर्व में हुए समझौतों पर अमल नहीं

-भारतीय किसान यूनियन की जिला इकाई ने बना लिया है प्रतिष्ठा का प्रश्न

अहरौरा, मिर्जापुर (सच्ची बातें)। धीर-गंभीर बैठे हनुमान को उनके बल की याद दिलाई गई तो लंका दहन हुआ। शांत सागर में हलचल होती है तो ज्वार-भांटा आता है। शांति से खेती-किसानी करके आजीविका चलाने वाले किसानों के सब्र का बांध टूटा तो वह प्रलयंकर होगा ही। सरकार शायद इस स्थिति से वाकिफ नहीं है। यदि है तो भी जानबूज कर अनजान बन रही है।

ऐसा नहीं होता तो वाराणसी-शक्तिनगर मार्ग पर अहरौरा में वनस्थली महाविद्यालय के पास बने कथित रूप से अवैध टोल प्लाजा को लेकर कोई निर्णय हो गया होता। भारतीय किसान यूनियन की जिला इकाई काफी दिनों से इसके लिए प्रयासरत है। अक्टूबर में धरना शुरू किया गया तो प्रशासन द्वारा 20 दिन की मोहलत मांगकर धरना स्थगित करा दिया गया। टोल प्लाजा को हटाने की मांग को लेकर इस वर्ष 26 अक्टूबर को बेमियादी धरना शुरू किया गया। पांच नवंबर को अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व के आश्वासन पर धरना 20 दिनों 25 नवंबर तक के लिए धरना स्थगित कर दिया गया। इस दौरान कई बार आश्वासन की याद दिलाई गई, लेकिन स्थिति जस की तस। यहां तक तत्कालीन जिलाधिकारी दिव्या मित्तल द्वारा कराए गए द्विपक्षीय समझौते पर भी अमल नहीं हुआ। यूपी 63 नंबर वाले छोटे वाहनों के लिए टोल फ्री करने का समझौता कराया था।

20 दिन की अवधि समाप्त हो जाने के बाद 26 नबंवर से भारतीय किसान यूनियन से जुड़े लोग फिर से धरने पर बैठ गए। इस दौरान बरसात भी हुई, लेकिन किसान टस से मस नहीं हुए। बारी-बारी से प्रतिदिन धरना पर अलग-अलग किसान बैठ रहे हैं। कुल मिलाकर 25 दिन से ज्यादा धरना के हो गए, लेकिन सरकार और प्रशासन पर कोई असर ही नहीं दिख रहा है। सरकार की इस बेरुखी पर किसान नेता कहने लगे हैं कि शायद उनके धैर्य की परीक्षा ली रही है। तभी तो सांसद और विधायक कोई पहल नहीं कर रहा है।

भाकियू के प्रदेश महासचिव प्रह्लाद सिंह ने कहा कि किसान अपनी मांग से पीछे हटने वाले नहीं हैं। जब टोल प्लाजा हटेगा नहीं, धरना जारी रहेगा। इस बार लड़ाई आर-पार की है। प्रदेश उपाध्यक्ष सिद्धनाथ सिंह ने कहा कि अब लीकेज की समस्या रही नहीं, फिर यह टोल प्लाजा क्यों। लीकेज रोकने के लिए इसका निर्माण किया गया था। उस समय वाराणसी-मिर्जापुर मार्ग पर टोल प्लाजा नहीं था, लिहाजा तमाम वाहन जमुई होते हुए निकल जाते थे। अब स्थिति बदल गई है। लिहाजा यह टोल प्लाजा हटना ही चाहिए। इसके लिए किसान हर तरह से तैयार हैं। जरूरत पड़ने पर जेल भी जाएंगे।

धरना पर अनिल सिंह मंडल अध्यक्ष, जिला अध्यक्ष कंचन सिंह फौजी, मुकुटधारी सिंह, परशुराम मौर्य, स्वामी दयाल सिंह, धर्मेंद्र सिंह, मोहम्मद अलाउद्दीन, हरगेन, संतोष कुमार मौर्य, उमाशंकर, अमरनाथ यादव, सुचिंद्र सिंह, अब्दुल रहमान, रामराज, गौतम सिंह यादव, चुल्ल्हन बिंद, सच्चे लाल बिंद, श्यामकेर, बृजमोहन बिंद, घूरे प्रसाद, रामचंदर व अन्य लोग क्रमिक रूप से बैठ रहे हैं।

 

 


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