राबर्ट्सगंज के पूर्व सांसद छोटेलाल खरवार टिकट के लिए साइकिल पर सवार
Lok Sabha Election 2024 Robertsganj:
भाजपा के कद्दावर नेता पूर्व सांसद छोटेलाल खरवार हुए सपाई, मिल सकता है राबर्ट्सगंज से टिकट
-2014 के चुनाव में भाजपा के टिकट पर चुने गए थे सांसद
-2019 में सीट अपना दल एस के कोटा में जाने से टिकट से रह गए थे वंचित
राबर्ट्सगंज, सोनभद्र (सच्ची बातें)। भारतीय जनता पार्टी के पूर्व सांसद ने लंबे जद्दोजहद के बाद आखिरकार समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया। पूर्व सांसद के सपा में जाने से लोकसभा राबर्ट्सगंज का चुनाव दिलचस्प मोड़ पर पहुंच गया है। एनडीए गडबंधन के तहत राबर्ट्सगंज सीट अपना दल एस के खाते में है। अब सबकी निगाहें समाजवादी पार्टी के नेतृत्व पर लगी हुई हैं।
यदि छोटेलाल खरवाार इंडिया गठबंधन का प्रत्याशी बने तो दुद्धी विस के उपचुनाव पर भी खासा असर पड़ सकता है। अपना दल एस ने यहां पर वर्तमान सांसद पकाैड़ी लाल कोल की पुत्रवधू व छानबे विधायक रिंकी कोल को प्रत्याशी बनाया है।
इन सब जद्दोजहद के बीच सपा में छोटेलाल के जाने से जनपद के अनुसूचित जनजाति वोटरों में बिखराव होना तय माना जा रहा है। पकौड़ी लाल कोल को लेकर पहले से ही सवर्ण मतदाता नाराज हैं। इसके पीछे मूल कारण पूर्व में सार्वजनिक मंच से सवर्ण समाज को लेकर की गई अभद्र टिप्पणी है।
दुद्धी विधानसभा में खरवार वोटर निर्णायक भूमिका
अब सबकी निगाह समाजवादी पार्टी के नेतृत्व पर लगी हुई है। अगर समाजवादी पार्टी पूर्व सांसद पर दांव खेलती है तो निश्चित रूप से इसका प्रभाव दुद्धी विधानसभा में होने वाले उपचुनाव में भी देखने को मिलेगा। कारण दुद्धी विधानसभा में खरवार वोटर निर्णायक भूमिका में हैं।
पूर्व सांसद छोटेलाल खरवार ने सपा का दामन थामने की पुष्टि करते हुए कहा कि लंबे समय से उपेक्षा के कारण उन्होंने यह कदम उठाया है। कहा कि अगर पार्टी ने मुझ पर भरोसा जताया तो उन्हें सार्थक परिणाम देने के लिए पूरा दमखम लगाने का काम करूंगा।
जानिए कौन हैं छोटेलाल खरवार…
चंदौली जिले के नौगढ़ इलाके के मंगराही गांव निवासी छोटेलाल खरवार वर्ष 2005 से वर्ष 2014 तक अपने गांव के प्रधान रहे। लोक गायक के रूप में पहचान रखने वाले छोटे लाल ने 2014 में अचानक से राबर्ट्सगंज संसदीय सीट से भाजपा का टिकट हासिल कर सियासत में बड़ी इंट्री दर्ज कराई। उस समय यह माना गया था कि मौजूदा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के सपोर्ट ने उन्हें सियासत के सबसे बड़े चुनावी मैदान में उतरने का मौका दिया है। मोदी लहर पर सवार भाजपा को राबर्ट्सगंज में भी बड़ी जीत हासिल हुई और छोटेलाल सांसद के रूप में संसद तक पहुंच गए।
2020 में उन्होंने नौगढ़ ब्लाक प्रमुख के चुनाव में अपने भाई की हार के लिए भाजपा के लोगों पर ही षडयंत्र रचने का आरोप लगाकर खलबली मचा दी थी। प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र पांडेय को भी आड़े हाथों लिया। हालांकि बाद में उनकी नाराजगी दूर हो गई लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में राबर्ट्सगंज संसदीय सीट का टिकट गठबंधन कोटा में अपना दल के पास चले जाने के कारण सांसद के रूप में उनकी राजनीतिक पारी रुक गई। 2021 के जिला पंचायत के चुनाव में एक बार फिर से छोटेलाल पत्नी मुनिया देवी के जरिए राजनीतिक मैदान में मजबूती सें इंट्री की। बरहमोरी सीट से पत्नी मुनिया देवी को जिताने में कामयाबी भी पा ली।
उसके बाद सोनभद्र को आदिवासी बाहुल्य जनपद का हवाला देते हुए अपनी पत्नी के लिए जिला पंचायत अध्यक्ष पद की उम्मीदवारी के लिए दावेदारी जताई लेकिन यह सीट भी गठबंधन कोटे में अपना दल एस के पास चले जाने के कारण उनकी कोशिश यहां भी आगे नहीं बढ़ पाई।