आरटीआइ न्याय यात्रा का प्रथम चरण लखनऊ से शुरू
कानून के अनुपालन में व्याप्त विसंगतियों को दूर करने के लिए आयोजित इस यात्रा में शामिल हुए देश भर के आइटीआइ एक्टिविस्ट
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आरटीआइ न्याय यात्रा का प्रथम चरण लखनऊ से शुरू
लखनऊ (सच्ची बातें)। सूचना अधिकार अधिनियम 2005 आरटीआइ में मौजूदा खामियों को दूर कराने के लिए देश भर के आरटीआइ कार्यकर्ताओं ने 27 मार्च से आरटीआइ न्याय यात्रा की शुरुआत की। लखनऊ स्थित सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के कार्यालय से शुरू यह यात्रा घूम-घूम कर आरटीआइ के लिए जनजागरण करेगी।
बता दें कि जब आरटीआइ सूचना का अधिकार अधिनियम को अमलीजामा पहनाया गया और लागू किया गया तो आम जनमानस में यह सूचना गई कि अब एक आम आदमी भी जन सूचना अधिकार अधिनियम के तहत प्रार्थना पत्र देकर कार्यालयों से सूचना प्राप्त कर सकता है। यह परिकल्पना कुछ वर्षों तक तो सत्य और साकार हुई, लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता गया, वैसे-वैसे भ्रष्ट, भ्रष्टाचार और गिरते नैतिक पतन की जड़ें भी पुख्ता होती गई। फलस्वरूप आज अधिकांश कार्यालयों से आरटीआइ 2005 के तहत सूचना मांगने पर पदस्थ अधिकारी द्वारा खाना पूर्ति कर वांछित सूचना प्रदान नहीं कर जन सूचना अधिकार अधिनियम का खुलेआम मखौल उड़ाया जा रहा है, जो भारतीय संविधान और कानून के लिए काले अध्याय की शुरुआत है।
इन्हीं सभी समस्याओं और विसंगतियों, जन सूचना अधिकार अधिनियम 2005 के लिए नियुक्त पदाधिकारियों के ग़लत रवैए के विरुद्ध उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में जन सूचना अधिकार अधिनियम (आरटीआइ) 2005 बचाओ राष्ट्रीय अभियान के तहत उत्तर प्रदेश राज्य जन सूचना विभाग लखनऊ के मुख्य द्वार से अभियान का जोरदार आगाज़ हुआ।
इस मिशन का नेतृत्व एवं निर्देशन कर रहे अभिषेक ने बताया कि उनके मार्गदर्शन में चल रहे आरटीआइ बचाओ अभियान के तहत सम्पूर्ण भारत में आरटीआइ न्याय यात्रा निकाली जा रही है। इसमें आरटीआइ अधिनियम 2005 की मूल अवधारणा को मूल रूप से लागू करवाने हेतु भारत से सभी राज्यों से आए सैकड़ों आरटीआइ कार्यकर्ता सभी राज्यों के सूचना आयोग में ज्ञापन देने के बाद 27 मार्च को उत्तर प्रदेश राज्य सूचना आयोग में ज्ञापन दिया।
ज्ञापन को कोई भी सूचना आयुक्त लेने के लिए तैयार नहीं हुआ। अंत में रजिस्ट्रार और सचिव को प्रति उपलब्ध कराई गई। इसके बाद राज्यपाल व उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव को एक-एक प्रति दी गई। आरटीआइ कार्यकर्ताओं ने जानकारी दी की आगामी 19 अप्रैल को न्याय यात्रा के दूसरे चरण में दोबारा सभी कार्यकर्ता एकत्र होंगे। सरकार से मांग है कि आरटीआइ को सही से लागू करवाया जाए। सूचना आयोग में व्याप्त भ्रष्टाचार को तत्काल प्रभाव से समाप्त करने का भी आवाहन किया गया।
इस दौरान कई समाचार एजेंसियों के पत्रकार उपस्थित रहे, जिन्होंने इस मामले में सूचना आयुक्त से जानकारी लेनी चाही तो कोई भी आयुक्त जवाब देने के लिए तैयार नहीं थे। उत्तर प्रदेश के कई जिलों से आरटीआइ कार्यकर्ता न्याय यात्रा में शामिल हुए। बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात, बंगाल व उत्तर प्रदेश आदि से पुरुष और महिला आरटीआइ कार्यकर्ता इस ऐतिहासिक न्याय यात्रा में हिस्सा लिए। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश से अतुल कुमार गुप्ता, तनवीर अहमद, त्रिवेणी शंकर, अनूप सोनी, आदि सैकड़ों कार्यकर्ता उपस्थित थे।