सहायक महाप्रबंधक ने दो कर्मियों के खिलाफ दर्ज कराई प्राथमिकी
-39 लाख रुपये की कमी को पकड़ा था आरबीआई ने, बैंक का आंतरिक जांच में 5 लाख और कम मिले
प्रयागराज (सच्ची बातें)। सिविल लाइंस स्थित केनरा बैंक के क्षेत्रीय कार्यालय अंतर्गत स्थित शाखा के करेंसी चेस्ट से 44 लाख रुपये गायब होने का मामला सामने आया है। इनमें से 39 लाख रुपये की कमी आरबीआई कानपुर ने पकड़ी। जबकि, बैंक की आंतरिक जांच में और पांच लाख रुपये की हेराफेरी की बात सामने आई। सीसीटीवी फुटेज से मिले साक्ष्यों के आधार पर बैंक प्रबंधन ने दो कर्मचारियों पर गबन, धोखाधड़ी समेत अन्य आरोपों में मुकदमा दर्ज करा दिया है।
इस मामले में तहरीर केनरा बैंक के क्षेत्रीय कार्यालय प्रयागराज में तैनात सहायक महाप्रबंधक शिवराम मिश्रा ने दी है। इसमें उन्होंने बताया कि केनरा बैंक एक सार्वजनिक क्षेत्र का बैंक है। इसके क्षेत्रीय कार्यालय के अंतर्गत बैंक की करेंसी चेस्ट शाखा सिविल लाइंस में है। उन्होंने बताया कि सात फरवरी को यह सूचना मिली कि करेंसी चेस्ट प्रयागराज से भारतीय रिज़र्व बैंक, कानपुर को प्रेषित नकदी में लगभग 39 लाख रुपये की कमी पाई गई है।
बैंक के पास सीसीटीवी फुटेज के रिकाॅर्ड उपलब्ध हैं, जिसमें गिनती/छंटाई कक्ष के अंदर और बाहर जाने वाले व्यक्तियों को देखा जा सकता है। बैंक ने अपनी आंतरिक जांच शुरू कर दी है, जो जल्द ही पूरी हो जाएगी। प्रारंभिक जांच के निष्कर्षों के दौरान पता चला कि नकदी की छंटाई विवेक कुमार सिंह निवासी करेली और दैनिक कर्मचारी रघुवीर यादव निवासी नसरतपुर, सोरांव की उपस्थिति में की गई थी।
भारतीय रिजर्व बैंक, कानपुर की ओर से 39 लाख रुपये की कमी पाए जाने की सूचना के बाद शेष नकदी की गिनती के दौरान लगभग पांच लाख रुपये और कम पाए गए। आरोप है कि सीसीटीवी फुटेज से पता चला कि दोनों ने बंडल में से नकदी निकाली है। इस तरह से अब तक कुल 44 लाख रुपये की कमी की बात सामने आई है और जांच के आगे बढ़ने पर यह आंकड़ा और बढ़ भी सकता है। एसीपी सिविल लाइंस श्वेताभ पांडेय ने बताया कि तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज किया गया है। विवेचना में जो तथ्य सामने आएंगे, उसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।