मिर्जापुर में नल जल योजना की कार्यदायी संस्था MEIL की मनमानी से किसान परेशान
क्षेत्र में पेयजल संकट को बढ़ा रही मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लि.
जरगो नहर में नदी के निगार के पास दीवार बना दिए जाने से नहीं पहुंचा कहीं भी पानी
अदलहाट, मिर्जापुर (सच्ची बातें)। धीर गंभीर बैठे हनुमान को जब उनके बल का अहसास कराया जाता है तो लंका दहन जैसी प्रक्रिया होती है। शांत सागर में हलचल होती है तो ज्वार-भांटा आता है। इसी तरह से जब शांति से अपनी खेती करने वाले किसानों को छेड़ा जाता है तो बोट क्लब का मैदान पट जाता है।
मिर्जापुर जनपद के चुनार तहसील में जरगो बांध से जुड़े गांवों के किसानों के साथ जानबूझकर अन्याय किया जा रहा है, ताकि वे सड़क पर उतर कर आंदोलन के लिए मजबूर हों और पुलिस किसान नेताओं को पीट कर अंदर कर दे। इसके बाद कार्यदायी संस्था येन केन प्रकारेण अपना काम पूरा दिखा यहां से चलती बने।
नल जल योजना के लिए कार्यदायी संस्था मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्राक्चर लि. की मनमानी से जिले के अधिकारी भी परेशान हैं, या पानी की समस्या उत्पन्न करने के लिए बराबर के भागीदार हैं, पक्का तौर पर इन दोनों में से कुछ भी नहीं कहा जा सकता। लेकिन कंपनी के आगे जिस तरह से सिंचाई विभाग के अभियंता दंडवत की मुद्रा में हैं, इसके मूल में कुछ न कुछ तो है।
ऐसा नहीं होता तो नहर के बीच में एक ईंट भी रखने के लिए चीफ अभियंता तक की स्वीकृति की जरूरत होती है। यहां तो पूरी की पूरी दीवार ही बना दी गई। विभाग के अभियंता कार्रवाई करने को कौन कहे, उसे सही ठहराने के लिए दीवार बनने के बाद उसकी डिजाइन बनाकर मंजूरी देने की तैयारी में हैं।
सवाल तो उठता है कि नियम के विरुद्ध काम करने के लिए कहां से आदेश मिल रहा है। किसान कल्याण समिति जरगो कमांड के कार्यवाहक अध्यक्ष बजरंगी सिंह कुशवाहा ने कहा कि जरगो नहर को खुले लगभग चार दिन हो चुके हैं, परन्तु अभी तक पूरे कमांड में पानी नहीं पहुंच पाया है ।
इसका एक प्रमुख कारण जरगो के मेन सुलिश के उत्तर नदी में निगार के पास जलनल के अधिकारियों द्वारा मनमाने तरीके से नियम के खिलाफ बनाई गई पक्की दीवार ही है।
कुशवाहा ने बताया कि, जबसे जलनल योजना का काम इलाके में शुरू हुआ है, तबसे समिति के पदाधिकारी व क्षेत्र के किसानों द्वारा बराबर जलनल और सिंचाई विभाग के अधकारियों से लिखित व धरना प्रदर्शन के जरिये यह अनुरोध किया जा रहा है कि, जरगो बांध में बाणसागर का पानी लाने के बाद ही जरगो से पानी लेने का काम करें । परन्तु इसका उनके ऊपर आजतक कोई असर नहीं पड़ा ।
जलनल के लोगों द्वारा जबरन नदी में पानी खोल भी दिया जा रहा है । परिणाम स्वरूप पानी टेल की तरफ बढ़ ही नहीं रहा है। किसान परेशान हैं।
कुशवाहा ने बताया कि उनकी जलनल योजना की कार्यदाई संस्था मेघा कंपनी के अधिकारी अनिरुद्ध सोलंकी से मोबाइल पर लंबी वार्ता हुई। उनसे कहा कि जबतक जरगो कमांड की समस्त नहरों, माईनरों, कुलावों में हेड से लेकर टेल तक पानी पहुंचकर तालाब, पोखरी वगैरह भरने काम पूरा नहीं हो जाता, तब तक नदी में पानी न खोलवाएं।
कमांड एरिया में पेयजल की समस्या भी गहराती जा रही है। नहर खुले चार दिन बीतने के बाद भी पानी टेलतक न पहुंचने से किसान आक्रोशित हैं । कुशवाहा ने कहा कि जलनल के लोगों एवं सिंचाई खण्ड चुनार व जल निगम के अधिशासी अभियन्ता व अवर अभियन्तागण पूरे कमाण्ड का दौरा कर पहले सच्चाई जान लें, तत्पश्चात जरगो से पानी जलनल के लिए लेने से पहले बाणसागर से पानी लाकर जरगो को भरने का काम करें । किसानों की खेती को प्रभावित कर उन्हें आक्रोशित करने का उपक्रम न करें ।
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