October 12, 2024 |

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निर्माण खंड-2 लोनिवि मिर्जापुर में लूट का सबूत मिल गया, पढ़िए पूरी खबर

Sachchi Baten

एक ही मार्ग की विशेष मरम्मत का प्राक्कलन दो बार, दोनों पर राशि भी स्वीकृत

-हिनौती माफी संपर्क मार्ग की विशेष मरम्मत के लिए एक ही तारीख में एक ही पत्र में दो बार राशि स्वीकृति

-एक प्राक्कलन पर करीब 56 लाख तथा दूसरे पर करीब 50 लाख की स्वीकृति

राजेश पटेल, मिर्जापुर (सच्ची बातें)। निर्माण खंड-2 लोक निर्माण विभाग मिर्जापुर में लूट का पक्का सबूत मिल गया है। हिनौती माफी संपर्क मार्ग की विशेष मरम्मत का प्राक्कलन दो बार बनाया गया। दोनों को ही स्वीकृति के लिए शासन को भेजा गया और दोनों को अलग-अलग स्वीकृति मिल भी गई। करीब 10-10 लाख रुपये अवमुक्त भी हो चुके हैं। जबकि मार्ग एक है।

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समाजसेवी प्रवीन कुमार सिंह की शिकायत पर इस प्रकरण की जांच भी चल रही है। लेकिन, जांच के नाम पर सिर्फ कागजी घोड़े दौड़ाए जा रहे हैं। अधीक्षण अभियंता ने निर्माण खंड-2 के अधिशासी अभियंता से ही आख्या मांगी है। इसी से ‘कुएं में ही भांग पड़ी है’, यहां यह कहावत सटीक बैठ रही है।

 

हिनौती संपर्क मार्ग की स्थिति, इसकी विशेष मरम्मत के लिए दो प्राक्कलन पर अवमुक्त राशि करीब 20 लाख डकार गए अभियंता। सड़क जस की तस।

 

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आइए समझते हैं इस गंभीर प्रकरण को

वाराणसी-शक्तिनगर मार्ग पर एक स्थान है कौड़िया। यहीं से हिनौती माफी गांव के लिए संपर्क रोड है। इसी गांव के निवासी आइपीएस विपिन सिंह हैं। उनको महाराष्ट्र कैडर मिला है। वह प्रदेश में पुलिस विभाग के सर्वोच्च पद को संभाल चुके हैं। पर्वतारोही काजल पटेल इसी गांव की निवासी हैं तथा इसी गांव में भारतीय जनता पार्टी के काशी क्षेत्र अध्यक्ष दिलीप सिंह की ससुराल भी है।

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वाराणसी-शक्तिनगर मार्ग से इस गांव के लिए संपर्क मार्ग की लंबाई (दोनों प्राक्कलन के अनुसार) 2.30 किलोमीटर है। जो स्थिति है, उसके अनुसार इसकी विशेष मरम्मत तथा नवीनीकरण की जरूरत है। विशेष मरम्मत के लिए निर्माण खंड-2 लोनिवि मिर्जापुर से 55.68 लाख रुपये का प्राक्कलन स्वीकृति के लिए शासन को भेजा गया। एक और प्राक्कलन इसी मार्ग के लिए 49.53 लाख रुपये का भेजा गया। दोनों प्राक्कलन को मंजूरी एक ही पत्र पर एक ही दिन शासन ने दी।

उत्तर प्रदेश शासन के उप सचिव राजेश प्रताप सिंह ने लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता विकास तथा विभागाध्यक्ष को स्वीकृति की जो जानकारी दी है, उसका पत्रांक 997/2023/आई/419192/23-1-2023/23-1002(002)/212/2023 है। यह प्रदेश भर के कुल 1312 मार्गों के लिए वित्तीय व प्रशासकीय स्वीकृति का यह पत्र पहली नवंबर 2023 को भेजा गया। इसी के क्रम संख्या 1018 और 1019 पर हिनौती माफी संपर्क मार्ग की विशेष मरम्मत के लिए स्वीकृति है।

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स्पष्ट है कि एक ही मार्ग के लिए दो बार प्राक्कलन बनाकर जिले से भेजा गया होगा, तभी उसे स्वीकृति मिली। सवाल उठ रहे हैं कि ऐसा किस मंशा से किया गया।

यहां तक तो ठीक है, इसका दूसरा पहलू भी जानना जरूरी है

इसकी शिकायत जब मुख्यमंत्री से की गई तो उनके कार्यालय के संयुक्त सचिव अजय कुमार ओझा ने 21 फरवरी को अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव व सचिव लोक निर्माण विभाग से सात मार्च तक नियमानुसार कार्रवाई किए जाने की अपेक्षा की है।

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सीढ़ी दर सीढ़ी फाइल नीचे आते-आते जब लोक निर्माण विभाग मिर्जापुर वृत्त के अधीक्षण अभियंता के पास आई तो अधिशासी अभियंता निर्माण खंड-2 लोनिवि मिर्जापुर से ही कार्रवाई करते हुए आख्या की मांग की है।

आम लोगों का कहना है कि जिसके ऊपर आरोप, वही जांच करे और कार्रवाई भी। यह कैसे संभव है। शासन के पास स्वीकृति के लिए जो प्राक्कलन जाता है, उसपर अधिशासी अभियंता का हस्ताक्षर होता ही है। यानि सब कुछ उनकी जानकारी में है।

एक ही मार्ग के लिए, एक ही काम के लिए और एक ही वित्तीय वर्ष में दो बार प्रशासकीय और वित्तीय स्वीकृति करा लिया। यह निर्माण खंड दो लोनिवि मिर्जापुर में ही संभव है।  क्योंकि इसके अधिशासी अभियंता हाईकोर्ट के आदेश से हैं। सरकार ने उनको अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी थी। स्थाई रूप से भी 29 फरवरी 2024 को रिटायर हो भी गए।

प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कहते हैं कि भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की उनकी नीति कायम है। लेकिन उनकी ही सरकार के एक मंत्री जब दूसरे विभाग के मंत्री को किसी गड़बड़ी की शिकायत करते हुए विजिलेंस जांच कराने का निवेदन किया जाता है तो उस पत्र को रद्दी की टोकरी में डाल दिया जाता है।

बता दें कि प्राविधिक शिक्षा, बाट-माप तथा उपभोक्ता संरक्षण मंत्री आशीष पटेल ने मिर्जापुर जिले में रानीबाग-जैपट्टी-जमालपुर-जलालपुर मार्ग के निर्माण में की गई गड़बड़ी की जांच विजिलेंस से कराने के लिए पीडब्ल्यूडी के अपने समकक्ष को पत्र लिखा था।

 


Sachchi Baten

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