आधा-आधा घंटे की रोस्टिंग कहीं सुनी है आपने ? जमालपुर में हो रही है
भारी लोड को संभाल नहीं पा रहा है 33/11 विद्युत उपकेंद्र जमालपुर
सांसद अनुप्रिया पटेल व विधायक अनुराग सिंह की जानकारी में है यह समस्या
पांच के स्थान पर 10 एमवीए का ट्रांसफार्मर लगाने पर ही आपूर्ति होगी सामान्य
उपकेंद्र के जेई ने भेजा त्राहिमाम संदेशः 24 घंटे विद्युत आपूर्ति ही संकट से फौरी निदान का विकल्प
राजेश पटेल, जमालपुर (सच्ची बातें)। वर्ष 1974 में रिलीज फिल्म आपकी कसम का वह गाना तो आपको याद ही होगा, करवटें बदलते रहे सारी रात हम, आपकी कसम…। मिर्जापुर जनपद के जमालपुर की जनता इसे गा नहीं रही है। भुगत रही है। इस समय ऐसा ही हो रहा है। बिजली आपूर्ति की इतनी बदतर स्थिति कभी न थी। आधा-आधा घंटा लाइन। मजाक बना दिया है। सूखे में न धान की नर्सरी की सिंचाई हो पा रही है, न लोग चैन से सो पा रहे हैं।
ऐसा नहीं है कि जमालपुर में भीषण विद्युत संकट से यहां के जनप्रतिनिधि अनभिज्ञ हैं। उनको किसी ने बताया नहीं। चरगोड़ा गांव के वरिष्ठ नागरिक महेंद्र नाथ सिंह ने इलाके की सांसद केंद्र सरकार में राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल को नई दिल्ली स्थित उनके आवास के बेसिक फोन पर बात करके अवगत कराया। समस्या के समाधान के लिए प्रयास करने का अनुरोध किया। महेंद्रनाथ सिंह ने बताया कि उन्होंने इस समस्या को गंभीरता से सुना और शीघ्र समाधान कराने को लेकर आश्वस्त भी किया।
चुनार के विधायक अनुराग सिंह को भी अवगत कराया जा चुका है। निश्चित रूप से दोनों जनप्रतिनिधि जनता की समस्याओं को लेकर गंभीर रहते हैं।
जमालपुर ब्लॉक के ओड़ी गांव के मूल निवासी प्रदेश के सिंचाई मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह को भी पत्र लिखकर बिजली समस्या में सुधार करवाने का अनुरोध किया गया है। स्वतंत्रदेव सिंह भी प्रयास में जुटे ही होंगे। लेकिन अभी तक स्थिति और बदतर ही होती जा रही है। धरातल पर इनके प्रयास दिख नहीं रहे हैं।
अधिशासी अभियंता ने 5 के स्थान पर 10 एमवीए के ट्रांसफार्मर (पॉवर परिवर्तक) के लिए एसई को पत्र लिखा 17 जून को ही
विद्युत वितरण खंड चुनार के अधिशासी अभियंता सुपुष्प कुमार ने बीते 17 जून को अधीक्षण अभियंता को पत्र लिखकर जमालपुर, भुइली-हाजीपुर, गोल्हनपुर, अहरौरा तथा मेड़िया उपकेंद्र में ट्रांसफार्मर की क्षमता बढ़ाए जाने का अनुरोध किया था। नीचे की फोटो में देखिए कि किस उपकेंद्र पर ट्रांसफार्मर में क्या बदलाव की मांग की गई है।
ट्रांसफार्मर की क्षमता बढ़ाने की मांग मान भी ली गई है, लेकिन इसमें देर क्यों हो रही है। इसका जवाब किसी के पास नहीं है। अधिशासी अभियंता सुपुष्प कुमार ने सच्ची बातें से कहा कि प्रयास में हैं कि यथाशीघ्र हो जाए।
जमालपुर उपकेंद्र को यदि 24 घंटे बिजली मिले तो स्थिति में कुछ सुधार संभव है
चुनार से यदि जमालपुर को 24 घंटे बिजली मिले तो स्थिति में फिलहाल कुछ सुधार होगा। इतनी हाय-तौबा नहीं मचेगी। उपभोक्ताओं के सुझाव को अधिशासी अभियंता ने गंभीरता से लिया। उन्होंने पिछले सप्ताह इस आशय का पत्र अपने अधीक्षण अभियंता को लिखा। मंगलवार 25 जुलाई को उपकेंद्र के अवर अभियंता अरुण कुमार मौर्य ने फिर अधिशासी अभियंता को भी लिखा है।
मौर्य ने लिखा है कि 5×2 एमवीए पॉवर परिवर्तक यानि ट्रांसफार्मर ओवरलोड चल रहा है। उपकेंद्र से निकलने वाले 11 केवी फीडर को बारी-बारी से चलाना पड़ रहा है। सिंचाई का मुख्य साधन पंपिंग सेट ही होने से सप्लाई न होने से किसानों में रोष है। इसके चलते कभी भी अप्रिय घटना घट सकती है। 11 केवी रोस्टिंग में चलाने पर सभी उपभोक्ताओं में रोष है। उन्होंने अनुरोध किया है कि जमालपुर उपकेंद्र पर एक माह के लिए 24 घंटे विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित कराई जाए।
अधीक्षण अभियंता तो कोई फिक्र नहीं, शायद उनसे कोई पूछ भी नहीं रहा
24 घंटे बिजली आपूर्ति की अधिशासी अभियंता की मांग पर यदि अधीक्षण अभियंता गंभीर होते तो शायद अवर अभियंता को फिर पत्र न लिखना पड़ता। दरअसल विभाग तो चैनल से ही पत्र भेजेगा। अधीक्षण अभियंता से पूछा जाना चाहिए कि विद्युत वितरण खंड चुनार के अधिशासी अभियंता द्वारा जमालपुर उपकेंद्र को 24 घंटे बिजली आपूर्ति करने वाली मांग वाला पत्र किस स्थिति में है। उसे आगे बढ़ाया गया या उनके ही ऑफिस की किसी फाइल में दबी है।
पार्टियों के स्थानीय नेता भी हिंदू-मुस्लिम की चर्चा मेंं ही व्यस्त
दरअसल अधिकारी बेलगाम तभी होते हैं, जब उनकी लगाम कोई नेता कसता नहींं। नेता को भी कार्यकर्ताओं के ही माध्यम से पता चलता है कि अमुक समस्या पर जनता का क्या रुख है। यहां भाजपा, सपा, अपना दल एस या कांग्रेस, किसी दल का कोई स्थानीय नेता सोशल मीडिया पर बिजली की समस्या की चर्चा नहीं कर रहा है।
पक्ष-विपक्ष तो दिखता है, लेकिन इसमें भी सिर्फ INDIA V/S NDA ही चर्चा के केंद्र में रहता है। क्षेत्र की समस्याओं पर चर्चा करने वाले नहीं के बराबर हैं। नेता तक बात पहुंचाने में लोग संकोच करते हैं या डरते हैं, यह तो वही जानें, लेकिन कड़वा सच है कि जमालपुर विकास के मामले में जनप्रतिनिधियों द्वारा उपेक्षित रहा है। आज भी है। इसमें विकास पुरुष कहे जाने वाले ओमप्रकाश सिंह अपवाद हैं। उन्होंने जमालपुर के लिए जो किया, उस परंपरा को उनके पुत्र अनुराग सिंह भी आगे नहीं बढ़ा पा रहे हैं।
आधे-आधे घंटे की रोस्टिंग से परेशान है जनता
इस समय आधे-आधे घंटे की रोस्टिंग की जा रही है। इससे न तो घरों में इन्वर्टर की बैटरी चार्ज हो पा रही है। न सिंचाई के लिए पंप लगातार चल पा रहा है। आधे घंटे में जितनी सिंचाई हुई, फिर आधा घंटा कटौती से पानी उसी स्थान पर सूख जा रहा है। इससे धान की रोपाई तो बाधित है ही, धान की नर्सरी की भी सिंचाई में मुश्किल हो रही है।