एकमुश्त समाधान योजना (OTS)
प्रदेश सरकार ने बिजली उपभोक्ताओं को सरचार्ज में छूट देने के लिए लागू की एकमुश्त समाधान योजना (OTS)
– योजनान्तर्गत उपभोक्ताओं को 08 नवम्बर से 31 दिसम्बर तक उपभोक्ताओं को मिलेगा लाभ
– छोटे उपभोक्ताओं को सरचार्ज में 100 प्रतिषत छूट का लाभ मिलेगा
– 30 नवम्बर तक पंजीकृत उपभोक्ताओं को मिलेगा सर्वाधिक लाभ
– विगत में जारी आरसी वाले उपभोक्ताओं को भी मिलेगा छूट का लाभ
लखनऊ, 04 नवम्बर 2023 (सच्ची बातें)। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा विद्युत उपभोक्ताओं को सुविधा देने के लिए एकमुष्त समाधान योजना लागू की जा रही है। यह योजना 08 नवम्बर से 31 दिसम्बर 2023 तक कुल 54 दिनों तक तीन खण्डों में लागू की जायेगी। इस योजना का पहला चरण 08 से 30 नवम्बर, दूसरा चरण 01 दिसम्बर से 15 दिसम्बर तथा तीसरा चरण 16 दिसम्बर से 31 दिसम्बर तक चलेगी।
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प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने बताया कि इस योजना के अन्तर्गत घरेलू उपभोक्ताओं तथा किसानों का विशेष ध्यान रखा गया है। इसके तहत समस्त विद्युत भार के एलएमवी-1 (घरेलू), एलएमवी-2 (वाणिज्यिक), एलएमवी-4बी (निजी संस्थान), एलएमवी-5 (निजी नलकूप) एवं एलएमवी-6 (औद्योगिक) उपभोक्ताओं को सरचार्ज राशि पर अधिकतम 100 प्रतिशत की छूट प्रदान की गयी है।
साथ ही उपभोक्ताओं को उनके बकाये पर किश्तों में भुगतान की सुविधा का विकल्प भी दिया गया है। योजना के अन्तर्गत विद्युत चोरी के प्रकरणों में सम्मिलित व्यक्तियों को एकमुश्त भुगतान या किश्तों के माध्यम से अपने जुर्माने की राशि के निस्तारण पर छूट का अवसर प्रदान किया गया है। योजनान्तर्गत एक किलोवाट तक भार वाले उपभोक्ता द्वारा प्रथम एवं द्वितीय चरण में पूर्ण भुगतान पर सरचार्ज राशि में 100 प्रतिशत की छूट तथा तीसरे चरण में 80 प्रतिशत की छूट मिलेगी।
इसी प्रकार प्रथम एवं द्वितीय चरण में 12 किश्तों में भुगतान पर 90 प्रतिशत तथा तृतीय चरण में 70 प्रतिशत की छूट मिलेगी। 01 किवा से अधिक भार वाले उपभोक्ताओं को प्रथम अवधि में पूर्ण भुगतान पर 90 प्रतिशत, द्वितीय अवधि में 80 प्रतिशत तथा तृतीय अवधि में 70 प्रतिशत की छूट मिलेगी।
उपभोक्ताओं को अपने बिलों को किश्तों में भुगतान का भी विकल्प दिया गया है। किश्तों को नियत अवधि में जमा न करने पर 12 किश्तों के मामले में अधिकतम कुल 03 डिफाल्ट की अनुमति होगी। किसी भी उपभोक्ता को लगातार 02 डिफाल्ट की अनुमति नही होगी। इसी प्रकार 06 किश्तों के प्रकरण में केवल एक डिफाल्ट की अनुमति होगी तथा 06 किश्तों से कम के मामलों में कोई डिफाल्ट की अनुमति नही होगी।
ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने बताया कि योजनान्तर्गत निजी नलकूप के उपभोक्ताओ को उनके 31 मार्च 2023 तक के देय सरचार्ज एवं अन्य सभी अर्ह उपभोक्ताओं को उनके 31 अक्टूबर 2023 तक के देय सरचार्ज में छूट प्राप्त होगी। उपभोक्ता योजना अवधि में छूट के बाद देय धनराशि का सीधा भुगतान यूपीआई, जनसेवा केन्द्र, विद्युत सखी, मीटर रीडर, राशन की दुकान, किसी भी विभागीय कैश काउन्टर तथा वेबसाइट uppcl.org पर ऑनलाइन भुगतान से इस छूट का लाभ ले सकते हैं।
उन्होंने बताया कि उपभोक्ता कारपोरेशन की वेबसाइट पर जाकर योजना के अन्तर्गत छूट के बाद देय राशि की जानकारी ऑनलाइन प्राप्त कर सकते है। बिल पर लिखा खाता संख्या फीड करते ही उपभोक्ता को समस्त विवरण जिसमें देय धनराशि, मूल धनराशि, सरचार्ज में छूट, भुगतान हेतु राशि आदि परिलक्षित होगीं।
ऊर्जा मंत्री ने बताया कि उपभोक्ता के बिल में यदि संशोधन आवश्यक है तो योजना अवधि में अपने क्षेत्र से सम्बन्धित अधिशासी अभियन्ता एवं एसडीओ कार्यालय अथवा ग्रामीण क्षेत्रो में सीएससी केन्द्रों पर जाकर अथवा स्वयं भी उ.प्र.पा.का.लि. की वेबसाइट uppcl. org के उपभोक्ता कार्नर > सेवा अनुरोध > बिल सुधार अनुरोध में जाकर स्वयं को रजिस्टर कर बिल संशोधन का अनुरोध दर्ज कर सकता है। उपभोक्ता स्वयं भी अपना संषोधित बिल वेबसाइट पर देख सकता है।
श्री शर्मा ने कहा कि विद्युत चोरी के प्रकरणों में उपभोक्ता को देय निर्धारण राशि का 10 प्रतिशत पंजीकरण राशि के रूप में योजना का लाभ लेने के लिये जमा कराना होगा। जिसके उपरान्त शेष निर्धारण राशि (छूट के बाद) को एकमुश्त अथवा अधिकतम 03 किश्तों में जमा कराने का विकल्प उपलब्ध होगा। इसके लिये नियमित विद्युत संयोजन वाले उपभोक्ता भी अर्ह होगें, जिनके परिसर में चेकिंग के दौरान अनियमितता पाये जाने पर उनके विरुद्ध राजस्व निर्धारिण कर बिल निर्गत किया गया है। स्थाई रूप से विच्छेदित बकायेदारों के प्रकरण तथा विवादित एवं विभिन्न न्यायालयों में लम्बित मामले भी समाधान हेतु अर्ह होगें। जिन उपभोक्ताओं के विरुद्ध आरसी निर्गत है, उनको भी इस योजना का लाभ मिलेगा।
ऊर्जा मंत्री ने विभागीय अधिकारियों एवं कार्मिकों को निर्देशित किया है कि उपभोक्ताओं को इस योजना का व्यापक लाभ देने के लिये योजना का स्थानीय स्तर पर व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। साथ ही बकायेदार उपभोक्ताओं से संपर्क करके उन्हें लाभ दिलाया जाये। उपभोक्ताओं के बिलों में संशोधन के लिए अपने अपने क्षेत्रों में लगातार कैम्पों का भी आयोजन किया जाए।