अरुण पटेल हत्याकांड : कोरांव पहुंचकर सरदार सैनिकों ने बनाया दबाव तब अरुण पटेल हत्याकांड में पुलिस हुई सक्रिय
Sachchi Baten Fri, Mar 28, 2025

सरदार सेना की चेतावनी, 24 घंटे के अंदर आरोपित गिरफ्तार नहीं किए गए तो सरदार सैनिक पकड़कर करेंगे पुलिस के हवाले
अरुण कुमार पटेल की फाइल फोटो।
-सरदार सेना के अध्यक्ष डॉ. आरएस पटेल लाव-लश्कर के साथ पहुंचे कोरांव थाना के बैठकवा गांव
कोरांव, प्रयागराज (सच्ची बातें)। शुक्रवार को सरदार सेना के सैनिकों ने कोरांव पहुंच कर जब दबाव बनाया तो पुलिस बैठकवा गांव निवासी अरुण पटेल हत्याकांड में सक्रिय हुई। सरदार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. आरएस पटेल वहीं से फोन पर एसीपी को चेतावनी दी कि 24 घंटे के अंदर नामजद आरोपितों की गिरफ्तारी नहीं होती तो बैठकवां गांव में ही सरदार सेना की पंचायत होगी, जिसे संभाल पाना पुलिस के मुश्किल होगा। एसीपी ने आश्वस्त किया कि आरोपितों की गिरफ्तारी यथाशीघ्र होगी।
एसीपी के आश्वासन पर डॉ. आरएस पटेल और उनके साथी लौट तो आए, लेकिन 24 घंटे बाद होने वाली सरदार पंचायत की भी तैयारी में जुट गए हैं।
बता दें कि कोरांव थाना क्षेत्र की पटेहरी ग्राम पंचायत के बैठकवा गांव निवासी अरुण कुमार पटेल (32) की हत्या बीते 23 फरवरी की ही रात ब्राह्मण दबंगों ने कर दी। इस मामले में एफआईआर भी नामजद हुई। पुलिस ने आरोपितों को एक-एक करके पकड़ा, लेकिन बाद में छोड़ दिया। आखिर क्यों? इस सवाल का माकूल जवाब न मिलने से मृतक के परिजन चिंतित थे। उनको परिवार के एक सदस्य की हत्या का दर्द तो साल ही रहा है, साथ में न्याय की उम्मीद भी दिन बीतने से साथ धुंधली होती जा रही है।
मृतक अरुण कुमार पटेल टेंट का व्यवसायी था। इसके पिता लालचंद पटेल की ओर से थाना में दी गई तहरीर के अनुसार अरुण कुमार पटेल 23 फरवरी 2025 से लापता था। 24 फरवरी को इसकी सूचना थाना में दी। अगले दिन 25 फरवरी को पटेहरी गांव में सरसों के खेत में अरुण का शव पाया गया। उसके शरीर पर चोट के निशान से स्पष्ट हो गया था कि मारपीट कर उसकी हत्या की गई है। मुंह में कपड़ा भी ठूंसा गया था। एफआईआर में पटेहरी निवासी सुशील तिवारी, अर्चना तिवारी को हत्या के मामले में नामजद आरोपित बनाया गया। तीन अन्य अज्ञात के भी शामिल होने की बात कही गई।
बाद में अज्ञात लोगों के नाम के भी खुलासा हुआ तो इनके भी नाम पुलिस को सौंपे गए। इनके नाम संजय तिवारी निवासी पटेहरी, छोटेलाल तिवारी पटेहरी, संजय तिवारी दुबेपुर मिर्जापुर हैं।
पीड़ित पक्ष का कहना है कि अरुण कुमार का टेंट का पैसा सुशील तिवारी के यहां बकाया था। उसने साजिशन अपनी बेटी अर्चना से फोन करवाकर अरुण को बुलवाया। और, सभी ने मिलकर लाठी-डंडे से मारपीट कर उसकी हत्या कर दी। कोरांव थाने की पुलिस पर आरोप लगाया कि जांच में ढिलाई बरती जा रही है। आरोपितों को पकड़ने के बाद छोड़ देने से इस आरोप को और बल मिलने लगा था।
पीड़ित परिजनों ने हर उस दरवाजे पर दस्तक दी, जहां से उनको न्याय मिलने की जरा भी उम्मीद थी, लेकिन हर जगह से नाउम्मीदी ही हाथ लगी। इस घटना की जानकारी जब मीडिया के माध्यम से सरदार सेना के अध्यक्ष डॉ. आरएस पटेल को मिली तो वह बनारस से अपने साथियों समेत कोरांव थाना के बैठकवा गांव में शुक्रवार को पीड़ित परिजन से मिलने पहुंच गए। वहां पर परिजनों से बात करके घटना की सिलसिलवार जानकारी ली। इसक बाद संबंधित एसीपी से फोन पर बात की।
कहा कि 24 घंटे के अंदर यदि आरोपितों की गिरफ्तारी नहीं होती तो सरदार सेना भी संविधान के दायरे में रहते हुए अपनी कार्रवाई करेगी। जरूरत पड़ने पर आरोपितों को सरदार सैनिक ही पकड़कर पुलिस के सिपुर्द करेंगे। डॉ. आरएस पटेल के साथ सेना के उत्तर प्रदेश प्रभारी एडवोकेट रामलाल सिंह पटेल, मीडिया प्रभारी कृष्ण मुरारी पटेल सहित दर्जनों लोग कोरांव थाना के बैठकवा गांव पहुंचे थे।
विज्ञापन