छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023ः ब्राह्मण से ब्राह्मण को कहीं नहीं लड़ाया, ताकि इनकी एकता न टूटे
-10 फीसद सवर्ण जातियों के लिए कांग्रेस ने दी 20 फीसद सीटें, भाजपा ने 21 फीसद
-48 फीसद ओबीसी के लिए कांग्रेस व भाजपा ने दी 34-34 फीसद सीटें ही
-महिलाओं को भी 33 फीसद टिकट नहीं दिया कांग्रेस व भाजपा सहित किसी ने
राजेश पटेल
प्रख्यात समाजवादी विचारक रहे दिवंगत किशन पटनायक ने एक लेख में लिखा था, ‘कांग्रेस व भारतीय जनता पार्टी एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। इनमें सत्ता को लेकर एक गुप्त समझौता है। कांग्रेस सत्ता में रहे या भारतीय जनता पार्टी। कोई तीसरी पार्टी नहीं।’ जब यह लेख पढ़ा था, तब से लेकर आज तक गंगा में बहुत पानी बह चुका है। दोनों पार्टियों का नेतृत्व बदल गया है। चेहरा भी। लेकिन चाल वही पुरानी ही है। सत्ता व राजनीति में सवर्णों के वर्चस्व को लेकर इन दोनों पार्टियों की चाल एक ही है। छत्तीसगढ़ में हो रहे विधानसभा चुनाव में जिस तरह से टिकट का बंटवारा किया गया है, उसका सूक्ष्म विश्लेषण करने पर इनकी रणनीति का खुलासा हो जा रहा है।
छत्तीसगढ़ में विधानसभा की 90 सीटें हैं। इनमें 39 सीट आरक्षित है। 29 अनुसूचित जनजाति के लिए तथा 10 अनुसूचित जाति के लिए। इन दोनों समुदाय की आबादी के हिसाब से देखा जाए तो यह उचित है। इनकी आबादी करीब 43 फीसद है, तो इतनी सीटें इनके लिए बनती हैं। 51 सीटें यानि 57 फीसद अनारक्षित हैं।
इन्हीं 51 यानि 57 फीसद अनारक्षित सीटों पर कांग्रेस व भारतीय जनता पार्टी ने इतनी चालाकी से खेल किया है कि आम लोगों को समझ में ही नहीं आएगा। बात पहले कांग्रेस की, जो इस समय कुछ ज्यादा ही ओबीसी राग अलाप रही है। कांग्रेस ने 10 फीसद सवर्ण जातियों को 18 सीटों पर यानि 20 फीसद टिकट दे दिया है। इनमें ब्राह्मण आठ, ठाकुर पांच, कायस्थ एक, सिक्ख दो हैं।
भारतीय जनता पार्टी इसमें पीछे क्यों रहे। इसने एक सीट और बढ़ा कर सवर्णों को दे दिया है। भाजपा ने ब्राह्मण सात, ठाकुर सात तथा मारवाड़/बनिया पांच, कुल मिलाकर 19 सीटों पर सवर्णों को उम्मीदवार बनाया है। यानि 10 फीसद के लिए 21 फीसद टिकट। दोगुना से भी ज्यादा।
अब आते हैं ओबीसी पर। कांग्रेस ने 43 फीसद ओबीसी आबादी के लिए 31 सीटें दी हैं। कुल 34 फीसद भागीदारी। भाजपा ने भी यही काम किया है। 31 सीटों पर ही ओबीसी उम्मीदवार को लड़ाया है।
बात महिलाओं की करें तो अभी संसद में जब महिला आरक्षण बिल महिला शक्ति वंदन विधेयक पारित हो रहा था तो सभी ने बड़े-बड़े भाषण दिए थे। जब टिकट की बारी आई तो वही पुराना रवैया। कांग्रेस ने 18 सीटों पर यानि मात्र 20 फीसद और भारतीय जनता पार्टी ने 15 सीट यानि सिर्फ 17 फीसद हिस्सेदारी महिलाओं को दी है। सवाल उठता है कि क्या महिलाओं को 33 फीसद आरक्षण सिर्फ चुनावी जुमला था।
अब सबसे अहम बात। दोनों पार्टियों कांग्रेस व भारतीय जनता पार्टी का ब्राह्मण प्रेम। छत्तीसगढ़ में ब्राह्मणों की आबादी करीब तीन फीसद है। कांग्रेस ने आठ व भारतीय जनता पार्टी ने सात टिकट ब्राह्मणों को दिया है। कुल मिलाकर 15, यानि आबादी से करीब पांच गुना ज्यादा। इस पर भी तुर्रा यह कि इनके सामने कोई ब्राह्मण उम्मीदवार नहीं है। मतलब कांग्रेस के हों या भाजपा के, जीतेंगे ब्राह्मण ही। इनकी एकता भी बनी रहेगी।
सीटवार आंकड़ा
1. विधानसभा बिलासपुर से पंडित शैलेश पाण्डेय (कांग्रेस पार्टी)
2. विधानसभा बलौदा बाजार से पंडित शैलेश नितिन त्रिवेदी (कांग्रेस पार्टी)
3. विधानसभा रायपुर ग्रामीण से पंडित पंकज शर्मा (कांग्रेस पार्टी)
4. विधानसभा रायपुर पश्चिम से पंडित विकास उपाध्याय (कांग्रेस पार्टी)
5. विधानसभा रायपुर दक्षिण से पंडित महन्त राम सुन्दर दास (कांग्रेस पार्टी)
6. विधानसभा साजा से पंडित रविन्द्र चौबे (कांग्रेस पार्टी)
7. विधानसभा दुर्ग शहर से पंडित अरुण बोरा (कांग्रेस पार्टी)
8. विधानसभा राजीम से पंडित अमितेश शुक्ला (कांग्रेस पार्टी)
9. विधानसभा बेलतरा से पंडित सुशांत शुक्ला (भाजपा)
10. विधानसभा भाठापारा से पंडित शिवरतन शर्मा (भाजपा)
11. विधानसभा धरसिवा से पंडित अनुज शर्मा (भाजपा)
12. विधानसभा रायपुर नगर उत्तर से पंडित पुरंदर मिश्रा (भाजपा)
13. विधानसभा भिलाई नगर से पंडित प्रेमप्रकाश पाण्डेय (भाजपा)
14. विधानसभा कवर्धा से पंडित विजय शर्मा (भाजपा)
15. विधानसभा पंडरिया से पंडित भावना बोहरा (भाजपा)
इनके सामने के उम्मीदवार
-बिलासपुर से भाजपा ने कांग्रेस के शैलेश पांडेय के खिलाफ अमर अग्रवाल को मैदान में उतारा है।
-बलौदा बाजार से पंडित शैलेश नितिन त्रिवेदी (कांग्रेस पार्टी) के खिलाफ भाजपा ने टंकराम वर्मा को टिकट दिया है।
– रायपुर ग्रामीण से पंडित पंकज शर्मा (कांग्रेस पार्टी) के खिलाफ भाजपा ने मोतीलाल साहू को लड़ाया है।
-रायपुर पश्चिम से पंडित विकास उपाध्याय (कांग्रेस पार्टी) के खिलाफ भाजपा के राजेश मूणत मैदान में हैं।
-रायपुर दक्षिण से पंडित महन्त राम सुन्दर दास (कांग्रेस पार्टी) के खिलाफ भाजपा के बृजमोहन अग्रवाल हैं।
-साजा से पंडित रविन्द्र चौबे (कांग्रेस पार्टी) के सामने भाजपा के ईश्वर साहू हैं।
-दुर्ग शहर से पंडित अरुण बोरा (कांग्रेस पार्टी) के सामने भाजपा के गजेन्द्र यादव हैं।
-राजीम से पंडित अमितेश शुक्ला (कांग्रेस पार्टी) के सामने भाजपा के रोहित साहू हैं।
-बेलतरा से पंडित सुशांत शुक्ला (भाजपा) के सामने कांग्रेस से विजय केसरवानी हैं।
-भाठापारा से पंडित शिवरतन शर्मा (भाजपा) के सामने कांग्रेस से इंद्र कुमार साव हैं।
-धरसिवा से पंडित अनुज शर्मा (भाजपा) के सामने कांग्रेस की छाया वर्मा हैं।
-रायपुर नगर उत्तर से पंडित पुरंदर मिश्रा (भाजपा) के सामने कांग्रेस के कुलदीप सिंह जुनेजा।
-भिलाई नगर से पंडित प्रेमप्रकाश पाण्डेय (भाजपा) के सामने कांग्रेस के देवेंद्र यादव।
-कवर्धा से पंडित विजय शर्मा (भाजपा) के खिलाफ कांग्रेस के मोहम्मद अकबर हैं।
-पंडरिया से पंडित भावना बोहरा (भाजपा) के सामने कांग्रेस नीलकंठ चंद्रवंशी को मैदान में उतारा है।
(लेखक sachchibaten.com के प्रधान संपादक हैं।)